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नहीं दिखेगा बढ़ती उम्र का असर, जब हेल्दी एजिंग की ये टिप्स होंगी आपके हाथ!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/09/2021

    नहीं दिखेगा बढ़ती उम्र का असर, जब हेल्दी एजिंग की ये टिप्स होंगी आपके हाथ!

    विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, ये बात हम सब जानते हैं। कुछ चीजों पर इंसान का जोर नहीं चलता है। समय के साथ उम्र का बढ़ना और फिर इस शरीर का खत्म हो जाना तय है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण भी दिखाई पड़ने लगते हैं। आप 20 साल के यंग पर्सन की स्किन और 40 साल के व्यक्ति की स्किन में आसानी से फर्क महसूस कर सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही स्किन ढीली पड़ने लगती है। जब उम्र बढ़ने के साथ ही आप स्वस्थ्य रहे, तो उसे ‘हेल्दी एजिंग’ का नाम दिया जाता है। कुछ फैक्टर्स होते हैं, जो हेल्दी एजिंग (Healthy Aging) को प्रभावित करते हैं। अगर कुछ स्टेप फॉलो किए जाए, तो आप हेल्थ (Health) को इंप्रूव करने के साथ ही बॉडी फंक्शन को भी मेंटेन  कर सकते हैं। हेल्दी डायट के साथ ही फिजकल एक्टिविटी में सुधार आपको कई प्रकार की शारीरिक के साथ ही मानसिक समस्याओं (Mental illness) से बचाने का काम कर सकता है और साथ ही डिजीज के रिस्क फैक्टर को भी कम करता है। जानिए सामान्य एजिंग क्या होती है ?

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    सामान्य एजिंग क्या है? (Normal Aging Process)

    हेल्दी एजिंग

    उम्र या फिर एज के बढ़ने के साथ ही शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं। आपने खुद महसूस किया होगा कि उम्र बढ़ने के साथ ही कुछ कॉमन प्रॉब्लम दिखाई पड़ने लगती हैं। सामान्य एजिंग या फिर नॉर्मल एजिंग (Normal aging) के लक्षण 30 साल की उम्र के बाद दिखाई पड़ने लगते हैं। बढ़ती उम्र के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं। आपको हम यहां सामान्य एजिंग के कारण दिखने वाले लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं।

    हड्डियां (Bones)- उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियां कमजोरी होने लगती हैं। अगर एज बढ़ने के साथ ही बोंस को जरूरी न्यूट्रीशन न मिले, तो जरा सा धक्का लगने या फिर चोट के कारण बोंस क्रेक हो जाती हैं। जॉइंट्स में कार्टिलेज दूर होने लगता है जिसके कारण  जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। अधिक उम्र में अर्थराइटिस के साथ ही अन्य जॉइंट्स में दर्द (Joint pain) की समस्या आम हो जाती है।

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    हार्ट एंड ब्लड वैसल्स (Heart and blood vessels)- धमनियों और रक्त वाहिकाओं के कठोर होने पर हार्ट का काम करना मुश्किल हो जाता है। एज बढ़ने के साथ ही हार्ट में ब्लॉकेज (heart blockage) की समस्या बढ़ने लगती है। अगर लाइफस्टाइल में सुधार न किया जाए, तो दिल की बीमारी की संभावना बढ़ती जाती है। फिजिकल एक्टिविटी दिल की सेहत को बेहतर रखने का काम करती है।

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    मसल्स (Muscles) – मांसपेशियां समय के साथ अपनी स्ट्रेथ खो देती हैं। एज बढ़ने के साथ ही मसल्स का लचीलापन खोने लगता है और मसल्स मास करीब 3-5% कम होने लगता है। 60 साल की उम्र तक ये समस्या अधिक होने लगती है। मसल्स को स्ट्रेंथ देने के लिए कुछ एक्सरसाइज  (muscle strength exercises) के साथ ही बेहतर डायट भी सहायक हो सकती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।

