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अर्ध चंद्रासन करने का तरीका और इसके चमत्कारी फायदे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/12/2020

    अर्ध चंद्रासन करने का तरीका और इसके चमत्कारी फायदे

    योग में चन्द्रमा का बहुत अधिक महत्व है। इसे मनुष्य के शरीर में ऊर्जा का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। हठ योग के अनुसार चन्द्रमा शरीर में शांति प्रदान करने और ऊर्जा का प्रतीक है। अर्ध चंद्रासन में अर्ध शब्द का अर्थ संस्कृत भाषा में होता है आधा, चंद्र का अर्थ है चन्द्रमा और आसन का अर्थ है पुजिशन (पोजीशन)। दरअसल इस पो को करते हुए शरीर की पुजिशन (पोजीशन) आधे चन्द्रमा की तरह लगती है। इसलिए इसका नाम पड़ा अर्ध चंद्रासन (Ardha Chandrasana)। अर्ध चंद्रासन को इंग्लिश में हाफ मून पोज (Half Moon Pose) कहते हैं। यह आसन अत्यंत प्रभावी आसनों में से एक है, जिसमें पूरे शरीर का संतुलन बना रहता है। यह योगासन नियमित करने से शरीर में ताकत और स्थिरता बढ़ती है। इसके कई स्वास्थ्य भी लाभ हैं इसके साथ ही यह योगासन ध्यान केंद्रित करने में भी मददगार है। जानिए इस योगासन के बारे में विस्तार से।

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    अर्ध चंद्रासन (Ardha Chandrasana) करने का तरीका क्या है? 

    अर्ध चंद्रासन करने का तरीका इस प्रकार है:

    • सबसे पहले एक मैट या दरी को किसी साफ और शांत जगह पर बिछा लें।
    • अब इस मैट पर खड़े हो जाएं और अपने बाएं हाथ को कूल्हे के बाईं तरफ रखें।
    • इसके बाद सांस अंदर लें और इस दौरान धीरे-धीरे अपने दाहिने घुटने को मोड़ें। साथ ही अपने दाहिने हाथ को आगे की तरफ रखें।
    • इसके साथ ही अपने दाहिने पैर को लगभग 12 इंच आगे रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही अपने दाहिने पैर की उंगलियों से अलग करें।
    • अब सांस बाहर छोड़ें और अपने दाहिने हाथ को जमीन या फर्श की तरफ लेकर जाएं। अपने दाहिने हाथ से फर्श को दबाएं। उसके बाद अपने दाहिने पैर को सीधा रखें। इस दौरान अपने बाएं पैर को फर्श से ऊपर उठाएं।
    • ध्यान रखें कि यह जमीन के समानांतर हो। 
    • अब, संतुलन बनाने की कोशिश करें। इस समय आप अपने दाहिने घुटने को सीधा रखें।
    • अपने ऊपरी धड़ (Upper body) को अपनी बाईं ओर झुकाएं। साथ ही अपने बाएं कूल्हे को धीरे-धीरे सीधी दिशा में घुमाएं।
    • अपने बाएं हाथ को कूल्हे के बाईं ओर रखें और आपका सिर आगे की ओर होना चाहिए।
    • जिस पैर पर आप खड़े हैं, उस पर पूरे शरीर का वजन बनाए रखें।
    • अपने निचले हाथ से फर्श को दबाएं, इससे आपको संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। 
    • इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें।
    • उसके बाद अपने बाएं पैर को नीचे फर्श पर रखें और अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। 
    • अब इसी प्रक्रिया को विपरीत दिशा में दोहराएं।

    इन ऊपर बताये बिंदुओं को ध्यान में रखें और फिर अर्ध चंद्रासन करें। यह हमेशा ध्यान रखें कि जबभी आप किसी योगासन की शुरुआत करें सबसे पहले उस आसन को ठीक तरह से समझें।

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    अर्ध चंद्रासन (Ardha Chandrasana) के फायदे क्या हैं? 

