backup og meta

आखिर कैसा होना चाहिए स्वस्थ जीभ का रंग?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/05/2021

    आखिर कैसा होना चाहिए स्वस्थ जीभ का रंग?

    आमतौर पर लोगों की धारणा है कि हमारी जीभ का एक खास रंग है, लेकिन हकीकत यह नहीं है। हमारे शरीर के छोटे मस्कुलर ऑर्गन में से एक जीभ लाल, यल्लो, पर्पल या फिर किसी अन्य रंग में बदलती है। वहीं जीभ के रंग के साथ इसके शेप का बदलना हमारी कई हेल्थ कंडीशन के बारे में भी जानकारी देता है। वहीं आप भी यदि अपनी जीभ के रंग को देख जानना चाहते हैं कि आप स्वस्थ हैं या नहीं तो इस आर्टिकल में जान सकते हैं।

    कैसा होता है हेल्दी जीभ का रंग (Tongue color)?

    हर इंसान की जीभ एक दूसरे से अलग दिखती है। वहीं हेल्दी जीभ की भी कुछ खासियत हैं। स्वस्थ जीभ पिंक रंग की होती है, जिसकी सतह पर व्हाइटिश कोटिंग की परत रहती है। हेल्दी जीभ पर पापिलेइ (papillae) भी होता है। जीभ पर होने वाले यह छोटे छोटे छेद हमें खाने व पीने का स्वाद दिलाते हैं।

    और पढ़ें: जीभ की सही पुजिशन न होने से हो सकती हैं ये समस्याएं

    जानें अनहेल्दी जीभ का रंग (Tongue color)

    जब आपकी जीभ सामान्य पिंक की तरह न दिखे, तब आपको सतर्क होने की आवश्यकता है। जीभ का रंग (Tongue color) पिंक से यदि किसी भी रंग का हुआ तो वह अनहेल्दी टंग की श्रेणी में आता है। वहीं जरूरी है कि शारीरिक कमियों को दूरकर फिर से स्वस्थ हुआ जाए, ताकि हमारी जीभ भी हेल्दी दिखे।

    और पढ़ें : ओरल हाइजीन मिस्टेक: कहीं आप भी तो नहीं करते ये 9 गलतियां?

    रेड रंग की जीभ यानी विटामिन बी की कमी

    जब हमारी जीभ का रंग (Tongue color) डार्क पिंक को छोड़ लाल रंग की तरह दिखे तो इसका मतलब यह हुआ कि हमारे शरीर में विटामिन बी की कमी है, जिसे हम खानपान के द्वारा सुधार सकते हैं। लाल बुखार, एग्जिमा, कावास्की डिजीज (Kawasaki disease) होने के कारण भी जीभ का रंग लाल हो सकता है। वहीं यदि आपकी जीभ में लाल रंग के पैचेस हैं और बॉर्डर पर व्हाइट हैं तो ऐसे में आपको काफी सावधान होने की आवश्यकता है। मेडिकल टर्म में इसे जिओग्राफिक टंग कहा जाता है। यह नॉर्मल टंग नहीं होती। वहीं यह काफी रेयर भी है। ऐसा लक्षण दिखे तो डाक्टरी सलाह लेना चाहिए।

    और पढ़ें : बच्चों की ओरल हाइजीन को हाय कहने के लिए शुगर को कहें बाय

    पर्पल जीभ यानी दिल संबंधी बीमारी

    आपकी जीभ यदि पर्पल रंग की है तो इसका मतलब यह हुआ कि आपको दिल संबंधी परेशानी है या फिर शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन ठीक से नहीं हो रहा है। वहीं पर्पल रंग की जीभ वाले लोगों में कावास्की डिजीज भी देखी गई है।

    और पढ़ें: ओरल कैंसर (Oral Cancer) क्या है? जानें इसके लक्षण और रोकथाम के उपाय।

    ऑक्सीजन की ठीक से सप्लाई न होने पर ब्लू टंग

    किसी भी व्यक्ति का ब्लू टंग उस स्थिति में होती है जब उसके शरीर में सही तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती। वहीं ब्लू टंग लंग्स संबंधी बीमारी या फिर किडनी संबंधी बीमारी की ओर इशारा करती है। यदि ऐसा लक्षण दिखे तो डाॅक्टरी सलाह लेना चाहिए।

    स्मोकिंग-तंबाकू का सेवन करने से यल्लो टंग

    ऐसे लोग जो सिगरेट का सेवन करते हैं या फिर किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का सेवन करते हैं उन लोगों की जीभ पीली हो सकती है। वहीं कई केस में जॉन्डिस और सोरायसिस बीमारी होने के कारण भी यल्लो टंग के लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में इसे नजरअंदाज करने की बजाय डाॅक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