    स्किन में बदलाव (Skin) – उम्र बढ़ने का असर साफ तौर पर स्किन में देखने को मिलता है। स्किन में झुर्रियां पड़ जाना, स्किन का पतला हो जाना, कट या चोट का आसानी से लगना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिक उम्र में स्किन (Skin) अपनी इलास्टिसिटी खो देती है। अगर ये कहा जाए कि अधिक उम्र में स्किन को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, तो ये गलत नहीं होगा।

    wrinkles

    विजन की समस्या (Vision) –उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है। दूर का या फिर पास की वस्तुएं धुंधली दिखने लगती है। मोतियाबिंद की समस्या भी हो सकती है। कई बार धुंधली दृष्टि (blurred vision) आगे चलकर अंधेपन का कारण भी बन सकती है। समय रहते ट्रीटमेंट करवाने पर आंखों की रोशनी की सुरक्षा की जा सकती है।

    मेंटल हेल्थ ( Mental health) – मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ उम्र बढ़ने के साथ ही प्रभावित होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कम उम्र में मेंटल इलनेस के केस सामने आ रहे हैं। अकेलापन, स्ट्रेस या फिर डिप्रेशन (depression) मानसिक स्वास्थ्य को खराब करने का मुख्य कारण होता है।

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    मेमोरी और थिंकिंग (Memory and Thinking): उम्र बढ़ने के कारण मल्टीटास्किंग यानी एक साथ कई काम करने में दिक्कत आ सकती है। मेमोरी (memory loss disease) भी पहले की अपेक्षा कमजोर हो सकती है। कभी-कभार या हाल की घटनाओं को व्यक्ति भूल सकता है। कभी चाबी रखकर भूल जाना, जरूरी कागज लेना भूल जाना, कुछ दिन पुरानी बातों को भूल जाना आदि कमजोर मेमोरी के लक्षण हैं।

    हेल्दी एजिंग

    उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति को दूसरे के सहारे की अधिक जरूरत पड़ने लगती है। उठने-बैठने चलने आदि में भी समस्याएं आने लगती है। भूलने की आदत के कारण व्यक्ति खुद का ध्यान भी ठीक से नहीं रख पाता है। हेल्दी एजिंग के लिए उन समस्याओं से लड़ना बहुत जरूरी है, जो उम्र बढ़ने के साथ दिखने लगती है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है। जानिए हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।

    हेल्दी एजिंग के लिए ये प्लान बनेगा कारगर! (Plan for Healthy Aging)

    भागदौड़ भरी जिंदगी में जब तक हमारे शरीर को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, हम अपनी हेल्थ के बारे में नहीं सोचते हैं। हेल्दी एजिंग के लिए जरूरी है कि आप कम उम्र में ही अपनी लाइफस्टाइल में सुधार लाएं ताकि आपको भविष्य में शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कम ही सामना करना पड़ें। हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए आपको प्लान बनाने की जरूरत है और साथ ही उसे फॉलो करने की भी जरूरत है। आपने महसूस किया होगा कि कोई भी नई आदत डालने में शुरू में थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन कुछ समय बाद हमारा शरीर उसके लिए ढल जाता है और फिर हम बिना किसी परेशानी के उसी हिसाब से चलते हैं। हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए भी आपको ऐसा ही कुछ करने की जरूरत है। आपको यहां हम कुछ पॉइंट की मदद से बताएंगे कि आपको कैसे अपने रेग्यूलर प्लान में बदलाव करना है। ऐसा करने से आपकी उम्र बढ़ेगी जरूर, लेकिन उसके लक्षण नहीं दिखेंगे।

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    रोजाना करें एक्सरसाइज (Exercise)

