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प्राण मुद्रा (Prana Mudra) करने का सही तरीका और इसके फायदे, जानें यहां

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Journalist द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

    प्राण मुद्रा (Prana Mudra) करने का सही तरीका और इसके फायदे, जानें यहां

    आपने योग के कई रूप और शक्ति के बारे में सुना होगा। आज हम योग के एक ऐसे आसन के बारे में बात करेंगे, जो वास्तव में ऊर्जा का भंडार है। आज हम प्राण मुद्रा (Prana Mudra) के बारे में बात करने वाले हैं। प्राण मुद्रा का अर्थ है “ऊर्जा या जीवन की आत्मा”। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए सभी ऊर्जाओं के बीच प्राण बहुत अधिक महत्व रखते हैं।  इसे आर्टिकल में जानें सबसे महत्वपूर्ण मुद्राओं में से एक प्राण मुद्रा (Prana Mudra) के बारे में वो सभी बातें जो आपको फायदा पहुंचा सकती हैं।

    प्राण मुद्रा से पहले समझें योग (Yoga) क्या है?

    बहुत से लोग योग को एक्सरसाइज मानते हैं,लेकिन आपको बता दें कि योग एक ऐसी क्रिया है,जो सबसे अधिक ऊर्जा यानि पावर का केंद्र है। एक्सरसाइज और इससे जुड़े सभी व्यायामों को योग का एक हिस्सा माना जाता है। योग केवल फिट होने के लिए नहीं किया जाता है। यह आपको ऊपरी और आंतरिक रूप से मजबूत बनाता है। इससे बीमार पड़ने की संभावना कम होती है। साथ ही एक्सरसाइज आपको फिट रखने में भी मदद करता है। आपको बता दें कि योग का नाम संस्कृत शब्द “युज” से लिया गया है। यहां इसका मतलब है मानव की आत्मा का लौकिक चेतना से मिलन। योग न केवल शरीर बल्कि मनुष्य के मन और आत्मा को भी स्वस्थ बनाता है। योग हमारे देश के लिए नया नहीं है बल्कि यह हजारों साल पुरानी पद्धति है। यह बात साबित हो चुकी है कि कुछ बीमारियों के उपचार के लिए यह बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

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    प्राण मुद्रा (Prana Mudra) का अर्थ क्या है?

    प्राण मुद्रा पद्मासन के साथ योग का एक हिस्सा है। अधिकांश लोग इसे “जीवन का मुद्रा” कहते हैं, क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण जीवन शक्ति है। प्राण का अर्थ ‘ऊर्जा’ या जीवन होता है। प्राण मुद्रा (Prana Mudra) रूट चक्र को उत्तेजित करती है, जिससे कंपन और गर्मी होती है, जो शरीर को जागृत और सक्रिय करती है। यह आपके शरीर को सक्रिय और सभी अंगों को एक्टिव करती है। यह मुद्रा व्यक्ति को हृदय और आत्मा से जोड़ती है। प्राण हस्त मुद्रा योग कई प्रकार के रोगों के उपचार के लिए व्यापक रूप से अभ्यास किया जाने वाला मुद्रा योग है। प्राण मुद्रा और भी कई नामों से जाना जाता है। आइए जानते हैं, प्राण आसन के बाकी नाम क्या हैं।

    • प्राण मुद्रा (Pran Mudra)
    • कपहा-कारक मुद्रा(Kapha-Kaarak Mudra)
    • पित्त-नाशक मुद्रा(Pitta-Nashak Mudra)
    • जीवन ऊर्जा मुद्रा (Life Energy Mudra)
    • ऊर्जावान हाथ योग(Energizing Hand Yoga)

    प्राण मुद्रा कैसे करें?

    • इस मुद्रा को दोनों हाथों की मदद से किया जाता है।
    • सबसे पहले आप अपनी रिंग फिंगर और लिटिल फिंगर को अंगूठे से जोड़ें। 
    • अन्य सभी उंगलियां सीधी हों।
    • प्राण मुद्रा शरीर में ऊर्जा का संचार करती है, इसको करने के दौरान आपको अपने हाथ की मुद्रा के साथ-साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को जारी रखना होगा।
    • इस दौरान अपनी रीढ़, सिर और पीठ को बिल्कुल सीधी स्थिति में रखें।
    • प्राण मुद्रा करते समय, आपको एक गहरी और नियमित सांस लेने की आवश्यकता होती है।
    • इस दौरान आप एक ही अवधि में अंदर और बाहर सांस लें।

