हल्दी मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है। यह तेजी से कैलोरीज भी बर्न करती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। यह शरीर से वसा (फैट) को खत्म करने के अलावा लिवर को डिटॉक्स करती है। हल्दी के यह गुण वजन घटाने में आवश्यक योगदान देते हैं। हल्दी शरीर से खराब कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है।
आप हल्दी को अपनी सब्जियों, दूध, सलाद और स्मूथी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप हल्दी की चाय भी पी सकते हैं। टर्मरिक टी बनाने के लिए, एक पैन में पानी उबाल लें, उसमें आधी चम्मच हल्दी डालें। इस टी में आप पसंद के अनुसार अदरक, पुदीने की पत्तियां, दालचीनी पाउडर या शहद का उपयोग कर सकते हैं।
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जलने-कटने पर हल्दी का उपयोग करना है फायदेमंद :
हल्दी का उपयोग वर्षों से घावों और जख्मों को भरने के लिए किया जाता रहा है। हल्दी के एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण जख्म जल्दी भरते हैं। चोट वाली जगह पर हल्दी का पेस्ट बनाकर लगाना चाहिए। हल्दी का पेस्ट बनाने के लिए हल्दी और पानी को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस मरहम को चोट की जगह पर लगाकर पट्टी बांध लें और उसे कम से कम 12 घंटे इसी तरह रहने दें। गहरे घाव के लिए तीन से चार दिनों तक इसको दोहराएं।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए हल्दी का उपयोग:
हल्दी को एंटी-अर्थरिटिक भी कहा जाता है। हल्दी हड्डियों में दर्द और सूजन को कम करती है। उन लोगों के लिए यह बेहतरीन विकल्प है, जो हर बीमारी को कुदरती इलाज और घरेलू दवाओं से ठीक करना चाहते हैं। गठिया के दर्द के लिए ली जाने वाली दवाओं के साथ अगर हल्दी भी ली जाए तो यह बहुत असरदार साबित होती है। दूध में हल्दी मिलाकर पीना, हड्डियों की मजबूती और स्ट्रेंथ के लिए भी फायदेमंद है।
हार्ट के लिए हल्दी का उपयोग:
जब हार्ट डिसीज की बात आती है, तो हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को बेहतर बानाता है, जो कि ब्लड वेसल्स की लाइनिंग होती है। यह बात सभी जानते हैं कि एंडोथेलियम का ठीक से काम न करना हार्ट डिसीज का कारण बनता है। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को इम्प्रूव करती है। एक स्टडी का मानना है कि यह एक एक्सरसाइज की तरह इफेक्टिव है वहीं दूसरी स्टडी के अनुसार यह ड्रग की तरह काम करती है।
हल्दी के नुकसान