    क्या आपने कभी सोचा है कि एक्सरसाइज क्यों जरूरी होती है ? जब आप एक्साइज करते हैं, तो ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है। यह त्वचा की उम्र को कम करने के साथ ही उसको डिटॉक्सीफाई करता है। ऐसा करने से हमेशा त्वचा में कसावट बनी रहती है और झुर्रियों की समस्या नहीं होती है। एक्सरसाइज शरीर में एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन को रिलीज करता है, जो चिंता को कम करने का काम करता है। फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) से शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है और हार्ट अटैक का रिस्क भी कम होता है। शरीर में एक्सट्रा फैट के कारण कई बीमारियां जन्म लेती हैं।

    अगर ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा हो रहा है, तो एक्सरसाइज के माध्यम से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। उम्र बढ़ने के साथ ही बीपी (Blood pressure) की समस्या भी आम हो जाती है। अगर नियमित व्यायाम किया जाए, तो बीपी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। वहीं एक्सरसाइज के बाद शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ जाता है। जिन लोगों में सुस्ती छाई रहती है, उन्हें एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। दिन भर एक ही स्थान में बैठकर काम करने से शरीर के कई हिस्सों में दर्द की समस्या हो सकती है, ऐसे में कुछ समय व्यायाम जरूरी होता है। वहीं स्किन की कसावट को बनाएं रखने के लिए व्यायाम मुख्य भूमिका निभाता है।

    • एक्सरसाइज की हेल्प से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
    • एक्सरसाइज करने से निगेटिव थॉट, स्ट्रेस आदि दूर होते हैं।
    • एक्सरसाइज करने से लोगों का अकेलापन दूर होता है और सोशल कॉन्टेक्ट बढ़ता है। ये अच्छे मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।
    • एक्सरसाइज करने से ब्रेन में सेरोटोनिन (serotonin), एंडोर्फिन (endorphins) और तनाव हार्मोन ( stress hormones) का कैमिकल लेवल चेंज होता है। इससे मन को शांति का एहसास होता है।
    • अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही हेल्थ रिस्क फैक्टर को कम करने के लिए एक्सपर्ट रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
    • अगर आप 40 साल के हैं, तो एक्सरसाइज के पहले मेडिकल चेकअप जरूर करा लें। अगर आपको कोई हेल्थ कंडीशन है, तो एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही एक्सरसाइज शुरू करें।

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    • आपका स्ट्रेस टेस्ट भी लिया जा सकता है। ऐसा हेल्दी लोगों के लिए जरूर नहीं होता है।
    • एक्सरसाइज के दो घंटे पहले खाना खा लें। आप एक्सरसाइज के दौरान पानी पी सकते हैं।
    • अगर आपने कभी-भी एक्सरसाइज नहीं की है, तो बेहतर होगा कि आप वॉक से शुरू करें। कुछ समय बाद आप जिम भी ज्वाइन कर सकते हैं।
    • एक्सपर्ट आपको एज के अनुसार एक्सरसाइज करने की सलाह देगा।
    • एक्सरसाइज से पहले वार्मअप करें। जॉगिंग के पहले वॉक जरूर करें। स्ट्रेच करना बिल्कुल न भूलें।
    • अगर आप एक्सरसाइज शुरू कर चुके हैं, तो बीच में उसे रोके नहीं वरना आप बीमार या फिर चोटिल भी हो सकते हैं।
    • आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training), स्ट्रेचिंग (stretching exercises), बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercises) कर सकते है। मसल्स को मजबूती देने के लिए भी एक्सरसाइज करें।
    • मौसम के अनुसार अपनी एक्सरसाइज को सेफ बनाएं। अगर गर्मी ज्यादा है, तो देर तक एक्सरसाइज करने से बचें। इस बारे में एक्सपर्ट से राय जरूर लें।
    •  चिंता या किसी टेंशन के कारण चेहरे की चमक अपने आप गायब हो जाती है। एंटी एजिंग टिप्स के तौर पर आपको अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करना नहीं भूलना चाहिए।
    • चेहरे पर झुर्रियां दूर करने के लिए  फिश पोज आपके लिए बेहतर रहेगा। इस पोज में शक्ल को मछली की तरह बनाना पड़ता है। आप डबल चिन को दूर करने के लिए हवा को गालों में कुछ देर तक भर सकते हैं। इसे दिन में आठ से दस बार करें।
    • आप स्किन को बेहतर बनाने के लिए एंटी एजिंग फेशियल एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
    •  योगाभ्यास भी हेल्दी एजिंग के लिए बहुत जरूरी है। आप एक्सपर्ट की देख-रेख में कपालभाती, अनुलोम-विलोम, सिंहासन, मयूरआसन आदि कर सकते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और स्किन ग्लो भी बढ़ेगा।