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    ध्यान देने वाली बातें

    • इस क्रिया को करते समय आप मन में किसी प्रकार का मंत्र गा सकते हैं। 
    • सांस छोड़ते पर ‘सो’ और ‘हम्म’ कह कर जप कर सकते हैं। 
    • हालांकि, शुरू में ही आपको इसके साथ-साथ इनहेल-एक्सहेल का जाप करना मुश्किल होगा। अभ्यास के साथ आप इसे ठीक तरह से कर पाएंगे। 
    • इस क्रिया को करते हुए लगभग 20 से 30 बार सांस  ले और छोड़ें।
    • अब अपने दिमाग पर ध्यान देने की कोशिश करें।
    • आप अपने शरीर में अचानक कंपन महसूस करेंगे, एक स्थिति पर आकर आपका शरीर हल्का महसूस होने लगेगा।
    • आप प्राण मुद्रा को करते हुए इसके परिणाम को अचानक महसूस करेंगे। 
    • यह अभ्यास करते समय आपको एकाग्रचित होकर यह आसन करने की आवश्यकता है। जिसके बाद ही आप अपने शरीर में ऊर्जा महसूस कर सकते हैं।

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    प्राण मुद्रा के लाभ क्या-क्या हो सकते हैं? (Benefits of Prana Mudra)

    प्राण मुद्रा के लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • प्राण आसन से आपको कई तरह के लाभ हो सकते हैं। जो शरीर की बीमारी को दूर करने के साथ-साथ शरीर में कई तरह की ऊर्जा भरता है। 
    • प्राण मुद्रा किसी भी तरह के विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, विटामिन-डी, विटामिन-ई, विटामिन-के की कमी को दूर करने में मदद करती है। 
    • प्राण आसन हाथ की उंगलियों द्वारा किया जाता है। इसलिए यह मुद्रा आपके भूख और प्यास को नियंत्रित करने में सहायता करता है। अगर आपको बार-बार भूख लगने की समस्या रहती है, तो यह आसन आपके लिए अत्यंत लाभकारी है। 
    • प्राण मुद्रा आपकी थकावट को दूर करने में मददगार है।
    • सामान्य कमजोरी की समस्या को दूर करने के साथ-साथ आपका धैर्य बनाए रखने में  सहायता करती है।
    • इससे मन की शक्ति में सुधार होता है। यह खाने और नींद की बीमारी की अनियमित आदतों से निपटने में मदद कर सकता है। 
    • इंसोमेनिया (Insomnia) की समस्या होती है दूर।
    • प्राण मुद्रा को नियमित रूप से करने से मानसिक तनाव, ईर्ष्या, चंचलता, गर्व, बेचैनी और खुशी, आनंद, इच्छा, ऊर्जा और उत्साह को पुनर्जीवित करने के लिए भावनाओं को प्रबंधित करने में मदद मिलती है। अगर आपको मानसिक तनाव रहता है, एंग्जाइटी की समस्या रहती है या किसी भी अन्य कारण से आप परेशान रहते हैं, तो प्राण मुद्रा आपकी इनसभी परेशानियों को दूर करने में आपकी सहायता करेगा।  

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    प्राण मुद्रा के अन्य फायदे

    • यह मुद्रा आपके ध्यान और मन की शक्ति को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है। अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और आपका मन किसी कार्य में नहीं लगता है, तो इस मुद्रा को नियमित करें। इससे जल्द लाभ होगा। 
    • प्राण मुद्रा से पेट में जलन की समस्या से भी राहत मिलती है। इस मुद्रा में किए जाने वाले आसन आपके शरीर की सभी नसों से जुड़े होते हैं। तो पेट की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करने से बहुत फायदा मिल सकता है।
    • प्राण मुद्रा से कब्ज और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है। 
    • यदि आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है, आप बहुत जल्दी घबरा जाते हैं। तो प्राण मुद्रा आपकी घबराहट को कम करता है, जिससे आत्मविश्वास में सुधार होता है।
    • इस मुद्रा से नसों में रक्त प्रवाह बेहतर बना रहता है। रक्त प्रवाह बेहतर होने से शरीर स्वस्थ्य रहता है। 
    • यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने की शक्ति भी रखता है। ध्यान दें की अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका अर्थ है की आपकी इम्यून पावर कमजोर है। इसलिए हेल्दी डायट के साथ-साथ प्राण मुद्रा का सहारा लेना आपको किसी भी बीमारियों से बचा कर रख सकता है।  
    • यह मुद्रा आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि आपकी आंखों में जलन हो रही है। तो यह आंखों की जलन को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।

