बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण दिखने का एक बड़ा कारण, रिलेशनशिप में असफलता भी है। वहीं, गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड न बन पाना या ब्रेकअप जैसी चीजें बच्चों के दिमाग पर बार असर करती हैं। रिलेशनशिप के मामलों में बच्चे अक्सर किसी से अपनी बात शेयर नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ता है। नतीजन, डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिलते हैं।
बच्चों में डिप्रेशन या मेंटल डिसऑर्डर आनुवांशिक (Genetic), किसी घटना या बचपन का आघात (childhood trauma) के कारण भी हो सकता है। अगर किसी बच्चे के पेरेंट्स इस समस्या से गुजर चुके हों तो वे अवसाद के शिकार जल्दी हो सकते हैं।
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण दिखने पर पेरेंट्स क्या करें?
अगर आपका बच्चा इन सारी चीजों से जूझ रहा है तो ऐसे में उसपर ध्यान देने की जरूरत है। किशोरावस्था में होने वाले स्ट्रेस से निपटने में असफल होने पर बहुत से युवा धूम्रपान, चोरी और नशीली दवाओं का सेवन करने लगते हैं। कभी-कभी अवसाद इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि बच्चा आत्महत्या करने की भी कोशिश करता है। ऐसे में पेरेंट्स ये कुछ टिप्स फॉलो करें-
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बच्चे को व्यस्त रखें
बच्चे को उसकी हॉबी के लिए प्रेरित करें जैसे डांस, म्यूजिक या उसका पसंदीदा खेल। ऐसा करने से वह खुश रहेगा। इससे बच्चे को रोजमर्रा होने वाले छोटे-मोटे तनाव से लड़ने की शक्ति मिलती है।
दोस्ताना बर्ताव करें
माता-पिता को बच्चों से मजबूत इमोशनल बॉन्डिंग बनाए रखने के लिए अपने टीनएजर बच्चों से दोस्त जैसा व्यवहार करें। उन्हें भरपूर समय दें और उनकी बातें हमेशा सुनें। ऐसा होने पर उन्हे आपसे बात करने में कोई हिचक नहीं होगी और अगर उन्हें कोई समस्या होगी तो वे आपसे खुलकर बात कर सकेंगे। जिससे उनकी परेशानी और तनाव की वजह पता लगाना आसान हो जाएगा।
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तुलना न करें