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World Baking Day : बेकिंग फूड्स, फ्राइंग फूड्स से क्यों होते हैं बेहतर, क्या आप जानते हैं इस बारें में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2020

    World Baking Day : बेकिंग फूड्स, फ्राइंग फूड्स से क्यों होते हैं बेहतर, क्या आप जानते हैं इस बारें में

    बेकिंग खाने को पकाने का एक जरिया है। खाने को पकाने के मुख्य रूप से दो प्रोसेस होते हैं। बेक्ड या फिर फ्राइड प्रोसेस का यूज कर खाना पकाया जाता है। अक्सर लोगों को बेक्ड या फिर फ्राइड फूड को लेकर कुछ न कुछ मतभेद होता है। बेक्ड फूड को फ्राइड फूड के कंपेयर में हेल्दी माना जाता है। इसके पीछे कई कारण भी है। वसा की मात्रा तले हुए खाने में ज्यादा होती है इसलिए फ्राइड फूड शरीर के लिए हेल्दी नहीं माने जाते हैं, जबकि बेक्ड फूड के साथ ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती है। दुनिया भर में 17 मई को वर्ल्ड बेकिंग डे सेलिब्रेट किया जाता है। बेकिंग फूड के क्या फायदे होते हैं और बेकिंग डे क्यों सेलिब्रेट किया जाता है, इस आर्टिकल के माध्यम से जानि्ए।

    बेक्ड फूड या फ्राइड फूड में कौन है बेहतर ?

    दुनिया भर में एक खास दिन में बेकिंग डे सेलीब्रेट किया जाता है। इस डे को सेलीब्रेट करने का उद्देश्य बेकिंग फूड को अधिक लोगों तक पहुंचाना है। बेकिंग फूड के अपने अलग फायदे होते हैं। फ्राइड और क्रंची समोसा किसे नहीं अच्छा लगता है, लेकिन जो लोग खुद का वेट मेंटेन करना चाहते हैं, उन्हें समोसे से दिक्कत हो सकती है। वजह सिर्फ इतनी है कि समोसे को डीप फ्राई किया जाता है। हेल्थ रिस्क के चलते ही कुछ लोग इसे खाना नहीं पसंद करते हैं। वैसे भी रिचर्स से ये बात सामने आ चुकी है कि जो लोग अधिक मात्रा में फ्राइड फूड खाते हैं, उन्हें टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिसीज होने का खतरा अधिक रहता है। ऑयल का दोबारा यूज करने से फूड में ऑयल अधिक एब्जॉर्व होता है, जिसके कारण हेल्थ रिस्क अधिक बढ़ जाता है। जबकि बेक्ड फूड में अधिक टेम्परेचर में फूड पकता है। बेकिंग प्रोसेस में ऑयल की जरूरत भी नहीं पड़ती है। कुछ लोग बेकिंग के समय थोड़ा सा ऑयल भी यूज करते हैं। यानी जो लोग हेल्थ कॉन्शियस हैं, उन्हें बेक्ड फूड और फ्राइड के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।

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    बेक्ड फूड के फायदे (Benefits of baked food)

    लो इन फैट (Low in fat)

    बेकिंग करते समय फूड में हल्का सा ऑयल यूज किया जाता है, जिसके कारण इनमे फैट कम होता है। कुछ लोग बेक करते समय ऑयल का बिल्कुल यूज नहीं करते हैं। यानी बेकिंग फूड को इच्छा के अनुसार बेक किया जा सकता है और ये खाने में स्वादिष्ट भी लगते हैं। हाई हीट के कारण फूड का नैचुरल फैट भी बर्न हो जाता है। वहीं कुछ लोग ऑयल के स्थान में थोड़ी सी मात्रा में एप्पल सॉस का भी यूज कर लेते हैं, जो इसे हेल्दी भी बनाता है।

    रिच टेस्ट (Rich taste)

    लो फैट कंटेंट के कारण बेक्ड फूड हेल्दी होते हैं। बेक्ड फूड टेस्टी, जूसी और क्रंची होता है। क्रंची फूड के लिए ही ऑयली फूड को पसंद किया जाता है, जबकि बेकिंग की हेल्प से भी क्रंची फूड तैयार हो जाता है।

    हेल्दी लाइफस्टाइल को प्रमोट करता है (Promotes healthy lifestyle)

