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आपका दोस्त होने के नाते, मैं कुशाल रॉय आपसे सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि “जिंदगी एक ही बार मिलती हैं, इसे खत्म करने के लिए बहुत सारी बीमारियां और कोविड-19 जैसी महामारियां हैं। इसलिए खुद की पहचान से प्यार करें, आप जैसे हैं, खुद को वैसे ही प्यार करें। आप किसी के लिए बदल कर, खुद को प्यार ना करें।”
हम सब किसी एक दिन सुसाइड प्रेवेंशन डे (Suicide Prevention Day) मनाते हैं। क्या आपको पता है कि हर 40 सेकेंड में पूरी दुनिया में कोई ना कोई सुसाइड करता है। इस तरह से तो हमें रोजाना सुसाइड प्रेवेंशन डे मनाना चाहिए। हमेशा याद रखें कि आत्महत्या करने से पहले एक आहट होती है, जिसे समझने की जरूरत है। अगर आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार कुछ अलग तरीके से व्यवहार कर रहा है, अपने सोशल मीडिया पर उदासी से भरी चीजें पोस्ट कर रहा है, तो आप उससे बात करें। उसकी समस्या के बारे में जानें और इलाज कराएं।
आत्महत्या की रोकथाम नस्लवाद (racism), लिंगवाद (sexism), लिंग आधारित भेदभाव (gender based discrimination), होमोफोबिया, ट्रांसफोबिया और बाइफोबिया को कम कर सकती है। जैसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा सभी का अधिकार है, वैसे ही समलैंगिकों के अधिकार के तहत आप भी अपनी मानसिक स्थिति का बेहतर तरीके से इलाज करा सकते हैं। शायद मैं इसलिए ही जिंदा हूं, क्योंकि मुझे समय पर बेहतर मानसिक इलाज मिला। मैं ये बात मानता हूं कि हर कोई मनोचिकित्सक का खर्च नहीं उठा सकता; इसके लिए कई तरह की एनजीओ और सरकारी संस्थाएं सुसाइड प्रेवेंशन के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, मानसिक स्वास्थ्य उपचार, पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य सहायता मुहैया करा रही हैं।
अंत में मैं हैलो स्वास्थ्य के माध्यम से आपसे सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि “आप जैसे हो खूबसूरत हो, आप किस सेक्स के साथ पैदा हुए ये मायने नहीं रखता है, आपका सेक्सुअल ओरिएंटेशन क्या है, ये बात जरूरी है। खुद को पहचानें, समाज के सामने खुद को स्वीकार करें, क्योंकि आपका जीवन आपके लिए आशीर्वाद है। हमेशा स्वस्थ रहें, मस्त रहें, क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे और लोगों का काम है कहना। समलैंगिक की सामाजिक लड़ाई यूं ही चलती रहेगी, इससे हारें नहीं, बल्कि डट कर मुकाबला करें।”
आपका अपना
कुशाल रॉय