    अधिक एज में एक्सरसाइज शुरू कर रहे हैं, तो आपको अधिक सावधानी की जरूरत है। उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको हेल्दी एजिंग के लिए एक्सरसाइज करनी है, तो इस बारे में एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

    बुरी आदतों (Bad Habits) को कहें ‘बाय’

    हम सभी जानते हैं कि हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। फिर भी हम लोग कुछ बुरी आदतों को नहीं छोड़ते हैं। हेल्दी एजिंग के लिए जरूरी है कि आप अपनी बुरी आदतों (bad habits) को छोड़ दें। जो आप पहले करते थे, हो सकता है कि उसका दुष्रभाव आपकी स्किन पर या स्वास्थ्य पर न दिखाई पड़ा हो। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में बुरी आदतों का असर तेजी से दिखने लगता है।

    • खानें में ऑयली फूड को कम करें। हो सके तो कम मात्रा में ऑयली खाना खाएं। आप हरी सब्जियों को उबाल कर खा सकते हैं।
    • पानी को सिर्फ प्यास बुझाने के लिए न पिएं। एक दिन में आठ से 10 ग्लास पानी जरूर पिएं।
    • दिन में सिर्फ दो या फिर तीन बार न खाएं। आप खाने में दिन में कई हिस्सों में बांट कर खा सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही खाने के पाचन में समस्या आने लगती है। ऐसे में खाना थोड़ा-थोड़ा, कई बार खाएं।
    • खाने में फाइबर फूड को लेना न भूलें। ऐसा करने से आपको कब्ज की समस्या (Constipation) से छुटकारा मिलेगा।
    • एक दिन में ज्यादा एक्सरसाइज करने की भूल न करें। एक्सपर्ट या ट्रेनर से जरूर बात करें।
    • देर रात तक काम करना इग्नोर करें। आप सोने का समय फिस्क करें। सुबह जल्दी उठ कर एक्सरसाइज करें। अच्छी नींद अच्छी हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।
    •  धूप में निकलने से पहले खुद को पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित जरूर करें। आप आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सनग्लॉस पहन सकती हैं। साथ ही सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

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    लें अच्छी डायट (Helthy diet)

    हेल्दी एजिंग

    हेल्दी डायट (helthy diet) उम्र के सभी पड़ाव में जरूरी होती है। अगर बात हेल्दी एजिंग की जाए, तो आपको खाने में ऐसे फूड को शामिल करना चाहिए, जो ग्लोइंग स्किन के साथ ही आपके शरीर को मजबूत बना सके। आप खाने में एंटी एजिंग फूड (anti aging food) शामिल कर सकते हैं। खाने में कैल्शियम,पोटैशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, विटामिन ए, सी, के, बी -1 और बी -2 आदि को जरूर शामिल करें। उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा शुगर का सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। फ्रूट्स से दोस्ती कर लें और टमाटर, संतरा, सेब, पपाया, कीवी आदि का सेवन जरूर करें। आपको खाने में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई से भरपूर बेरी और नट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। ग्रीन लीव्स, दालें, दूध को भी अपने आहार का हिस्सा बनाएं।

