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बुजुर्गों में अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है बेहद तकलीफ भरी, जानें उपचार विधि

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Shilpa Khopade द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/12/2021

    बुजुर्गों में अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है बेहद तकलीफ भरी, जानें उपचार विधि

    जोड़ों में होने वाली सूजन या  हड्डी में घिंसाव से उत्पन्न दर्द को अर्थराइटिस कहते हैं। यह एक जॉइंट या कई  जॉइंट्स को प्रभावित कर सकता है। विभिन्न कारणों और उपचार के साथ 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के अर्थराइटिस होते हैं। सबसे आम प्रकारों में से दो ऑस्टियोअर्थराइटिस (OA) और रयूमेटाॅइड अर्थराइटिस (RA) हैं। अर्थराइटिस के लक्षण आमतौर पर समय के साथ-साथ विकसित होते हैं, लेकिन वे अचानक से व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि अर्थराइटिस उपचार संभव नहीं है। आप आर्थराइटिस उपचार के प्रकार (Arthritis treatment types) को समझकर आसानी से इस शारीरिक समस्या से पीछा छुड़ा सकते हैं। ये बीमारी सबसे अधिक 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में देखी जाती है, लेकिन यह किशोर और छोटे बच्चों में भी हो सकती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा वजन वाले लोगों में यह परेशानी आम है।

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार को समझना

    अर्थराइटिस के इंफ्लेमेटरी रूप में संधिशोथ (आरए), सोरियाटिक गठिया, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस), किशोर इडियोपैथिक गठिया (जेआईए) या ल्यूपस शामिल हैं।

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार व दवाएं

    चाहे आपको पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस, रयूमेटाइड अर्थराइटिस, सोरियाटिक अर्थराइटिस, या अर्थराइटिस और संबंधित रोगों के लगभग 100 अन्य रूपों में से एक है। इसके साथ आपके उपचार के लिए बहुत सारी दवाइयां भी उपलब्ध हैं। जो लक्षणों को कम कर सकती हैं, बीमारी को धीमा कर सकते हैं और आपको स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।

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    अर्थराइटिस मेडिकेशन्स लेने के विभिन्न तरीके

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार के लिए ओरल मेडिसिन्स

    अर्थराइटिस के लिए आपके द्वारा ली जाने वाली कई दवाइयां गोली के रूप में आती हैं। ये दवाइयां पानी के साथ ही ली जाती हैं। दवाइयों पर यह भी निर्देश आते हैं, कि आप अपनी दवा को खाना खाने के बाद ही लें, लेकिन यह मायने रखता है कि आप क्या खाते हैं या पीते हैं। एक बार जब आपका शरीर गोली को पचा लेता है, तो इसकी सामग्री आपके रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाएगी और प्रभावी हो जाएगी।

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार में शामिल है टाॅपिकल मेडिसिन्स

    टॉपिकल मेडिसिन्स आपकी त्वचा के माध्यम से जोड़ो तक पहुंचाई जाती हैं। एक बार आप दवाई लें लें तो वह आपके रक्तप्रवाह में दवा की एक स्थिर खुराक को अवशोषित करता है। आप दवा के आधार पर इसे 12 या अधिक घंटों के लिए छोड़ देंगे, और फिर उस त्वचा को साफ़ कर दें। यदि आपको सोरियाटिक या अन्य त्वचा की स्थिति है, तो टोपिकल मेडिसिन्स का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें।

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार के लिए सेल्फ इंजेक्शन

    कुछ लोग DMARD मेथोट्रेक्सेट को एक इंजेक्शन के रूप में लेते हैं क्योंकि यह उस तरह से अधिक प्रभावी हो सकता है। कई बायोलॉजिकल ड्रग्स (DMARDs का एक उपसमूह) को इंजेक्ट किए जाते हैं क्योंकि यह कोई गोली के रूप में उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, यह अपने आप पर सुई का उपयोग करने के बारे में सोचने के लिए डरावना हो सकता है। आपका डॉक्टर या नर्स आपको दिखाएगा कि दवा कैसे तैयार करें और इंजेक्ट करें। यदि आप इसे स्वयं यह करने से डरते हैं, तो किसी मित्र या परिवार के सदस्य इसे इंजेक्शन देने के लिए कह सकते हैं। इसलिए उन्हें डॉक्टर से पूरी जानकारी लेनी जरुरी हैं।

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    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार में शामिल है इंफ्यूजन 

