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ये 6 सुपर फूड्स निकाल सकते हैं डिप्रेशन से बाहर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/10/2020

    ये 6 सुपर फूड्स निकाल सकते हैं डिप्रेशन से बाहर

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 5.6 करोड़ लोग डिप्रेशन और 3.8 करोड़ लोग एंग्जाइटी डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं। डिप्रेशन या अवसाद एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसका अगर समय रहते पता न चले तो यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, हर 5 में से एक व्यस्क डिप्रेशन का शिकार होता है। यह गंभीर बीमारी सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी होने लगी है। डिप्रेशन के इलाज के लिए थेरिपी (साइकोथेरिपी, लाइटथेरिपी आदि) और मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लिया जाता है। लेकिन, जीवनशैली में बदलाव (जैसे-डिप्रेशन डायट) अवसाद के लक्षणों को जल्दी ठीक करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए और इसे लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स…

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर आशुतोष श्रीवास्तव (सूर्या हॉस्पिटल, लखनऊ) ने “हैलो स्वास्थ्य’ से बातचीत के दौरान बताया, “यदि आप तनाव के कारण परेशान हैं तो ध्यान रखें कि स्ट्रेस से दिमाग ऑक्सीडेटिव डैमेज के प्रति संवेदनशील हो जाता है। यानी कोशिकाओं को मिलने वाली ऑक्सिजन की मात्रा प्रभावित होने लगती है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के कार्यों पर पड़ता है। ऐसे में एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर खान-पान अपनाने से न सिर्फ दिमाग बल्कि किडनी, लिवर और दिल को भी सेहतमंद बनाए रखा जा सकता है।’ जानते हैं डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए जिससे इसके लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है-

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    डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए: हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां (Green Leafy Vegetables)

    मार्च 2015 में एक अध्ययन के अनुसार, क्रोनिक डिप्रेशन का एक कारण मस्तिष्क में आई सूजन है। ऐसे में डिप्रेशन डायट में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पालक, केल, पत्ता गोभी जैसी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और फोलेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कई लोगों का मानना है कि दैनिक रूप से पर्याप्त फोलेट का उपयोग अवसाद के जोखिम को कम करता है। दिमाग की अच्छी सेहत के लिए रोजाना पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है।

    अखरोट (Walnuts)

    अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है और कई रिसर्च से पता चला है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड ब्रेन फंक्शन को सही करता है। साथ ही अवसाद के लक्षणों को कम करता है। एक रिसर्च जिसमें 26,000 से भी अधिक वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया गया। उसमें पाया कि जो लोग नियमित रूप से अखरोट खाते हैं, उनमें अवसाद का जोखिम कम होता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि अवसाद ग्रसित लोगों ने जिन्होंने रोजाना एक औंस (यानी 28 ग्राम) अखरोट खाया उनका डिप्रेशन स्कोर 26% कम था। यह मूड बूस्टिंग फूड है। साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी कम करता है। इसलिए, डिप्रेशन डायट में नियमित रूप से नट्स का सेवन करें।

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    बीन्स (Beans)

    बीन्स प्रोटीन और फाइबर का एक बड़ा स्रोत हैं। दोनों ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। बीन्स में फोलेट भी पाया जाता है। फोलेट शरीर को विटामिन बी-12 और अमीनो एसिड के उपयोग में मदद करता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने और नई कोशिकाओं को बनाने में मददगार होता है। इसके साथ ही यह तंत्रिका तंत्र की रक्षा और संतुलन बनाए रखने में भी सहायता करता है। यह अवसाद जैसे मूड डिसऑर्डर के जोखिम और लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।

    डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए: बीज (Seeds)

    यदि आप अवसाद से जूझ रहे हैं तो अलसी और चिया बीज डिप्रेशन डायट में शामिल करें। इनमें ओमेगा-3 फैट्स की मात्रा अधिक होती है। एक चम्मच फ्लैक्स सीड्स (flax seeds) प्रतिदिन आवश्यक ओमेगा-3 का लगभग 61 प्रतिशत शरीर को प्रदान करता है। यदि आप अपने आहार के साथ-साथ मनोदशा को सुधारने के लिए सोच रहे हैं, तो सीड्स को डिप्रेशन डायट में शामिल करें।

    डिप्रेशन में डायट: टमाटर (Tomatoes)

    टमाटर में प्रचुर मात्रा में फोलिक एसिड और अल्फा-लिपोइक एसिड (Alpha-Lipoic Acid) मौजूद होता है, जो अवसाद से लड़ने के लिए अच्छा माना जाता है। जर्नल ऑफ साइक्रेट्री एंड न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कई अध्ययनों में पाया गया है कि डिप्रेशन के रोगियों में फोलेट की कमी देखी गई है। इस प्रकार डिप्रेशन डायट में फोलिक एसिड को शामिल करना अवसाद के इलाज में सहायक हो सकता है। 

    प्याज में मौजूद फोलेट अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में और आपका मूड अच्छा बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। होमोसिस्टीन (Homocysteine) ब्लड और अन्य पोषक तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकता है और फोलेट इस केमिकल को बनने से रोकता है। साथ ही होमोसिस्टीन फील-गुड हार्मोन सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन के उत्पादन में भी हस्तक्षेप करता है, जो न केवल मूड को नियंत्रित करता है, बल्कि नींद और भूख को भी नियंत्रित करता है।

    वैसे तो डिप्रेशन डायट जैसा कुछ होता नहीं है लेकिन, अवसाद में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए? यह मायने रखता है। इससे डिप्रेशन के उपचार पर असर पड़ सकता है। ऊपर बताए गए फूड्स के साथ ही डिप्रेशन डायट में मछली, प्रोबायोटिक्स, सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ, विटामिन डी आदि भी शामिल करें। डिप्रेशन के लक्षण जल्द से जल्द ठीक हो सके, इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, योग, मेडिटेशन आदि पर भी ध्यान दें।

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    डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए: बैरीज (Berries)

    ब्लूबैरी, स्ट्रॉबैरी, ब्लैकबैरी में सबसे ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। एक रिसर्च में बताया गया कि डिप्रेशन से ग्रस्त जिन मरीजों को दो सालों तक ब्लूबैरी, स्ट्रॉबैरी, ब्लैकबैरी जैसी चीजें खानें को दी गईं, उनमें डिप्रेशन काफी हद तक घट गया। माना जाता है कि एंटीऑक्सिडेंट्स एक तरह से हमारे डीएनए की मरम्मत करते हैं और हमें कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाते हैं।

    इन से बनाएं दूरी…

    डिप्रेशन से लड़ने के लिए जिस तरह कुछ फूड्स फायदेमंद हैं, ठीक वैसे ही कुछ चीजों का सेवन करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए आपको इससे दूरी बनाए रखनी चाहिए, आइए इनके बारे में जानते हैं…

    कैफीन और अत्यधिक शुगर वाले फूड्स

    कुछ लोगों के लिए अपनी डायट से कैफीन को बिल्कुल अलग कर देना आसान नहीं होता है। लेकिन डिप्रेशन के मरीज को इसका सेवन सिर्फ सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। क्योंकि इससे आपकी नींद पर सीधा असर पड़ता है और यह आपको ज्यादा चिंतित बना सकता है और यह दोनों ही चीजें डिप्रेशन में आपके लिए ठीक नहीं है। कैफीन के अलावा शुगर वाले फूड्स भी आपके दिमाग के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। क्योंकि अत्यधिक शुगर का सेवन करने से एकदम आपको काफी एनर्जी मिलती है, लेकिन उसके बाद वह आपके शरीर को अचानक महसूस होने वाली थकान का कारण भी बनती है। इसलिए ऐसे फूड्स से बचें, जो आपके ब्लड शुगर को एकदम हाई कर देते हैं।

    एल्कोहॉल

    जब आप चिंता, डिप्रेशन आदि का शिकार होते हैं, तो आपको एल्कोहॉल या ‘सेल्फ मेडिकेशन’ से बचना चाहिए। क्योंकि एल्कोहॉल का सेवन करने से भी आपको अस्थाई राहत तो मिलती है, लेकिन धीरे-धीरे डिप्रेशन के लक्षण गंभीर होते जाते हैं। एल्कोहॉल का सेवन आपकी नींद प्रभावित करता है और आपके मूड स्विंग्स होने का कारण भी बनता है।

    हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए इसके बारे में बताया गया है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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