    रेग्यूलर चेकअप कराना (Regular check up)

    उम्र बढ़ने के साथ ही रेग्यूलर चेकअप भी जरूरी हो जाता है। आप  फिट हैं या नहीं, ये बात रेग्यूलर चेकअप से ही पता चलती है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर को कई बीमारियां घेर सकती हैं। अगर सही समय पर चेकअप हो जाए, तो बीमारी की शुरूआत होने पर ही उसे खत्म किया जा सकता है। जब बीमारी शरीर में घर कर जाती है और धीरे-धीरे बढ़ने लगती है, तो ऐसे में ट्रीटमेंट भी मुश्किल हो जाता है। यहां हम आपको कुछ टेस्ट के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो आप 30 साल की उम्र के बाद करवा सकते हैं।

    • ब्लड प्रेशर टेस्ट
    • विजन टेस्ट
    • ब्लड शुगर टेस्ट
    • कैंसर टेस्ट
    • हार्ट डिजीज टेस्ट
    • लिवर फंक्शन टेस्ट
    • एक्स-रे
    • यूरिन टेस्ट
    • लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
    • ब्लड टेस्ट
    • डेंटल चेकअप
    • इन्फेक्शन डिजीज स्क्रीनिंग
    • थायरॉयड टेस्ट

    आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से राय जरूर लें आपको किस टेस्ट की जरूर है।

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    हेल्दी एजिंग के साथ एनर्जेटिक रहना है, तो ये टिप्स याद कर लें! (Healthy aging tips for seniors)

    एनर्जेटिक रहने के लिए आपको मॉर्निंग हेल्दी ब्रेकफास्ट जरूर करना चाहिए। जो लोग सुबह का नाश्ता मिस कर देते हैं और सीधे लंच करते हैं, उन्हें दिनभर आलस महसूस होता है। आप ब्रेकफास्ट में डेयरी प्रोडक्ट के साथ ही प्रोटीन, आयरन, विटामिन को शामिल कर सकते हैं। आप वाइट ब्रेड की जगह ब्राउन ब्रेड का इस्तेमाल करें। एनर्जेटिक रहने के लिए आपको मॉर्निंग हेल्दी ब्रेकफास्ट (Healthy breakfast) जरूर करना चाहिए। जो लोग सुबह का नाश्ता मिस कर देते हैं और सीधे लंच करते हैं, उन्हें दिनभर आलस महसूस होता है। आप ब्रेकफास्ट में डेयरी प्रोडक्ट (Diary products) के साथ ही प्रोटीन, आयरन, विटामिन को शामिल कर सकते हैं। खुद को एनर्जेटिक बनाएं रखने के लिए आप ऑफिस में म्यूजिक सुन सकते हैं। म्युजिक थेरिपी का काम करती है। लाइट म्यूजिक आपके माइंड को रिलेक्स फील कराएंगा और आप खुद को ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे।

    हेल्दी एजिंग और नींद का है गहरा ताल्लुक (Sleep and Aging) 

    आपने जरूर कही सुना या पढ़ा होगा कि जब हम सोते हैं तो शरीर में सेल्स की मरम्मत होती है और साथ ही नई त्वचा बनने की प्रक्रिया भी होती है। अगर सही से नींद न ली जाएं, तो नई सेल्स का निर्माण होने में दिक्कत होने लगती है। शरीर में मेलाटोनिन हर्मोन को ग्रोथ हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। मेलाटोनिन (melatonin) हर्मोन पीनियल ग्लैंड से रिलीज होता है और स्लीप-वेक साइकिल को कंट्रोल करने का काम करता है। अच्छी नींद शरीर के कई हार्मोन को बैलेंस करने का काम करती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि नींद के दौरान शरीर में बहुत ही अहम काम होते हैं। अच्छी नींद न केवल शरीर को रिलेक्स देने का काम करती है, बल्कि अच्छी स्किन के लिए भी जिम्मेदार होती है। अच्छी नींद (Healthy sleep) मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाने का काम करती है।

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    इम्यूनिटी बूस्टिंग टिप्स (Immunity boosting tips) अपनाएंगे, तभी तो जानेंगे!