    इसमें कोई संदेह नही है कि योग का हर आसन शारीरिक और मानसिक विकास के लिए लाभदायक है। अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) के भी कई लाभ हैं, जैसे:

    पाचन क्रिया को सुधारे

    अर्ध चंद्रासन का मनुष्य के शरीर पर सबसे बड़ा प्रभाव यह पड़ता है कि यह हमारी पाचन क्रिया को सुधारता है। यह आसन शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाता है। जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह संतुलित वजन बनाये रखने में भी हमारी मदद करता है। क्योंकि, इससे हमारे शरीर से फालतू की चर्बी बाहर निकल जाती है। यानि मोटापा कम करने में यह योगासन लाभदायक है।

    शरीर को संतुलन बनाने में मददगार

    अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) में शरीर का संतुलन बनाना मुख्य है। इस आसन का सारा सिद्धांत इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने शरीर का संतुलन कैसे बनाते हो। एक गहन मुद्रा होने की वजह से, यह हमें शरीर को हर स्थिति में स्थिर रखना सिखाती है। इसे करते हुए आपको स्मार्ट और सक्रिय होना पड़ता है। इससे शरीर की दृढ़ता भी बढ़ती है। 

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    बेहतर समन्वय शक्ति

    अर्ध चंद्रासन (हाफ मून पोज) का हमारे दिमाग और शरीर के समन्वय का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इसे करने से आपको सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ती है। यही नहीं, अगर आप इसे रोजाना करते हैं तो आप कई मानसिक विकारों से बच सकते हैं।

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    मांसपेशियों को मजबूत करें

    जैसा की आप जानते हैं कि यह योगासन पूरी तरह से शरीर के संतुलन और स्थिरता पर निर्भर करता है। इसलिए, इसे करने के लिए बहुत अधिक शारीरिक ऊर्जा की जरूरत होती है ताकि इस आसन की मुद्रा में रहा जा सके। इससे पूरे शरीर की मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है और वो मजबूत बनती हैं। इसके साथ ही अर्ध चंद्रासन (हाफ मून पोज) के निरंतर अभ्यास से पूरे शरीर और उसकी मांसपेशियों में दृढ़ता मिलती है।

    अगर आप योग की शुरुआत करना चाहते हैं, तो क्लिक करें इस वीडियो को और करें नई शुरुआत

    तनाव से राहत

    अर्ध चन्द्रासन (हाफ मून पोज) तनाव से मुक्ति दिलाने वाला आसन है। इससे शरीर में खून का प्रवाह सही रहता है, जिससे शरीर सही मात्रा में और फ्रेश खून को दिमाग तक पहुंचाता है। ताकि, आपको तनाव या अवसाद से मुक्ति मिले। इसके अलावा इसे करने से मनुष्य किसी भी परेशानी और अवसाद को आसानी से सहन कर सकता है। रोजाना इसे करने से किसी भी तरह की दिमाग से जुड़ी समस्या जल्दी ठीक होती है।

    पीठ दर्द से छुटकारा 

    पीठ की समस्याओं और किसी भी तरह की दर्द को दूर करने में भी यह योगासन सहायक है। इस आसन को करने से शरीर की अच्छे से मालिश होती है। जिससे शरीर का दर्द दूर होता है। इसे साथ ही शरीर की हड्डियां भी मजबूत होती हैं। अगर आपको गर्दन, बाजू या सिरदर्द है , तो इस आसन से वो दूर हो सकती है।

    मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति

    महिलाओं के लिए मासिक धर्म का समय बहुत मुश्किल होता है। दर्द, ऐंठन आदि के कारण महिलाओं के लिए कुछ दिन मुश्किल से निकलते हैं। अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) को करने से आप इस दौरान होने वाली समस्याओं से मुक्ति पा सकती हैं।

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    किन स्थितियों में अर्ध चंद्रासन (Ardha Chandrasana) नहीं करना चाहिए

    निम्नलिखित स्थितियों में इस योग का अभ्यास न करें या करने से पहले किसी विशेषज्ञ या योग एक्सपर्ट की सलाह लें:

    • अगर आपको टखने या घुटनों में दर्द हो तो इस योगासन को न करें।
    • अगर आपके कूल्हे की सर्जरी हुई है तो भी इसे करने से बचें।
    • जिन लोगों को गले में समस्या है, उन्हें इस अर्ध चंद्रासन (हाफ मून पोज) को करते हुए आगे की तरफ देखना चाहिए। ऊपर की तरफ देखने से बचे।
    • जिन लोगों को माइग्रेन या सिर में दर्द है उन्हें भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    • जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कम हैं वो इस योगासन को न करें।
    • डायरिया या अनिद्रा की स्थिति में भी अर्ध चंद्रासन को करने से बचे।
    • अगर आप गर्भवती हैं तो इस आसन को न करें या किसी विशेषज्ञ से पहले सलाह लें।

    अगर आप अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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