2. जिम ट्रेनर के बारे में भी रखें ध्यान
जिम जॉइन करने से पहले वहां के बारे में और जिम ट्रेनर के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें। जब आप कोई जिम जॉइन करते हैं। आपको दो तरह के जिम ट्रेनर मिलते हैं। पहला- वो आपको शुरुआत में ही भारी भरकम वेट लिफ्टिंग इक्विप्मेंट्स उठाने और उसका इस्तेमाल करने को कहेंगे। दूसरा ट्रेनर-प्रोफेशनल तरह के होंगे। वो आपको वजन के अनुसार इक्वीप्मेंट्स उठाने को कहेंगे। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेनर मसल्स बढ़ाने में कामयाब रहते हैं, जबकि पहले तरह के जिम ट्रेनर उतना अच्छा कामयाब नहीं रह पाते हैं। मसल्स बनाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं होता है कि जिम ट्रेनर गलत तरीके से लिफ्टिंग कराए।
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3. स्ट्रॉन्ग या लाइट वेट लिफ्टिंग करने से पहले फॉर्म का ध्यान रखें
स्ट्रॉन्ग या लाइट लिफ्टिंग करने से पहले बॉडी के फॉर्म (पुजिशन) का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते वक्त बॉडी की पुजिशन अगर सही नहीं रहेगी, तब एक्सरसाइज करने का कोई फायदा नहीं होगा। ठीक इसी तरह स्पीड का भी ध्यान रखना चाहिए। जिस स्पीड से वेट लिफ्टिंग की जाती है, उसका मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आपको फिटनेस के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे में बिना फिटनेस एक्सपर्ट की निगरानी के वेट लिफ्टिंग नहीं करनी चाहिए। जब आप पॉजिटिव मूवमेंट करें, तब आपको एक सेकेंड में रिपिटेशन करना चाहिए। जबकि नेगेटिव मूवमेंट में आपको सावधानीपूर्वक तीन सेकेंड तक वक्त ले लेना चाहिए।
वेट लिफ्टिंग करते वक्त सारा लोड कंधों पर पड़ता है। इसलिए भारी भरकम इक्विप्मेंट्स उठाने से पहले ध्यान दें कि आपका बॉडी बैलेंस सही है या नहीं। अगर आपका बॉडी बैलेंस नहीं रहेगा, तो एल्बो डिस्लोकेशन की समस्या पैदा हो जाती है। फिटनेस एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि एल्बो डिस्लोकेशन की समस्या होने पर मसाज नहीं कराना चाहिए, बल्कि अच्छे ऑर्थो के डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए।
4. वॉल्यूम का ध्यान रखें
वॉल्यूम का मतलब यहां स्टेप से है। अगर वेट लिफ्टिंग में वॉल्यूम का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो यह सबसे बड़ी लापरवाही होगी। वॉल्यूम का सीधा संंबंध मसल्स पर किए गए काम से होता है। वेट लिफ्टिंग में तीन बातें वॉल्यूम का पार्ट है। पहला-एक सेट में रिपिटेशन, दूसरा- एक एक्सरसाइज में सेट की संख्या, प्रत्येक मसल ग्रुप के हिसाब से एक्सरसाइज की संख्या।
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5. ब्रेक लेना भी जरूरी
वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करने के कुछ देर बाद ब्रेक लेना भी जरूरी है। लगातार एक्सरसाइज करने से मसल्स पर नेगेटिव लोड पड़ता है। एक सेट कंप्लीट हो जाने के बाद बीच में ब्रेक ले लें। ब्रेक लेने से हार्ट बीट काफी तेज हो जाती है, और बॉडी में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ती है।
आप वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते वक्त अपनी तरफ से और भी सावधानी बरत सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो, इन बातों का ध्यान रखकर आप कैलोरी कम कर सकते हैं और सुडौल बॉडी बना सकते हैं।