    अच्छी हेल्थ के साथ ही अच्छी प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत जरूरी है। उम्र बढ़ने के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए खाने में विटामिन सी युक्त फूड को शामिल करना चाहिए। अपने आहार में खट्टे फलों जैसे कि नींबू, संतरा आदि को शामिल कर सकते हैं। रोजाना एक्सरसाइज भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है।

    ड्रग सेफ्टी टिप्स (Drug safety tips) – आज ही याद कर लें!

    दवाओं का सेवन करते समय हमेशा ही सवाधानी बरतनी चाहिए। अगर आपको डॉक्टर ने किसी बीमारी के लिए रोजाना दवा लेने की सलाह दी है, तो बिना भूलें दवा का सेवन करें। खुद को कम उम्र का दिखाने के लिए कभी भी किसी दवा का सेवन न करें क्योंकि हेल्दी लाइफस्टाइल (healthy lifestyle) ही आपकी हेल्थ को बेहतर बना सकते है। अगर कोई बुजुर्ग दवा का सेवन कर रहा है, तो घर के अन्य सदस्यों को भी दवाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। बिना जानकारी के किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।

    रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगी बढ़ती उम्र से परेशानी

    एक्टिव रहें

    जब तक आप जॉब करते हैं, कहने की जरूरत नहीं कि आप एक्टिव रहते हैं। रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोग खुद को एक सीमित दायरे में समेट लेटे हैं, जो कि गलत है। हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए जरूरी है कि आप खुद को एक्टिव रखें। ऐसा करने से आपको रोजाना रिफ्रेश महसूस होगा वरना आपको हर दिन बहुत मायूस लगेगा। ये शरीर को बीमार करने के लिए काफी है।

    कम्यूनिटी से रहें कनेक्ट

    अपने फ्रेंड्स के साथ हमेशा कनेक्ट रहें। ऐसा करने से आपको अपने मन की बात बताने के लिए किसी को ढूढ़ना नहीं पड़ेगा। आप अपनी पसंद की किसी भी कम्यूनिटी का हिस्सा बन सकते हैं। ये बेहतर हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।

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    न्यूट्रिशन है जरूरी

    उम्र बढ़ने के साथ शरीर की केयर भी बढ़ जाती है। अगर आप सही पोषण नहीं लेंगे, तो आपका शरीर कमजोर होगा और बीमारियां घर करने लगेंगी। खानें में मिनिरल्स (minerals), विटामिन, फाइबर, कार्ब, प्रोटीन (protein) आदि को जरूर शामिल करें। आप डायट प्लान बनाएं और रोजाना उसे फॉलो करें।

    हेल्दी एजिंग के लिए मेंटल हेल्थ को न करें इग्नोर

    शरीर को स्वस्थय रखने के साथ ही मेंटल हेल्थ का भी ख्याल रखें। उम्र बढ़ने के साथ ही चिंताएं भी बढ़ने लगती हैं। रोजाना की जिंदगी में बैलेंस करना बहुत जरूरी है। आप खुद को ऐसी एक्टिविटी में शामिल करें, जो आपके स्ट्रेस (Sterss) को कम करें।

    हेल्दी एजिंग के लिए थामें इन योगासनों का हाथ

    बुज़ुर्गों के शरीर को एक्सरसाइज़ की उतनी ही जरूरत होती है, जितनी युवाओं को होती है। एक एज के बाद आपके शरीर की मूवमेंट मुश्किल से होती है, लेकिन ख़ुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए बुज़ुर्ग योगासनों का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में, जो आपको सेहतमंद बनाने के साथ-साथ हेल्दी एजिंग (Healthy aging) में आपकी मदद करेंगे।