    कई बायोलॉजिकल दवाइयों को प्रभावी होने के लिए सीधे आपके रक्तप्रवाह में जाने की आवश्यकता होती है। आपको इन दवाओं को इंफ्यूजन के रूप में लेना होता हैं, जो एक सुई के माध्यम से एक नस में दी जाती है (जिसे आईवी कहा जाता है)। दवा लेने के लिए आप डॉक्टर के क्लीक्निक, अस्पताल पर जाना होगा। हफ्तों से लेकर महीनों तक अलग-अलग शेड्यूल पर इंजेक्शन दिए जाते हैं। आपको इंफ्यूजन प्राप्त करने के लिए अपने यात्रा कार्यक्रम से समय देने और योजना बनाने की आवश्यकता हो सकती है।

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    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार के लिए नेचुरल ट्रीटमेंट

    कुछ जड़ी-बूटियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हो सकते हैं जो रोग के सभी तरह के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। फिर भी, ऐसे दावों का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक सबूतों की कमी है। इससे पहले कि नैच्युरल तरीके से इस बीमारी का इलाज करें, उससे पहले आप सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर से बात करें। इन तरीकों को अपनाकर अर्थराइटिस से बचाव किया जा सकता है।

    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार में शामिल है सर्जरी

    सर्जरी कराने का निर्णय एक प्रमुख है। इससे पहले कि आप सर्जरी करने का फैसला करें, यह जानना सुनिश्चित करें कि क्या ऑपरेशन का सुझाव दिया जा रहा है या उसके लिए कोई विकल्प मौजूद है, क्या जोखिम है और रिकवरी प्रक्रिया में क्या शामिल है। ध्यान रखें कि हर व्यक्ति की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। आपका डॉक्टर आपको सूचित कर सकता है कि सर्जरी आपको इच्छित परिणाम नहीं भी दें ऐसा हो सकता है।

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    अर्थराइटिस उपचार के प्रकार के लिए फिजियोथेरिपी

    एक फिजियो थेरिपिस्ट आपको सुरक्षित और प्रभावी ढंग जीवन जीने में मदद कर सकता है। फिजियो थेरिपिस्ट ऐसी स्थितियों को रोकने, निदान और इलाज या  उपचार करने में मदद करते हैं जो शरीर की गति और दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता को कम करते हैं फिजिकल थेरिपिस्ट शरीर को योग्य गति प्रदान करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। गतिविधियों में अंदर और बाहर निकलने से लेकर सीढ़ियां चढ़ने, अपने आसपास घूमना, कोई खेल खेलना या मनोरंजक गतिविधियां करना कुछ भी हो सकता है।

    इस बीमारी में फिजियो थेरिपिस्ट के लक्ष्यों में जोड़ों के गति में सुधार करना, जोड़ों कि ताकत बढ़ाना और फिटनेस बनाए रखना और दैनिक गतिविधियों को करने की क्षमता बढ़ाना शामिल हैं।

    बुजुर्गों में अर्थराइटिस से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    अर्थराइटिस की समस्या किसी भी उम्र में किसी भी लिंग के व्यक्ति को प्रभावित को कर सकता है। हालांकि, इसकी समस्या बुजुर्गों में सबसे होती है। क्योंकि बढ़ती उम्र में हड्डियों का विकास रूकने लगता है और वे कमजोर होने लगती हैं। इसलिए अगर आप 50-60 की उम्र के अर्थराइटिस की समस्या से बचे रहना चाहते हैं, तो आपके अपने 30 से 40 उम्र के पड़ाव में अपने दैनिक आहार और शारीरिक एक्टीवीटिज का खास ख्याल रखना चाहिए।

    बुजुर्गों में अर्थराइटिस से बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखा जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    • नियमित रूप से एक्सरसाइज करना।
    • पौष्टिक आहार खाना।
    • अर्थराईटिस जोड़ो में मौजूद कार्टिलेज की कमी के कारण होता है। कार्टिलेज की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में बादाम और अखरोट की भरपूर मात्रा को शामिल करें।
    • अर्थराइटिस की समस्या में रोगी को अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। इसके अलावा उन्हें, बार-बार उठ-बैठ भी नहीं करनी चाहिए और न ही उन्हें जमीन पर बैठना चाहिए।
    • साथ ही, अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। जिसमें वे अदरक, लहसुन, लाल मिर्च, सेब का सिरके का सेवन भी कर सकते हैं। वहीं, सरसों के तेल से जोड़ों की मालिश भी कर सकते हैं।

    अगर अर्थराइटिस उपचार के प्रकार या आर्थराइटिस उपचार के प्रकार (Arthritis treatment types) से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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