अर्थराइटिस एवं ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा टलता है-
हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार नियमित रूप से सप्ताह में कम से कम 5 बार तीस से चालीस मिनट तक टहलने से अर्थराइटिस एवं ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी टालता है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी नियम से टहलने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को हड्डियों से संबंधित परेशानियों का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए टहलना महिलाओं के लिए लाभकारी होता है।
डिप्रेशन की समस्या होती है दूर-
अगर आप अवसाद की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डेली रूटीन में हेल्दी डायट के साथ-साथ टहलना भी शामिल करना होगा। दरअसल स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है की आधे से एक घंटे तक नियमित टहलना मूड डिसऑर्डर या मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाये रखने में आपकी मदद करेगा। रिसर्च से यह बात सामने आई है की सप्ताह में 200 मिनट तक टहलना मानसिक परेशानियों को दूर रखने में आपका साथ निभा सकता है।
वॉकिंग से टलता है कैंसर का खतरा-
कहते हैं कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन कुछ रिसर्च के अनुसार टहलने से ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, किडनी कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम होता है। रोजाना टहलने से नींद अच्छी आती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मॉर्निंग वॉकिंग से इम्यूनिटी पावर स्ट्रॉन्ग होती है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स यह मानते हैं की इम्यून पावर कमजोर होने की वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जिसमें कैंसर भी शामिल है।
मस्तिष्क करता है ठीक से काम-
क्या आप जानते हैं कि नियमित टहलना आपके याद रखने की क्षमता को स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार है। सुबह-सुबह टहलने से ब्रेन अच्छी तरह से काम करता है और आप सकारात्मक सोचते हैं। दरअसल जब आप टहलते हैं, तो ब्रेन में ऑक्सिजन एवं ब्लड सप्लाई बेहतर होता है और इसका फायदा मेमोरी बूस्टर की तरह हमें मिलता है। रिसर्च के अनुसार नियमित टहलने से 65 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं में याददाश्त कमजोर होने की संभावना कम होती है, जो उम्र से संबंधित होती है। पैदल चलना उम्र से संबंधित मानसिक बीमारियों को दूर रखने का एक शानदार तरीका है। नियमित रूप से चलने या टहलने से पुरानी बीमारियों से होने वाले खतरों को 70 प्रतिशत तक काम किया जा सकता है।
मॉर्निंग वॉकिंग से बॉडी को करें टोन-
रेगुलर वॉकिंग से बॉडी टोन किया जा सकता है, लेकिन इसका फायदा आपको एक दिन, एक हफ्ते में नहीं बल्कि डेली रूटीन में शामिल कर मिल सकता है। टहलने से पैरों की मासपेशियां और पेट की अतिरिक्त चर्बीयों को कम किया जा सकता है।
मिसकैरिज की संभावना कम हो सकती है-
वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज की जा सकती है अगर गायनोकोलॉजिस्ट ने गर्भवती महिला को आदेश दिया है तो। लेकिन अगर आप किसी कारण से वर्कआउट नहीं कर पा रहीं हैं, तो नियमित टहलना शुरू करें। दरअसल मॉर्निंग वॉक से शरीर में हॉर्मोन लेवल बेहतर होता है और मिसकैरिज के साथ-साथ प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले डायबिटीज की समस्या से भी बचा जा सकता है।
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त्वचा और बालों पर आती है चमक-
आप त्वचा को जवां बनाये रखने के लिए कई उपाय अपनाते हैं और बालों की चमक बढ़ाने के लिए भी कई विकल्प अपनाते हैं। आपके विकल्पों या घरेलू उपायों में एक और आसान उपाय जुड़ने जा रहा है और वो है टहलना। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेकनोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार सुबह-सुबह टहले का फायदे त्वचा की रौनक बढ़ाने और बालों को घना और शाइनी बनाने में मिलता है। अगर आपको एजिंग (झुर्रियां) की समस्या हो या बालों से जुड़ी परेशानी। इनसभी परेशानियों को दूर करने का उपाय छिपा है मॉर्निंग वॉकिंग में।
वजन करें संतुलित-