मलेरिया से पीड़ित होने पर अगर आप अच्छी डायट अपनाते हैं, तो आप इस बीमारी से अच्छी तरह लड़ सकते हैं और रिकवरी कर सकते हैं। फूड बॉडी को पैरासाइट अटैक से लड़ने के लिए ईंधन प्रदान करते हैं। साथ ही हमारे इम्यून सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए भी हेल्दी फूड्स बेहद जरूरी है। ये हमारे सिस्टम को अच्छी तरह काम करने योग्य बनाते हैं।
जब हम बीमार होते हैं तो हमारा कुछ भी खाने का मन नहीं करता, लेकिन ये सही नहीं है। इससे बॉडी कमजोर हो सकती है। अगर आप मलेरिया से पीड़ित है तो आपको अपने खानपान को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। तो आइए जानते हैं मलेरिया डायट के बारे में।
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मलेरिया डायट में एनर्जी देने वाले फूड्स को शामिल करें
जब मरीज को मलेरिया होता है, तो बॉडी की कैलोरीज और न्यूट्रिशन की आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं। इसे बीएमआर या बॉडी मेटाबोलिक रेट के रूप में जाना जाता है। साथ ही कैलोरी की मात्रा बढ़ाने की आवश्यकता शरीर के तापमान में वृद्धि पर निर्भर करती है।
ऐसे में हमें हाई कार्बोहाइड्रेड डायट को अपनाना चाहिए। इसको पचाने में ज्यादा समय नहीं लगता और एनर्जी भी तुरंत मिल जाती है। इसके लिए मलेरिया डायट में दाल चावल या खिचड़ी को अपनाना चाहिए। चावल आसानी से पच सकता है और तेजी से एनर्जी रिलीज करता है।
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मलेरिया डायट में इन फलों को करें शामिल
ताजे फल और सब्जियां मलेरिया पेशेंट के लिए बेहतरीन होते हैं। स्टडीज के अनुसार विटामिन सी और विटामिन ए रिच फ्रूट्स जैसे कि पपीता, अंगूर, बेरीज, संतरा मलेरिया से पीड़ित मरीज को डिटॉक्सीफाई करने के साथ ही इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही गाजर और चुकंदर को मलेरिया डायट में शामिल करना अच्छा होगा।
मलेरिया डायट में प्रोटीन इंटेक को होगा बढ़ाना
मलेरिया के दौरान भोजन में प्रोटीन का इंटेक बढ़ाना जरूरी है। मलेरिया डायट में हाई कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से बॉडी प्रोटीन का उपयोग टिशू रिपेयर में कर सकती है। प्रोटीन के लिए दाल, चिकन और अंडा खाया जा सकता है।
मलेरिया डायट में फैट्स पर रखें ध्यान
अगर आप मलेरिया से ग्रसित है, तो आपको फैट कंज्यूम करने से पहले थोड़ा ध्यान देना होगा। फैट्स बॉडी के लिए जरूरी है, लेकिन सीमित मात्रा में। मलेरिया डायट में क्रीम, मक्खन जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स का उपयोग अपच और डायरिया का कारण बन सकता है। नट्स और सीड्स कई पोषक तत्वों के साथ ही हेल्दी फैट्स और प्रोटीन का सोर्स हैं। इन्हें डायट में शामिल किया जा सकता है। साथ ही इनमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं, जो कि इंफेक्शन से होने वाले एंटीऑक्सीडेंट स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं।