एंग्जायटी और पैनिक अटैक के घरेलू उपाय
आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेकर यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि पैनिक और एंग्जायटी अटैक को कंट्रोल या रोकने के लिए आप किस प्रकार के उपाय या इलाज अपना सकते हैं। ट्रीटमेंट के बारे में जानने से आपको जब भी पैनिक या एंग्जायटी अटैक पड़ेगा, तो आप उसे सही तरह से कंट्रोल कर पाएंगे।
यदि आपको लगता है कि आपको एंग्जायटी या पैनिक अटैक पड़ने वाला है, तो उन्हें काबू करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाएं –
धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लें – अगर आपको महसूस होता है कि आपकी सांस कम होने लगी है या तेजी से बढ़ रही है तो हर सांस पर ध्यान दें। सांस लेते समय कोशिश करें कि हवा आपके पेट तक जा रही हो। सांस बाहर छोड़ते समय 4 तक गिने और इसी प्रक्रिया को सांस के नियंत्रित होने तक दोहराते रहें।
स्थिति जांचें, परखें और अनुभव करें – अगर आपको पहले कभी पैनिक या एंग्जायटी अटैक पड़ा है, तो आप यह समझ सकते हैं कि यह कितना डरा देना वाला होता है। दोबारा ऐसा होने पर खुद को यह समझाएं कि यह परिस्थिति केवल कुछ ही समय के लिए सीमित रहेगी और सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
माइंडफुलनेस का अभ्यास करें – माइंडफुलनेस तकनीक का इस्तेमाल मुख्य रूप से एंग्जायटी और पैनिक अटैक को ठीक करने के लिए किया जाता है। ज्यादा से ज्यादा लोग अब इस तकनीक को अपनाने लगे हैं। इस तकनीक की मदद से आपको अपनी दिमागी स्थिति पर ध्यान लगाने की कोशिश करनी होती है। आप चाहें तो माइंडफुलनेस का अभ्यास भी कर सकते हैं। इसके लिए अपने विचार और उत्तेजना पर ध्यान केंद्रित करें और पहचानें कि आप किस स्थिति में कैसा महसूस करते हैं।
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निष्कर्ष
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक सामान्य नहीं होते हैं। हालांकि, कई बार इन दोनों को एक जैसा ही माना जाता है। लेकिन केवल पैनिक अटैक को ही डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर की श्रेणी में शामिल किया गया है। एंग्जायटी और पैनिक अटैक के लक्षण, कारण और जोखिम कारक सामान्य होते हैं। लेकिन पैनिक अटैक अधिक तीव्र और कई बार शारीरिक समस्याओं के साथ आता है। यदि आपको रोजाना पैनिक अटैक या एंग्जायटी अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।