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सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) आसन के ये स्टेप्स अपनाकर पाएं अच्छा स्वास्थ्य

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/07/2022

    सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) आसन के ये स्टेप्स अपनाकर पाएं अच्छा स्वास्थ्य

    सूर्य नमस्कार एक पुरानी और लोकप्रिय योग तकनीकों में से एक है, जिसमें सूर्य को सम्मान दिया जाता है। सूर्य को जीवन के सभी रूपों का स्रोत माना जाता है एवं सूर्य नमस्कार के फायदे अनेक है। यह 12 शक्तिशाली योग आसनों से मिलकर बना है। सूर्य का मतलब सूरज है। नमस्कार का अर्थ है सलाम या नमस्ते। इसे सिर्फ पौराणिक मान्यताओं के कारण ही विशेष नहीं माना जाता है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस वजह से ये बेहद प्रभावशाली योगासन माना जाता है।

    यह योग का ही एक रूप है। सूर्य नमस्कार में एक के बाद एक पोज किए जाते हैं। इसमें 12 आसनों का एक सेट होता है। सूर्य नमस्कार के हर राउंड में 2 सेट शामिल होते हैं। इस योग के विभिन्न प्रकार भी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य नमस्कार के सभी स्टेप्स को ठीक से करना चाहिए, तभी इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। इसे नियमित रूप से करें।

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    सूर्य नमस्कार याेग (Surya Namaskar Yoga) करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

    सूर्य नमस्कार योग सूर्योदय के समय खाली पेट करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

    सूर्य नमस्कार के फायदे (Benefits of Surya Namaskar) क्या हैं?

    सूर्य नमस्कार के फायदे कई हैं।  प्राचीन समय में संतों और ऋषियों ने कहा था कि कुछ दिव्य शक्तियां मानव शरीर के विभिन्न हिस्सों को नियंत्रित करती हैं। सोलर प्लेक्सस मानव शरीर का एक केंद्रीय बिंदु है। यह नाभि के ठीक पीछे स्थित होता है। इसे शरीर का दूसरा दिमाग भी कहते हैं। यह सूर्य से जुड़ा हुआ माना गया है।

    सूर्य नमस्कार के फायदे यह है की ये  योग आपकी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाता है। इससे सोलर प्लेक्सस भी जागृत हो जाता है। सूर्य नमस्कार के 12 पोज 12 सूर्य चक्रों को आपके शरीर के साथ समायोजित कर देते हैं। जब रोज कुशलता से योग आसन किया जाता है तो सूर्य नमस्कार के फायदे यह है की ये आपके आत्मविश्वास, रचनात्मकता और मानसिक क्षमताओं का विकास होता है।

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    सूर्य नमस्कार के आसन और स्टेप्स (Surya Mamaskar Steps)

    जब तेजी से ये सारे स्टेप्स किए जाते हैं तो सूर्य नमस्कार योग एक हार्ट एक्सराइज माना जाता है। इसके अलावा जब सूर्य नमस्कार के सभी आसन धीमी गति से किए जाते हैं तो यह मन को शांति और आनंद देता है।  सूर्य नमस्कार के सभी चरण पूरे शरीर को स्वस्थ बनाने में बहुत उपयोगी हैं। 12 आसन को सूर्य नमस्कार मुद्रा भी कहा जाता है। यह आपके पूरे शरीर की गांठों को खोल देता है और नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन और ताकत बढ़ती है यह सूर्य नमस्कार के फायदे है।

    आइए एक नजर डालते हैं इसके चरणों पर। यह आपके मन, शरीर और आत्मा को पुनर्जागृत करने में मदद करते हैं। सूर्य नमस्कार के फायदे  यह है की एक योग प्रशिक्षक आपको बेहतर तरीके से मुद्राओं को करने के बारे में समझा सकता है। इससे आपको ज्यादा लाभ होगा।

    स्टेप 1 – प्राणायाम (Prayer Pose)