    जो लोग हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करना चाहते हैं, हेल्दी फूड उनके लिए अच्छा ऑप्शन है। स्पेशल डायट या वेट लॉस डायट वाले लोग अपनी डायट में बेक्ड फूड को शामिल कर सकते हैं।

    हाई न्यूट्रीएंट्स (High nutrients)

    मिनिरल्स और कुछ विटामिंस वॉटर सॉल्युबल होते हैं। बेकिंग के समय ड्राई हीट का यूज होता है जिस कारण से मिनिरल और विटामिन नष्ट नहीं होते हैं। जबकि फ्राइड फूड में विटामिन और मिनिरल्स डिस्ट्रॉय हो जाते हैं। यही कारण है कि बेक्ड फूड में अधिक पोषण होता है।

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    बेक्ड फूड या फ्राइड फूड: फ्राइड फूड के नुकसान (Side Effects of Fried Food)

    स्टडी में ये बात सामने आई है कि फ्राइड फूड अधिक मात्रा में खाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। फ्राइड फूड खाने से क्रॉनिक डिसीज के साथ ही मोटापे की समस्या भी हो जाती है। जानिए फ्राइड फूड खाने से किस तरह से नुकसान हो सकते हैं।

    हाई कैलोरी (High Calories)

    फ्राइंग फूड में ऑयल और फैट होता है, जिसमें उच्च कैलोरी होती है। फिर चाहे वो डीप-फ्राइंग, शैलो-फ्राइंग हो, तले हुए खाने में अधिक फैट और कैलोरी ज्यादा होती है।

    फ्राइड फूड से हार्ट डिसीज की समस्या (Risk of Heart disease)

    अधिक मात्रा में फ्राइड फूड खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। साथ ही हार्ट की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो महिलाएं वीक में एक से दो बार फ्राइड फिश खाती हैं , उनमें हार्ट फेलियर का 48% खतरा बढ़ जाता है।

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    फ्राइड फूड से डायबिटीज की समस्या (Diabetes)

    फ्राइड फूड खाने से टाइप 2 डायबिटीज की समस्या भी बढ़ जाती है। एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो लोग वीक में दो बार से ज्यादा अधिक तली चीजों का सेवन करते हैं, उनमे अन्य लोगों के मुकाबले डायबिटीज की समस्या होने का खतरा अधिक होता है।

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    फ्राइड फूड से मोटापे की समस्या (Obesity)

    फ्राइड फूड का सेवन अधिक करने से मोटापे की समस्या भी हो जाती है। मोटापा होने से हार्मोन गड़बड़ हो जाते हैं जिस कारण से शरीर में अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं। अगर फ्राइड फूड से होने वाली समस्या से बचना है तो बेहतर होगा कि खाने में यूज होने वाले ऑयल को चेंज करें या फिर बेकिंग मैथड का यूज करें।

    किडनी और लंग्स को डैमेज करता है (Damage kidney and lungs)

    स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों के साथ उच्च तापमान पर डीप फ्राई करने से ऑयल का ऑक्सीकरण हो सकता है। ऑक्सीडाइज ऑयल आपके दिल, फेफड़े और गुर्दे के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ससे उच्च रक्तचाप और एथेरोस्क्लेरोसिस भी हो सकता है।

    बेकिंग और कुकिंग : इन बातों का रखें ध्यान (Take care of these things)

    ये जरूरी नहीं है कि आप अपनी आदत को बदलकर पूरी तरह से बेकिंग फूड पर ही डिपेंड हो जाए। बेहतर होगा कि आप बेक्ड फूड को अपनी डायट में शामिल करें और साथ ही फ्राइड फूड के लिए अच्छे ऑयल का यूज करें। कोकोनट ऑयल कुकिंग के लिए बेहतर ऑयल होता है क्योंकि कोकोनट ऑयल में 90 प्रतिशत फैटी एसिड सैचुरेचेड होता है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि आठ घंटे तक तेल को यूज करने के बाद भी तेल खराब नहीं होता है। इसी तरह ऑलिव ऑयल और एवोकॉडो ऑयल का भी यूज किया जा सकता है।

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    हैलो स्वास्थ्य किसी प्रकार की मेडिकल एडवाइज, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता है। अगर आपको खाने के ऑयल में किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो रही हो तो बेहतर होगा कि इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ लोगों को विशेष प्रकार के तेल से एलर्जी होती है। बेहतर होगा कि खाने में फ्राइड फूड की अपेक्षा बेक्ड फूड को अधिक शामिल करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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