    त्रिकोणासन (Trikonasana)

    ये एक्सरसाइज बुज़ुर्ग आसानी से कर सकते हैं। इससे उन्हें होने वाली कूल्हों की दिक्कत और दर्द को दूर किया जा सकता है।  इसे करने के लिए अपने पैरों को कंधों के जितना खोलकर आराम से खड़े हो जाएं। अब दाएं पंजे को थोड़ा बाहर की तरफ ले जाएं और बाएं पंजे को अंदर की तरफ करें। अब दोनों हाथों को दोनों तरफ कंधे की सीध में फैला लें। इसके बाद गहरी सांस लें और फिर सांस बाहर छोड़ते हुए सिर और कमर को सामान्य रखते हुए कूल्हों की तरफ से दाई तरफ झुकें और दाएं हाथ की उंगली को तलवे के पास लगाने की कोशिश करें। अब सांस लेते (ब्रीदिंग टेक्नीक) हुए पिछली अवस्था में लौट आएं। इसके बाद दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया दोहराएं।

    Yoga for Senior Citizen- बुजुर्गों के लिए योगासन

    भुजंगासन (Bhujangasana)

    भुजंगासन भी बुज़ुर्गों के लिए एक खास आसान साबित होगा। इस आसान में आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी की पूरी तरह मालिश होती है, जिससे आपकी स्पाइन हेल्दी बनी रहती हैं। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ आपके स्टेमिना में भी इस आसान से इज़ाफ़ा होता है। इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अब तलवों को रखते हुए एड़ियों को मिलाकर रखें। अब हथेलियों को कंधों के ठीक नीचे रखें और कोहनियों को अपने शरीर के पास रखें। अब गहरी सांस लें और अपनी छाती और सिर को ऊपर की तरफ उठाएं। जितना हो सके अपनी सिर और छाती को पीछे की तरफ खींचे। इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहने की कोशिश करें और फिर सांस छोड़ते हुए आराम से पिछली अवस्था में लौट आएं। ध्यान रहे कि यदि आपको स्पाइन या नेक से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको ये आसान नहीं करना चाहिए।

    Yoga for Senior Citizen- बुजुर्गों के लिए योगासन

    पर्वतआसान (Parvatasana)

    एक उम्र के बाद पर्वतआसान आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। इसे करने के आपके पैरों और जांघों की एक्सरसाइज़ होती है और बैलेंस बनाने में मदद मिलती है। घुटनों के बल आगे की ओर झुकें। इसके बाद सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए अपने हिप्स को ऊपर उठाएं। अपनी एड़ियों को जमीन पर रखें। छाती को नीचे झुकाएं और उल्टे वी की आकृति बनाएं। कुछ देर इसी मुद्रा में रहे।

    इस बारे में एनएफएक्स के फिटनेस कोच आदित्य सिंह का कहना है कि यदि अपने एजिंग को रोकना और उम्र से कम दिखना है तो योगासान नियमित रूप से करना बहुत जरूरी है। इससे ब्लड सर्कल्युलेशन बढ़ जाता है और इससे चेहरे पर ग्लो आता है। शरीर में फुर्ती भी आती है।इस तरह योगासनों की मदद से आप अपनी सेहत में चार चांद लगा सकते हैं और बढ़ती उम्र के साथ आप ख़ुद को हेल्दी और फ़िट रख सकते हैं। हेल्दी एजिंग के लिए वर्काउट आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।

    हेल्दी एजिंग (Healthy aging) हमारे, आपके लिए, सबके लिए जरूरी है। इसलिए बेहतर और स्वास्थ रहकर उम्र का बढ़ना आपके जीवन में शांति और सुकून लेकर आएगा। ध्यान रहे कि ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हेल्दी एजिंग (Healthy aging) के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो अपने डॉक्टर से जानकारी जरूर लें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपको कोई प्रश्न पूछना है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

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