    सूर्य नमस्कार Prayer Pose

    1. अपने दोनों पैरों को एक साथ जोड़कर मैट के किनारे पर सीधे खड़े हो जाएं और शरीर का वजन अपने दोनों पैरों पर समान रूप से रखेंं।
    2. अपनी छाती को फैलाएं, गहरी सांस लें और अपने कंधों को ढीला छोड़ें।
    3. धीरे-धीरे सांस लें और ऐसा करते समय अपनी दोनों भुजाओं को उठाएं।
    4. ऐसा करते समय सांस छोड़ें और अपनी हथेलियों को मिला लें। प्रार्थना की स्थिति में हाथ को जोड़कर छाती पर रखें।

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    सूर्य नमस्कार योग करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
    2. आपके पैर ढीले न पड़ें ।

    स्टेप 2 – हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose)

    सूर्य नमस्कार Raised Arms Pose

    1. पिछली स्थिति को बनाए रखें।
    2. सांस लें, अपनी बाहों को ऊपर की ओर उठाएं और थोड़ा पीछे की ओर झुकें।
    3. अपने बाइसेप्स को अपने कानों के करीब रखें।
    4. अपने पूरे शरीर को उंगलियों से एड़ी तक जितना हो सके शरीर को खींचने की कोशिश करें।
    5. यह स्ट्रेचिंग आपके शरीर में गांठों को खोलने में मदद करती है।

    सूर्य नमस्कार योग करते समय जरूरी सलाह:

    1. श्रोणि को थोड़ा आगे बढ़ाकर रखने की कोशिश करें।
    2. पीछे जाने के लिए अपने शरीर का इस्तेमाल करें। साथ ही हाथों की उंगलियों से भी खुद को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें।

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    स्टेप 3 – हस्तपदासन (Standing Forward Bend)

    सूर्य नमस्कार Standing Forward Bend

    1. सांस बाहर छोड़ते हुए, अपनी रीढ़ को सीधा करें और अपनी कमर से आगे की ओर झुकें।
    2. सांस को छोड़ते हुए अपने हाथों को धीरे से नीचे लाएं और अपनी पैर की उंगलियों के बगल में फर्श को छूने की कोशिश करें।
    3. जितना हो सके अपने घुटनों को सीधा रखने की कोशिश करें।
    4. यह मुद्रा पीठ, पेट की मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है।

    सूर्य नमस्कार योग स्टेप 3 करने के लिए जरूरी सलाह:

  • अपने हाथों को इसी स्थिति में रहने दें।
  • जब तक आप स्टेप 3 मुद्रा को समाप्त नहीं कर लेते, तब तक हाथ को इधर-उधर ना करें।
  • स्टेप 4 – अश्व संचालासन (Equestrian Pose)

    सूर्य नमस्कार Equestrian Pose

    1. जितना संभव हो अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर खींचें।
    2. अपने बाएं घुटने को मोड़ें और इसे अपनी छाती के बाईं ओर रखें।
    3. अपनी उंगलियों को फैलाते हुए अपने हाथों को फर्श पर रखें।
    4. ऊपर देखें और अपनी गर्दन को थोड़ा पीछे की ओर झुकाएं।
    5. यह आसन आपके पैरों में लचीलापन लाने में मदद करता है।

    स्टेप 4 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. अपने बाएं पैर को अपनी हथेलियों के बीच में ठीक से रखें।

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    स्टेप 5 – दंडासन (Stick Pose)

    सूर्य नमस्कार Stick Pose

    1. अपने शरीर को एक सीधी रेखा में लाते हुए अपने बाएं पैर को दाहिनी ओर पीछे की ओर खींचे।
    2. आपका शरीर फर्श के समानांतर होना चाहिए।
    3. यह सूर्य नमस्कार मुद्रा आपकी कलाई, पैर, बाहों को टोन करने के बेस्ट तरीकों में से एक है। यह आपके हाथों को मजबूत भी  बनाता है।

    स्टेप 5 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. अपनी बाहों को फर्श पर लंबवत रखें।

    और पढ़ेंः भुजंगासन योग – जानिए विधि, लाभ और सावधानियां

    सूर्य नमस्कार योग स्टेप 6 – अष्टांग नमस्कार (ashtanga yoga)

    सूर्य नमस्कार ashtanga yoga

    1. धीरे-धीरे अपने घुटनों को फर्श पर ले आएं और सांस छोड़ें।
    2. थोड़ा अपने कूल्हों और पेट को ऊपर उठाएं और आगे की ओर स्लाइड करें।
    3. फर्श पर अपनी ठोड़ी और छाती को आराम दें।
    4. यह योग आसन आपकी छाती की मांसपेशियों और हाथों को मजबूत करता है।