    पाचन संबंधी दिक्कत होने से ग्रे टंग

    कई बार खाना पचाने से संबंधित यदि परेशानी हो तो उस स्थिति में ग्रे टंग के लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं ऐसे लोग जो पेप्टिक अल्सर या फिर एग्जिमा की बीमारी से पीड़ित हो उनमें भी ग्रे टंग के लक्षण दिखते हैं। जरूरी है कि ऐसे में डॉक्टरी सलाह ली जाए।

    सफेद जीभ का कारण हो सकता है फंगल इंफेक्शन

    सफेद जीभ उस स्थिति में होती है जब जीभ की सफेद पैचेस उभर आते हैं। सामान्य तौर पर ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति फंगल इंफेक्शन या ओरल थ्रश (oral thrush) जैसी बीमारी से पीड़ित हो। एंटीफंग्ल दवाओं का सेवन करने से इस प्रकार की समस्या से निजात मिल जाता है। वहीं ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia) या फिर ओरल लिंचिन प्लैनस की समस्या होने पर भी व्यक्ति की जीभ का रंग (Tongue color) सफेद हो सकता है। कई बार ल्यूकोप्लाकिया की बीमारी ही आगे चलकर कैंसर में तब्दील हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बीमारी से सावधान रहा जाए।

    तंबाकू के सेवन से हो सकती है ब्राउन टंग

    ब्राउन टंग की समस्या सामान्य तौर पर तभी होती है जब व्यक्ति कुछ खाता या फिर पीता है। वहीं तंबाकू का सेवन करने के कारण भी ब्राउन टंग की समस्या हो सकती है। वहीं यह ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में से भी एक है।

    मुंह की अच्छे से सफाई नहीं करने से हो सकती है काली जीभ

    यदि हम मुंह की अच्छे से सफाई नहीं करते हैं तो उस स्थिति में हमारे मुंह में कई प्रकार के बैक्टीरिया निकलते हैं इसके कारण काली जीभ की समस्या हो सकती है। वहीं डायबिटीज की बीमारी होने के कारण भी काली जीभ की समस्या हो सकती है। वहीं कई बार जीभ की सतह बाल की तरह दिखने लगती है, ऐसा हेयरी ब्लैक टंग होने की स्थिति में होता है।

    चाइनीज पद्दति में जीभ देख शरीर का होता है इलाज

    चाइनीज इलाज की पद्दिति की बात करें तो यहां जीभ देख शरीर के इलाज की परंपरा रही है। चाइनीज पद्दिति के अनुसार जीभ हमारे हेल्थ कंडीशन को देखने का एक जरिया है। चाइनीज पद्दति के तहत यदि लंबे समय तक जीभ का रंग (Tongue color) अलग दिखता है तो इसका मतलब यह हुआ कि हार्ट, लिवर या फिर किडनी के साथ समस्या है। वहीं कोटिंग की बात करें तो हेल्दी टंग में पतली व्हाइटिश कोटिंग होती है, वहीं यदि यह परत मोटी है तो उस स्थिति में आपके ब्लेडर, पेट या फिर इंटेस्टाइन से संबंधित दिक्कत हो सकती है। चाइनीज पद्दिति में जीभ के मॉश्चर की भी जांच की जाती है। यदि जीभ में ज्यादा मॉश्चर है तो यह नमी को दर्शाता है वहीं जीभ में यदि मॉश्चर की कमी है तो शरीर में पानी की कमी का अंदाजा लगता है। वहीं जीभ के शेप की बात करें तो इसका भी शरीर के साथ सीधा संबंध है, जैसे शरीर में पानी की कमी होने से पतली जीभ हो सकती है।

    कब लेनी चाहिए डॉक्टरी सलाह

    यदि लंबे समय तक जीभ के रंग में परिवर्तन दिखता है तो उस स्थिति में डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। बता दें कि यदि आपके जीभ का रंग (Tongue color) दिन पर दिन डार्क दिखे या फिर हल्के रंग का दिखाई दें तो ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप डॉक्टरी सलाह जरूर लें। वहीं यदि जीभ के रंग और उसका साइज में किसी प्रकार का अंतर दिखाई दे या फिर स्वेलिंग, असामान्य लंप या फिर औसत से पतली जीभ हो उस स्थिति में भी डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए। वहीं यदि जीभ के मॉश्चर से लेकर उसके कोटिंग में किसी प्रकार का कोई अंतर दिखाई दे तो उस स्थिति में भी डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।

    मैनहेटन की डाॅक्टर और स्माइल डिजाइन की डेंटिस्ट ली गॉस बताती हैं कि, ‘हमारे पास कई ऐसे मरीज आते हैं, जो अपने जीभ के रंग में बदलाव देख तुरंत गूगल करते हैं वहीं किसी गंभीर बीमारी की चिंता में डूब जाते हैं, लेकिन हकीकत तो यह या कि यदि कुछ घंटों के लिए जीभ का रंग (Tongue color) बदले तो जरूरी नहीं कि उसका कारण गंभीर ही हो। पेट संबंधी दिक्कतों के कारण भी जीभ का रंग बदल सकता है। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह ली जाए।’

    इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। ।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/05/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement