दोनों बच्चों को एक ही एक्टिविटी दें
मान लीजिए किसी दिन भाई-बहन में झगड़ा हो गया है तो पेरेंट्स होने के नाते उन दोनों की दोस्ती कराना आपकी ही रिस्पांसिबिलिटी है। इसके लिए बच्चों को एक साथ किसी काम में लगा दें। जैसे मान लें कि फादर्स डे आ रहा है तो बच्चों को बोले कि वे पापा के लिए अच्छे से रूम डेकोरेट करें।
क्यों है आपके भाई-बहन आपके सबसे बड़े साथी?
आज की इस भागती दुनिया में अगर आपके भाई-बहन आपके साथ खड़े हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है। बच्चे छोटे पौधों की तरह होते हैं जिन्हें अगर एक बार अच्छी तरह से सींचना चाहिए। भाई-बहन एक-दूसरे को जीवन के छोटे पायदान पर ही बहुत कुछ सीखा सकते हैं। कभी-कभी तो जीवन के बहुमूल्य अनुभव भी प्रदान करते हैं। वे एक दूसरे को संवेदनशीलता, साझेदारी और प्यार सिखाते हैं। वे आपस में ही एक दूसरे से ऐसे कौशल सीखते हैं जो उन्हें बाक़ी लोगों के साथ समान व्यवहार करने में सक्षम बनाते हैं।
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निष्कर्ष:
अगर भाई-बहन को पेरेंट्स का सही मार्गदर्शन मिले तो उनके बीच की लड़ाई और ईर्ष्या की भावना मन में नहीं आएगी और वो आपस में भाई और बहन का रिश्ता बहुत ही मज़बूत रिश्ते को क़ायम करने में सफल होंगे। पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें अपने बच्चों को एक-दूसरे की भलाई और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाना चाहिए।
एक बार जब भाई और बहन का रिश्ता बचपन में स्ट्रांग होगा, एक-दूसरे के प्रति प्यार महसूस करने लगेंगे, तो वे एक दूसरे को स्नेह और सुरक्षा प्रदान करेंगे। इस तरह वे अपने भविष्य के संबंधों की जिम्मेदारी लेने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपके पास भी कुछ टिप्स हैं तो कमेंट बॉक्स में हमारे साथ शेयर करें।