    स्टेप 6 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. दोनों हाथों, पैरों, घुटनों, छाती और ठोड़ी, शरीर के सभी 8 हिस्सों को फर्श से छूना चाहिए।

    स्टेप 7 – भुजंगासन   (Cobra Pose)

    Cobra Pose

    1. अपनी हथेलियों को मैट पर रखें और अपने सिर और छाती को फर्श से उठाएं।
    2. अपनी कोहनी को अपने शरीर के किनारे पर रखें।
    3. अपनी गर्दन को थोड़ा पीछे की ओर धकेलें।
    4. ऊपर की तरफ देखने की कोशिश करें।
    5. सिर दर्द और पीठ दर्द के इलाज के लिए यह एक अद्भुत सूर्य नमस्कार मुद्रा है।

    स्टेप 7 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह

    1. सांस लें और अपनी छाती को आगे बढ़ाने का धीमा प्रयास करें।
    2. अपने शरीर को जरूरत से ज्यादा स्ट्रेच न करें। केवल तब तक खिंचाव करें जब तक आपका शरीर सहन कर पाए।

    स्टेप 8 – अधो मुख स्वांसन (Downward facing dog pose)

    Downward facing dog pose

    1. भुजंगासन करें, सांस लें और अपने सिर और छाती को ऊपर की ओर उठाएंं।
    2. फिर अपने पंजों को जमीन पर रखें, नीचे की ओर छाती करें और अपने शरीर के साथ एक उल्टा-वी मुद्रा बनाएं।
    3. इस सूर्य नमस्कार के फायदे कई होते हैं। इससे तनाव नहीं होता, शरीर स्वस्थ रहता है और भी इसके कई लाभ होते हैं।

    स्टेप 8 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. जितना हो सके अपने पंजों को जमीन पर रखने की कोशिश करें।
    2. धीरे-धीरे अपनी सिर को ऊपर उठाने का प्रयास करें और धीरे-धीरे शरीर में खिंचाव पैदा करें।

    स्टेप 9 – अश्व संचलाना (Equestrian Pose)

    Equestrian Pose

    1. अधो मुख स्वांसन से अश्वारोही मुद्रा में आएं।
    2. स्टेप 4 को दोहराएं, लेकिन इस बार विपरीत दिशा में।
    3. अपने बाएं पैर को जहां तक ​​संभव हो अंदर की ओर खींचें।
    4. अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और इसे अपने सीने के दाहिनी ओर रखें, अपने हाथों को फर्श पर रखें।
    5. ऊपर देखें और अपनी गर्दन को थोड़ा पीछे की ओर झुकाएं।

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    स्टेप 9 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह

    1. अपने दाहिने घुटने को अपने हाथों (हथेलियों) के बीच में रखें।
    2. आपका दाहिना पैर जमीन से समानांतर हो।
    3. ज्यादा खिंचाव करने के लिए अपने कूल्हों को जमीन की ओर दबाएं।

    स्टेप 10 – हस्तपादासन (Standing Forward Bend)

    Standing Forward Bend

    1. धीरे-धीरे अपने बाएं पैर को आगे लाएं और दाहिने पैर के बगल में रखें।
    2. नीचे झुकें और हस्तापदाना मुद्रा को दोहराएं, यह स्टेप 3 है।
    3. अगर घुटनों को सीधा रखना मुश्किल हो रहा है तो उन्हें मोड़ भी सकते हैं।

    स्टेप 10 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह

    1. सांस लेते रहें।
    2. अपने घुटनों को सीधा रखने की कोशिश करें।

    स्टेप 11 – हस्तोत्तानासन (hastasana)

    hastasana

    1. स्टेप 2 को दोहराएं।
    2. गहरी श्वास लें, अपनी बाहों को ऊपर की ओर फैलाएं और अपनी पीठ को थोड़ा-सा मोड़ें।
    3. अपने कूल्हों को थोड़ा बाहर की ओर रखें।
    4. आपका ध्यान अपने शरीर और हाथों को ऊपर की ओर खींचने की ओर अधिक होना चाहिए।

    स्टेप 11 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

    1. अपने बाइसेप्स को अपने कानों के करीब रखें।

    स्टेप 12 – ताड़ासन (Tadasana)

    Tadasana

    1. सांस छोड़ें और अपनी बाहों को नीचे लाएं।
    2. आराम और शांत मन के साथ सीधे खड़े हों।

    स्टेप 12 करने के लिए कुछ जरूरी सलाह:

  • इस सूर्य नमस्कार मुद्रा में आराम करें और अपने शरीर और दिमाग को शांत रखें।
  • इन 12 आसनों के साथ सूर्य नमस्कार का ए​क सेट पूरा होता है। अगर आपको अच्छे परिणाम चाहिए तो इस पूरी प्रक्रिया को 12 बार दोहराने की कोशिश करें। शुरुआत में आप कुछ राउंड कर सकते हैं। फिर धीरे-धीरे राउंड बढ़ाते रहें। शुरू से ही अपने शरीर को तकलीफ न दें। धीमी गति से शुरू करें।
  • इन सूर्य नमस्कार आसनों को समाप्त करने के बाद लेट जाएं और अपने शरीर को आराम दें। सूर्य नमस्कार के सभी आसन शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करते हैं। इसमें थोड़ा समय लग सकता है। सूर्य नमस्कार करने के बाद थोड़ी देर लेट जाना चाहिए। शांत रहने से आपके शरीर और दिमाग को आराम मिल सकता है।
  • सूर्य नमस्कार मंत्र

    सूर्य नमस्कार मंत्र वे मंत्र हैं जो आसन करने के दौरान पाठ करने चाहिए। ये मंत्र शरीर, सांस और मन को सामंजस्य में लाते हैं। जितना अधिक आप मंत्रों के साथ अभ्यास करेंगे, लाभ उतना ही ज्यादा होगा। जब ईमानदारी से प्रयास किया जाता है तो योग के अनुभव दिव्य होते जाते हैं। सूर्य नमस्कार मुद्रा के साथ इन 12 मंत्र से भी आपको परिचित करवाएं।

    • मुद्रा 1: प्राणासन (Prayer Pose)
      • मंत्र: ओम मित्राय नमः
      • अर्थ: जो सबका मित्र है उसको नमस्कार।
    • मुद्रा 2: हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose)
      • मंत्र: ओम सूर्याय नमः
      • अर्थ: हमेशा चमकते रहने वाले को नमस्कार
    • मुद्रा 3: हस्तपादासन (Standing Forward Bend)
      • मंत्र: ओम रवयी नमः
      • अर्थ: अंधेरे को दूर करने और प्रकार करने वाले को नमस्कार
    • मुद्रा 4: अश्व संचलाना (Equestrian Pose)
      • मंत्र: ओम भानवे नमः
      • अर्थ: जो प्रकाश फैलाता है उसे नमस्कार
  • मुद्रा 5: दंडासन (Stick Pose)
    • मंत्र: ओम खगाय नमः
    • अर्थ: जो शक्तिशाली है और आकाश में तेजी से गति करता है, उसे नमस्कार
  • मुद्रा 6: अष्टांग नमस्कार (Salute with Eight Parts Poseर)
    • मंत्र: ओम पोषने नमः
    • अर्थ: पोषण, तृप्ति और शक्ति देने वाले को नमस्कार
  • मुद्रा 7: भुजंगासन (Cobra Pose)
    • मंत्र: ओम हिरण्य गर्भाय नमः
    • अर्थ: सुनहरे रंग की चमक वाले फैलाने वाले को नमस्कार
  • मुद्रा 8: अधो मुख संवासन (Downward Facing Dog/Mountain Pose)
    • मंत्र: ओम मृच्छये नमः
    • भावार्थ: अनंत किरणों के स्वामी को नमस्कार
  • मुद्रा 9: अश्व संचलाना (Equestrian Pose)
    • मंत्र: ओम आदित्याय नमः
    • भावार्थ: लौकिक दिव्य मां अदिति के पुत्र को नमस्कार
  • मुद्रा 10: हस्तपादासन (Standing Forward Bend)
    • मंत्र: ओम सवित्रे नमः
    • भावार्थ: सृष्टि के स्वामी, जो जीवन देते हैं, उनको नमस्कार
  • मुद्रा 11: हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose)
    • मंत्र: ओम अर्काय नमः
    • भावार्थ: जो प्रशंसा के योग्य है और वैभव फैलाते हैं, उन्हें नमस्कार
  • मुद्रा 12: ताड़ासन (Mountain)
    • मंत्र: ओम भास्कराय नमः
    • अर्थ: लौकिक ज्ञान की ओर ले जाने वाले को नमस्कार
  • सूर्य नमस्कार के लाभ (Benefits of Surya Namaskar)

    सूर्य नमस्कार के क्या लाभ हैं? आइए नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानें:

    वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar for Weight loss)

    सूर्य नमस्कार, कूल्हों, जांघों, पेट, ठोड़ी और गर्दन जैसे अंगों के वसा को बर्न कर देता है। सूर्य नमस्कार योग का नियमित और अनुशासित रूप से अभ्यास करने से मेटाबॉलिज्म सही रहता है। इससे पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं और वजन कम होता है। एब्स को टोन करता है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए सूर्य नमस्कार आसन बहुत बढ़िया है।

    रचनात्मकता को बढ़ाता है

    सूर्य नमस्कार का एक सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से मिलकर बने तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करता है, जिससे आपकी एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।

    संतुलन की शक्ति बढ़ती है

    सूर्य नमस्कार योग की मदद से 3 दोषों – कप, वात और पित को संतुलित किया जा सकता है। ये तीनों तत्व कई कारणों की वजह से असंतुलित हो जाते हैं। इनके असंतुलन का कारण है- मौसम, तनाव, भोजन, नींद आदि। सूर्य नमस्कार योग के नियमित अभ्यास के साथ इन्हें संतुलित किया जा सकता है।

    खून के संचार में सुधार करता है

    प्रत्येक सूर्य नमस्कार आसन में सांस छोड़ने की प्रक्रिया शामिल होती है। इससे खून को ऑक्सीजन मिलता रहता है। शरीर में ताजा रक्त का प्रवाह होता है जो विषैले तत्वों और कार्बन-डाइऑक्साइड को खत्म करता है।

    त्वचा की चमक और बालों की गुणवत्ता को बढ़ाता है (For Glowing Skin)

    अच्छे रक्त संचार से आपकी त्वचा पर प्राकृतिक चमक आती है। सूर्य नमस्कार न केवल आपके रक्त परिसंचरण और त्वचा को लाभ पहुंचाता है, बल्कि बालों को झड़ने और सफेद होने से रोकता है।

    ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं ठीक करता है (For Blood Pressure & Heart Problem)

    सूर्य नमस्कार करने से शुगर का लेवल संतुलित ​रहता है। जिससे दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। आपकी आंखें, गुर्दे और तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती हैं।

    भावनात्मक स्थिरता आती है

    सूर्य नमस्कार योग आपके मन को शांत और सं​तुलित करता है। इससे आपकी रचनात्मकता और मानसिक क्षमताएं बढ़ जाती हैं। सूर्य नमस्कार योग में सांस लेना और छोड़ना शामिल होता है जिससे कोशिकाओं पर भी सकारात्मकर प्रभाव पड़ता है।

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    सूर्य नमस्कार के प्रकार (Types of Surya Namaskar)

    सूर्य नमस्कार आसन सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है। इसके कारण, सूर्य नमस्कार कई अन्य रूपों में विकसित हो गया है। क्लासिक सूर्य नमस्कार को 3 अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। इनके नाम हैं- अष्टांग, हठ और आयंगर।

    अष्टांग सूर्य नमस्कार योग (Sun Salutation)

    इस अभ्यास में सूर्य नमस्कार के 2 रूप हैं। पहले रूप में 9 पोज हैं, जबकि दूसरे में 17-19 पोज हैं। दोनों रूपों में सामंजस्य बैठाने की जरूरत होती है। अष्टांग योग शारीरिक रूप से करना थोड़ा मुश्किल होता है। वहीं दूसरे रूप में अधिक समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है।

    फॉर्म 1 में सूर्य नमस्कार के विभिन्न चरण:

