सुबह का नाश्ता 10 बजे के पहले, लंच 2 बजे से पहले और रात का खाना 8 बजे के पहले करने से भोजन आसानी से पच जाता है और आप स्वस्थ रहते हैं। लेकिन कुछ लोग इस टाइम टेबल को बिल्कुल भी फॉलो नहीं करते हैं। समय पर न खाने की वजह से न सिर्फ उन्हें पेट संबंधी परेशानियां हो जाती हैं, बल्कि वजन भी बढ़ने लगता है। दरअसल, कुछ लोगों को लगता है कि एक टाइम पर खाना नहीं खाने से वजन कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इससे वजन कम नहीं होता है। इसलिए समय पर खाएं, लेकिन हेल्दी खाएं।
रेडी टू ईट और फास्ट फूड अधिक खाना
कभी समय की कमी तो कभी खाना बनाने में आलस आने की वजह से लोग रेडी टू ईट फूड को प्राथमिकता देने लगे हैं, क्योंकि यह बिना ज्यादा झंझट के जल्दी बन जाता है। रेडी टू ईट फूड का चलन शहरों में बहुत अधिक है, लेकिन प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है और सैचुरेटेड फैट भी ज्यादा होता है। ऐसे फूड में पौष्टिक तत्व और फाइबर भी कम होता है। इसलिए बेहतर है कि ऐसे फूड से परहेज करें और घर का बना ताजा खाना ही खाएं। जिसमें ताजी सब्जियों का इस्तेमाल करें। फास्ट फूड भी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। यदि आप इसे महीने में एक बार खा रहे हैं तो चलेगा, लेकिन रेग्युलर फास्ट फूड खाते हैं तो इस आदत को तुरंत बदल लीजिए।
स्मोकिंग की आदत नहीं है सही
सिगरेट सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है यह बात जानते हुए भी अधिकांश लोग स्मोकिंग करना नहीं छोड़ते हैं। यदि आप भी उन्हीं में से एक हैं तो स्मोकिंग से तौबा कर लें, वरना आपकी सेहत को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। धूम्रपान से आपके फेफड़ों पर बहुत असर पड़ता है और आज जिस तेजी से कोरोना वायरस फैल रहा है ऐसे समय में सिगरेट पीने वालों को इसका खतरा बहुत ज्यादा है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडीसिन की एक स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग करने वाले लोगों के कोरोना से संक्रमित होने पर आईसीयू में भर्ती होने, सांस लेने में ज्यादा तकलीफ और यहां तक कि मरने की आशंका भी सिगरेट न पीने वालों से तीन गुना ज्यादा होती है।
देर रात तक मोबाइल देखना
माना की मोबाइल आजकल जीवन का बहुत जरूरी हिस्सा बन गया है, लेकिन रात को ज्यादा देर तक मोबाइल देखने पर आपकी नींद पर असर होता है। यही वजह है कि कई लोगों को अनिद्रा की शिकायत हो जाती है। ऐसे में वह रात को ठीक से सोते नहीं है और नींद पूरी न होने की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के होने की अशंका बढ़ जाती है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक नींद पूरी न होने पर इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इसलिए कम से कम 7 घंटे की नींद हर किसी के लिए जरूरी है।