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    • प्राण मुद्रा आंखों से संबंधित बीमारी मोतियाबिंद और ड्राई आई का उपचार करने में मदद कर सकती है।
    • इस मुद्रा से पृथ्वी, जल, और अग्नि ये तत्व जुड़े होते हैं, इसलिए यह रक्त में मौजूद समस्याओं और अशुद्धियों को दूर करने में मदद करती है, जिससे रक्त में वृद्धि होती है।
    • इस बीमारी से पैरों और मांसपेशियों में किसी भी तरह का ऐंठन ठीक हो जाता है।
    • आंखों से जुड़ी समस्याओं के लिए प्राण योग मुद्रा बेहद उपयोगी है। कम दृष्टि वाले लोगों को हमेशा 15 से 30 मिनट के लिए हर मुद्रा में प्राण मुद्रा करनी चाहिए। 
    • प्राण आसन आंखों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के लिए बेहद मददगार है। यह आंखों की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है,जिन लोगों को आंखों की समस्या के कारण चश्मा लगा होता है, इसको नियमित रूप से करने पर इस समस्या से निजात मिल सकता है।
    • यह मुद्रा त्वचा संबंधी रोगों को भी ठीक करने में भी माहिर होती है। यदि आपकी त्वचा में किसी प्रकार के त्वचा पर चकत्ते, पित्ती आदि है तो इस मुद्रा से यह रोग ठीक होते है।
    • प्राण मुद्रा करने से मूत्र मार्ग में जलन होने की समस्या से भी आराम मिल सकता है। मूत्र मार्ग में जलन की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करने से बहुत फायदा मिल सकता है।

    ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी योग, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

    प्राण मुद्रा के बारे में यह भी जान लें

    • कुछ लोगों के शरीर से बहुत दुर्गंधयुक्त पसीना निकलता है। जिससे उनको बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। लेकिन प्राण मुद्रा करने से उन लोगों को इस समस्या से बहुत राहत महसूस हो सकता है।
    • यह मुद्रा उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी यह एक बेहतर आसन माना जाता है।
    • यदि आपको छोटी छोटी बात पर बहुत अधिक क्रोध आता है साथ ही चिड़चिड़ापन महसूस होता है तो इस मुद्रा को करने से आपको इन समस्याओं से भी राहत मिल जाती है।
    • यह मुद्रा थायराइड के रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसको नियमित रूप से करने से आपका थॉयराइड कंट्रोल रहता है।
    • प्राण मुद्रा को नियमित रूप से करने से जोड़ों में अस्थिरता बनी रहती है।
    • यदि आपको किसी प्रकार से भूलने की बीमारी है तो, प्राण मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास करने से आपकी भूलने की आदत में बदलाव आ सकता है। 
    • बहुत से लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है। ऐसे में यदि आपको भी नींद न आने की दिक्कत है, तो आपके लिए यह मुद्रा बहुत फायदेमंद हो सकती है। अनिद्रा की समस्या वाले लोगों को प्राण मुद्रा नियमित रूप से करनी चाहिए। कुछ ही दिनों में आपको बदलाव महसूस होने लगेगा।
    • जो लोग पीलिया से ग्रसित है, वो प्राण आसन करके इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 
    • आपने अपने आस-पास ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा, जिनको समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है। तो आपको बता दें, कि प्राण मुद्रा करने से आप लंबे समय तक खुद को यंग रख सकते हैं। यह आपको बहुत जल्दी बुढ़ापे के करीब जाने से रोकता है।

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    प्राण मुद्रा करते समय किस तरह की सावधानियां बरतें?

    प्राण मुद्रा के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतें। जैसे:

    • जिन लोगों को सर्दी या जुकाम हुआ है,उन लोगों को इसे करने से बचना चाहिए।
    • यदि आपको पीठ की समस्या है, तो इस मुद्रा को न करें।
    • इसे करते समय सावधान रहें। इसे करने से पहले अच्छी तरह से सीख लें।
    • अपनी उंगलियों को बहुत तेजी से न दबाएं, बहुत आराम से प्रेस करें।
    • पद्मासन मुद्रा में इसे करने से अधिकतम लाभ मिल सकते हैं।
    • किसी भी समय यह आसन को करने के बजाये एक समय निर्धारित कर लें और उसी वक्त पर रोजाना करें।
    • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी योग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस मुद्रा का अभ्यास करनी चाहिए।

    ध्यान दें

    ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप इस विषय से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। इसके साथ ही किसी भी योग, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

    शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने दिनचर्या में योग शामिल करें। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और जानें योग करने का तरीका।

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