    • ताड़ासन (Tadasana)
    • उर्ध्वा हस्तसाना ( Do Urdhva Hastasana )
    • उत्तनासन (Uttanasana Yoga)
    • अंजनेयासन (Anjaneyasana)
    • दंडासन (Dandasana)
    • चतुरंग दंडासन (Chaturanga Dandasana)
    • उर्ध्वा मुख संवासना (Utthita Parsvakonasana)
    • अधो मुख सवासना (Urdhva Mukha Svanasana)
    • वीरभद्रासन ( Virabhadrasana)

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    फॉर्म 2 में सूर्य नमस्कार के विभिन्न चरण:

    • समस्थिति
    • उत्कटासन
    • उत्तानासन
    • अर्ध उत्तानासन
    • चतुरंग दंडासन
    • उर्ध्वा मुख संवासना
    • अधो मुख सवासना
    • वीरभद्रासन 1
    • चतुरंग दंडासन
    • उर्ध्वा मुख संवासना
    • अधो मुख सवासना
    • वीरभद्रासन 1
    • चतुरंग दंडासन
    • उर्ध्वा मुख संवासना
    • अधो मुख सवासना
    • अर्ध उत्तानासन
    • उत्तानासन
    • उत्कटासन
    • समस्ती (ताड़ासन)

    हठ सूर्य नमस्कार (Hath Surya Namaskar)

    इस सूर्य नमस्कार को उन 12 मुद्राओं के माध्यम से किया जाता है, जिन्हें हमने इस लेख में ऊपर सीखा है। इसमें सांस लेने और छोड़ने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।

    आयंगर सूर्य नमस्कार (Iyengar sun salutation)

    हठ की तरह, आयंगर सूर्य नमस्कार भी 12 मुद्राओं में किया जाता है। आमतौर पर यह सूर्य नमस्कार के अन्य रूपों की तुलना में तेजी से किया जाता है।

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    सूर्य नमस्कार के दौरान सावधानी

    सूर्य नमस्कार के फायदे बहुत सारे हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए सूर्य नमस्कार करना उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से परामर्श करना चाहिए।

    जानते हैं किन लोगों को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए:

    1. हृदय की समस्या वाले लोगों को
    2. पीठ की समस्या वाले लोगों को
    3. उच्च रक्तचाप वाले लोगों को
    4. गठिया रोग से पीड़ितों को
    5. हर्निया से पीड़ित लोगों को
    6. कलाई की चोट लगी है तो
    7. गर्भवती महिला को
    8. पीरियड्स के दौरान भी सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए।

    क्या करें और क्या ना करें (Do’s & Dont Do’s)?

    जब सही ढंग से सूर्य नमस्कार के आसनों को नहीं किया जाता है तो उसके कुछ बुरे प्रभाव हो सकते हैं। शुरुआती दौर में लोग सूर्य नमस्कार का प्रयास करते समय कुछ गलतियां करते हैं, जिससे कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

    • सांस लेने और छोड़ने की क्रिया को ठीक से नहीं करते
    • हस्त उत्तानासन मुद्रा को छोड़ देते हैं
    • अश्व संचालनासन करते हुए आगे नहीं बढ़ते
    • सूर्य नमस्कार योग करने से पहले वार्म-अप नहीं करते
    • शुरू में ही सेट की संख्या को बढ़ा देते हैं
    • गलत तरह से मुद्राएं करते हैं

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    कुछ अंतिम शब्द

    यदि आप आज की भागती हुई जिंदगी के शिकार हैं तो आपका अस्वस्थ होना लाजमी है। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सूर्य नमस्कार करना जरूरी है। यह एक प्राचीन योग तकनीक है लेकिन अभी भी जीवन में इसका बहुत महत्व है। इसे करके आप अपनी जीवन शैली सुधार सकते हैं।

    सूर्य नमस्कार करने से शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से लाभ मिलता है। जब आप बीमार होते हैं तो डॉक्टर की दी हुई दवा लेने के बारे में सोचते नहीं हैं तो फिर क्यों ना सूर्य नमस्कार करने की भी कोशिश की जाए। इससे अनेक लाभ होंगे।

    बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    डिस्क्लेमर

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    डॉ. प्रणाली पाटील

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