परमानेंट हेयर कलर के नुकसान क्या हैं? (Disadvantages of permanent hair color)
कलरिंग हेयर रिस्क : डाई का प्रकार (Dye type)
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार 5,000 से अधिक केमिकल हेयर डाई में होते हैं। 2004 में, एनवायरनमेंटल वर्किंग ग्रुप EWG (एक नॉन प्रॉफिट एन्वॉयरन्मेंटल रिसर्च और एडवोकेसी एजेंसी) ने 117 पर्सनल-केयर हेयर डाई का मूल्यांकन किया और पाया कि 80 हेयर कलर्स में ऐसे केमिकल थे, जो कैंसर का खतरा पैदा कर सकते हैं।
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परमानेंट हेयर कलर से जुड़े रिस्क : बालों का पतला होना (Thinning hair)
जिन लोगों के बाल प्राकृतिक रूप से ही पतले हैं तो आप यह मान के चलें कि परमानेंट कलर करवाने के बाद आपके बाल और भी पतले हो सकते हैं। बालों का वॉल्यूम बढ़ाने के लिए आप बाजार में मिल रहे कई हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं जो बालों के टेक्सचर और पतलेपन को रोकने में मदद कर सकते हैं।
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कलरिंग हेयर रिस्क : फ्रीक्वन्सी (hair coloring frequency)
आपके बालों को डाई करने की फ्रीक्वन्सी आपके कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। 2001 में दक्षिणी कैलिफोर्निया में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं अपने बालों को एक वर्ष के लिए महीने में कम से कम एक बार या उससे अधिक समय तक परमानेंट रूप से कलर करती हैं, उनमें ब्लैडर कैंसर के विकास की संभावना दोगुनी हो जाती है।