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परमानेंट हेयर कलर के खतरे और वो सभी बातें जो आपको जानना जरूरी हैं

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

    परमानेंट हेयर कलर के खतरे और वो सभी बातें जो आपको जानना जरूरी हैं

    फैशन के दौर में हेयर कलर करना एक ट्रेंड बन गया है। मार्केट में टेम्पररी से लेकर परमानेंट हेयर कलर उपलब्ध हैं। ज्यादातर लोग अपने लुक को बदलने के लिए परमानेंट हेयर कलर का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप भी परमानेंट हेयर कलर करवाने का सोच रहे हैं तो पहले जानें कि परमानेंट हेयर कलर (permanent hair color) क्या है और यह कितना सुरक्षित है?

    परमानेंट हेयर कलर क्या है? (What is permanent hair color?)

    परमानेंट हेयर कलर ‘ऑक्सिडेशन (oxidation)’ प्रक्रिया पर काम करता है। कलर लगाने से पहले ऑक्सिडायजर (जैसे हाइड्रोजन पैराऑक्साइड) और अमोनिया को कलरिंग एजेंट के साथ मिलाया जाता है। परमानेंट हेयर कलर में अमोनिया होता है जो कि क्यूटिकल लेयर को खोलने के काम आता है ताकि डेवलपर और क्लोरेट बालों की जड़ तक पहुंच सके। डेवलपर, ऑक्सिडाईजिंग एजेंट, कई वॉल्यूम में आता है। डेवलपर वॉल्यूम जितना अधिक होगा, उतना ही बालों में लिफ्ट आता है।  

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    परमानेंट कलर कितने समय तक रहता है? (How long does the permanent color last?)

    परमानेंट हेयर कलर अनिश्चित समय तक रहता है क्योंकि यह बालों के कलर स्ट्रक्चर को स्थाई रूप से बदल देता है।

    क्या परमानेंट कलर आपके लिए सुरक्षित है? (Is permanent hair color safe?)

    परमानेंट हेयर कलर में कई तरह के स्ट्राॅन्ग केमिकल्स होते हैं जो बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

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    परमानेंट हेयर कलर के नुकसान क्या हैं? (Disadvantages of permanent hair color)

    कलरिंग हेयर रिस्क : डाई का प्रकार (Dye type)

    नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार 5,000 से अधिक केमिकल हेयर डाई में होते हैं। 2004 में, एनवायरनमेंटल वर्किंग ग्रुप EWG (एक नॉन प्रॉफिट एन्वॉयरन्मेंटल रिसर्च और एडवोकेसी एजेंसी) ने 117 पर्सनल-केयर हेयर डाई का मूल्यांकन किया और पाया कि 80 हेयर कलर्स में ऐसे केमिकल थे, जो कैंसर का खतरा पैदा कर सकते हैं।

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    परमानेंट हेयर कलर से जुड़े रिस्क : बालों का पतला होना (Thinning hair)

    जिन लोगों के बाल प्राकृतिक रूप से ही पतले हैं तो आप यह मान के चलें कि परमानेंट कलर करवाने के बाद आपके बाल और भी पतले हो सकते हैं। बालों का वॉल्यूम बढ़ाने के लिए आप बाजार में मिल रहे कई हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं जो बालों के टेक्सचर और पतलेपन को रोकने में मदद कर सकते हैं।

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     कलरिंग हेयर रिस्क : फ्रीक्वन्सी (hair coloring frequency)

    आपके बालों को डाई करने की फ्रीक्वन्सी आपके कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। 2001 में दक्षिणी कैलिफोर्निया में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं अपने बालों को एक वर्ष के लिए महीने में कम से कम एक बार या उससे अधिक समय तक परमानेंट रूप से कलर करती हैं, उनमें ब्लैडर कैंसर के विकास की संभावना दोगुनी हो जाती है।

    ब्लैडर कैंसर (bladder cancer) केवल एकमात्र बीमारी नहीं है। अमेरिकी जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी (American Journal of Epidemiology) में 2004 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं कम से कम 25 साल तक आठ बार या उससे अधिक बार परमानेंट हेयर कलर कराती हैं, उनमें नॉन-हॉजकिन लिंफोमा (एनएचएल) का जोखिम दोगुना होता है। 

    कलरिंग हेयर रिस्क : डी.एन.ए.(DNA)

    इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर (international journal of cancer) के 2011 के एक अध्ययन के अनुसार, यदि आप परमानेंट डाई का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके जीन्स आपको ब्लैडर के कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं। परमानेंट कलर में सेमि परमानेंट कलर (semi permanent color) की तुलना में अधिक टॉक्सिक कंपाउंड होते हैं।

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    गर्भावस्था में परमानेंट हेयर कलर के रिस्क

    अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन और स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान हेयर कलर मां और भ्रूण दोनों के लिए सुरक्षित है। लेकिन, कुछ केसेस में इसके दुष्प्रभाव दिख सकते हैं। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को बालों को कलर करने से पहले कई बार सोचना चाहिए खासकर कोल-टार-बेस्ड हेयर कलर प्रोडक्ट्स (hair color products) के उपयोग से बचना चाहिए।

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    कलरिंग हेयर रिस्क : हेयर डैमेज (hair damage)

    हेयर कलर करने के बाद आपके बाल रूखे और सूखे होने की संभावना बढ़ जाती हैं। परमानेंट हेयर कलर करने के बाद प्रोटीन ट्रीटमेंट और कंडीशनर का उपयोग अवश्य करें। अच्छे हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से आपके बालों की चमक बनी रहती है और साथ ही इससे बाल मजबूत होते है। हॉट ऑयल ट्रीटमेंट भी आपके कलर किए हुए बालों के लिए लाभदायक होता है।  

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    कैंसर का खतरा

    कुछ स्टडीज के अनुसार परमानेंट हेयर कलर से कैंसर जैसे रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही गाढ़े रंग के कलर से महिलाओं में ल्यूकेमिया या लिम्फोमा बीमारियां भी हो सकती हैं। हालांकि, इनके प्रभावों को लेकर कुछ शोधों में इन्हें नकारा भी गया है पर डॉक्टर्स की राय है कि कम से कम प्रेग्नेंट महिलाएं ऐसे हेयर डाई का उपयोग डॉक्टरी परामर्श के बिना ना ही करें।

    क्या कहते हैं डॉक्टर?

    डॉक्टर अजय कुमार राय (इंदिरा स्किन एंड हेयर क्लिनिक, लखनऊ) का कहना है कि “परमानेंट कलर को बनाना काफी कठिन काम है। हेयर कलर बनाने वाली कंपनियां, हेयर कलर बालों पर लम्बे समय तक रहे, इसके लिए स्ट्रॉन्ग केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से हेयर कलर के कई नुकसान हो सकते हैं। एलर्जी, स्किन पर जलन यहां तक कि हेयर कलर का जल्दी-जल्दी उपयोग करना कैंसर जैसे रोगों की संभावना बढ़ा सकता है।”

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    ध्यान दें

    लोग सफेद बालों से छुटकारा पाने के लिए परमानेंट कलर कराते हैं। हेयर कलर कराने से बाल भले कुछ दिनों के लिए अच्छे लगते हो लेकिन, बालों को रंग कराना आपकी सेहत को भारी पड़ सकता है। ब्यूटी सलून में कलर कराने से बेहतर है कि आप घर पर ही हर्बल प्रोडक्ट्स से बालों को रंग करें जो कि सेफ है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा। हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इसका साथ ही आगे आपके पास इस विषय से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ साझा करें।

    डिस्क्लेमर

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