नींबू और थाइम के साथ बेक्ड मछली
रविवार
नाश्ता
टमाटर और प्याज के साथ उबला हुआ अंडा
दोपहर के खाने में
हुए टमाटर के साथ चिकन
रात का खाना
ग्रिल्ड मछली या चिकन के साथ हरी सब्जियों का सलाद।
और पढ़ें: हार्ट अटैक के बाद डायट का रखें खास ख्याल! जानें क्या खाएं और क्या न खाएं
कीटो डायट वर्सेज पेलियो डायट
इस बारे में दि हेल्थ केयर की डायटिशियन अरूणा गोयल का कहना है कि अक्सर लोग पेलियो और कीटो डायट को एक समझने की गलती करती हैं। लेकिन दोनों डायट एक-दूसरे से अलग हैं। पैलियो डायट में नेचुरल फूड्स शामिल होते हैं, जो भूख लगने वाले हार्मोन को बैलेंस करने का काम करते हैं। इसके सेवन से मोटापा कंट्रोल होने के साथ मेंटल हेल्थ भी अच्छी बनी रहती है। पैलियो डायट को स्टोन-एज डायट भी कहा जाता है। इस डायट में फल, सब्जी, लीन मीट, मछली, अंडा व नट्स आदि का सेवन किया जाता है । इसमें अनाज, डेयरी उत्पाद, नमक, प्रोसेस्ड फैट और चीनी आदि का सेवन मना किया जाता है। इसी तरह कीटो डायट के अपने फायदे भी है। इसी तरह कीटो डायट में कम कार्बोहाइट्रेड वाली चीज खायी जाती है। इसमें चावल, रोटी, पास्ता,मकई, मिठाई, फल और सब्जियां शामिल की जाती हैं। पेलियो डायट में मुख्यरूप से नॉनवेज, फल, नट्स और पत्तेदार सब्जियाें पर जोर दिया जाता है।
कीटो डायट वर्सेज पेलियो डायट: पेलियो और कीटो डायट के बीच समानताएं
पेलियो और कीटो दो प्रकार के प्लान होते हैं, जो फैट कम करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इस डायट में नट्स और हरी सब्जियों का सेवन अधिक किया जाता है। दोनों ही डायट वजन को कम करने के लिए प्रभावकारी है। ये दोनों ही डायट डायबिटीज 2, ब्लड प्रेशर, हार्ट की प्रॉब्लम और मेंटल हेल्थ सही होने में मदद मिलती है। ये डायट प्रभावकारी हैं, लेकिन आपको किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉबलम है तो इस डायट के सेवन से बचें।
और पढ़ें: Keto Diet: क्या है कीटो डायट प्लान और इसे कैसे करें फॉलो?
कीटो डायट वर्सेज पेलियो डायट: पेलियो बनाम कीटो डायट के बीच अंतर
पेलियो डायट में मुख्य रूप से मांस, मछली, सब्जियां और फल शामिल होते हैं और डेयरी या अनाज उत्पादों व भोजन को छोड़कर, जबकि कीटो वसा और वसा में उच्च आहार को आधारित होता है। कार्बोहाइड्रेट में कम है। कीटो डायट वसा में अधिक है पेलियो डाट में प्रोटीन अधिक होता है। हालांकि पेलियो आहार में अभी भी विभिन्न प्रकार के स्वस्थ वसा शामिल हैं जबकि कीटो एक उच्च वसा वाला आहार माना जाता है , क्योंकि यह वसा दैनिक कैलोरी का लगभग 75 प्रतिशत प्रदान करता है। कीटो डायट में कार्ब्स की मात्रा हर दिन (लगभग 20-30 ग्राम शुद्ध कार्ब्स) होनी चाहिए, क्योंकि यह पोषण किटोसिस में आने के लिए महत्वपूर्ण है। जबकि पेलियो डाइट का लक्ष्य कीटोसिस में नहीं जाना है, बल्कि बस एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाना है।
कीटो डायट वर्सेज पेलियो डायट: वजन घटाने के लिए कौन है सबसे बेहतर
यह कहना गलत नहीं है कि ये दोनों ही डाइट प्लान अपने आप में बेहतर है लेकिन जब बात आती है इनकी तुलना करने की तो इन दोनों में से किसी एक को कम और ज्यादा आंकना संभव नहीं है। इसलिए यह स्पष्ट कर पाना मुश्किल है कि इन दोनों में बेहतर कौन है ? क्योंकि दोनों स्वस्थ आहार हैं, जिनमें वजन घटाने, चयापचय स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और बहुत कुछ को नियंत्रण रखने का काम करते हैं। हालांकि पेलियो डायट को आप लंबे समय तक प्रयोग में ला सकते हैं लेकिन बात करें कीटो डायट की तो यह थोड़ा मुश्किल होता है। अगर आपको किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम है, तो आप डॉक्टर से सलाह के बाद ही इसे फाॅलो करें।