इसके अलावा कभी-कभी इस ट्यूब को सर्जरी की मदद से गले में एक छेद के माध्यम से रखा जाता है जिसे ट्रेकियोस्टोमी कहा जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं को करने के दौरान पेशेंट को एनेस्थीसिया की खुराक दी जाती है, ताकि उसे दर्द का एहसास न हो। इसके अलावा, दोनों प्रकार की सांस लेने वाली ट्यूब पेशेंट के वॉकल कॉर्ड से होकर गुजरते हैं। जिससे पेशेंट के बात करने की क्षमता प्रभावित होती है।
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एंडोट्रैकियल/ईटी ट्यूब का इस्तेमाल कब किया जाता है?
एंडोट्रैकियल/ईटी ट्यूब का इस्तेमाल सामान्य तौर पर उन पेशेंट के लिए किया जाता है जो बहुत कम अवधि के लिए वेंटिलेटर पर होते हैं। इस ट्यूब को बिना किसी सर्जरी के रोगी के विंडपाइप में डाला जा सकता है।
ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब का इस्तेमाल कब किया जाता है?
ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब को ट्रैच ट्यूब भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल उन पेशेंट के लिए किया जाता है जिन्हें लंबे समय के लिए वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता होती है। ट्रैच ट्यूब होश में रहने वाले पेशेंट के लिए एंडोट्रैकियल ट्यूब की तुलना में अधिक आरामदायक माना जाता है। अधिकांश पेशेंट सामान्य तौर पर ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब लगे होने पर बात करने में भी सक्षम होते हैं। हालांकि, बात करने या खाना खाने के कारण कई बार यह ट्यूब असुविधा का कारण बन सकती है।
वेंटिलेटर के इस्तेमाल के दौरान पेशेंट को भोजन कैसे कराते हैं?
अगर कोई पेशेंट वेंटिलेटर पर होता है, तो डॉक्टर उसे भोजन करने से मना करते हैं। इसके बजाय, रोगी की नस में डाली गई एक ट्यूब के माध्यम से पोषक तत्व उसे शरीर में प्रदान की जाती है। अगर पेशेंट लंबे समय तक वेंटिलेटर पर हैं, तो उसे नैसोगैस्ट्रिक ट्यूब या फीडिंग ट्यूब के माध्यम से भोजन खिलाया जा सकता है। ये ट्यूब पेशेंट की नाक या मुंह से या सर्जरी से बने छेद के माध्यम से सीधे उसके पेट या छोटी आंत में डाली जाती है। जिससे पेशेंट के पेट में सीधे खाना डाला जाता है।
कुछ स्थितियों में वेंटिलेटर पर लेटा पेशेंट कुछ समय के लिए कुर्सी पर बिठाया जा सकता है, लेकिन पेशेंट चलने या घूमने-फिरने में पूरी तरह से असक्षम होते हैं।
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वेंटिलेटर के नुकसान क्या हैं? (Disadvantages of ventilator)
वेंटिलेटर या सांस लेने वाली मशीन के नुकसान निम्नलिखित हैंः
इंफेक्शन होने का खतरा
ब्रीदिंग मशीन पर होने का सबसे गंभीर और आम जोखिम किसी तरह के इंफेक्शन होने का खतरा होता है। जिसमें निमोनिया सबसे आम माना जा सकता है। जब ट्यूब वायुमार्ग में डाली जाती है, तो बैक्टीरिया सीधा फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। जिसके कारण खांसी और फेफड़ों में जलन की समस्या हो सकती है। साथ ही, कई तरह के अन्य संक्रमणों को भी बढ़ावा दे सकती है।
साइनस होने का खतरा
वेंटिलेटर के नुकसान में साइनस संक्रमण का जोखिम भी शामिल हो सकता है। इस तरह का संक्रमण उन लोगों में अधिक होता है, जिनमें एंडोट्रैकियल ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि यह मुंह या नाक के माध्यम से विंडपाइप में डाला जाता है।
वेंटिलेटर (Ventilator) के नुकसान से होने वाले अन्य जोखिम