पुरुषों के यौन (गुप्त) रोग का उपचार
पुरुषों के यौन (गुप्त) रोग के अधिकतर मामले शारीरिक या मानसिक रूप से रोगी का उपचार कर के ठीक हो जाते हैं। इस समस्या का उपचार इस तरह से किया जा सकता है।
दवाईयां
पुरुषों के यौन (गुप्त) रोग के उपचार में वो दवाईयां शामिल हैं जो लिंग में खून के प्रवाह को बढ़ा कर यौन कार्यों को सुधारती हैं। जैसे सिल्डेनाफिल (Sildenafil), तडालफिल ( tadalafil ), वर्डेनफिल(vardenafil)। यह दवाईयां पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं। इन दवाईयों की डोज डॉक्टर के कहे अनुसार ही लें। कई लोग इन्हे लेने से कुछ साइड इफ़ेक्ट भी अनुभव कर सकते हैं जैसे पेट का ख़राब होना, आंखों की रोशनी में समस्या, सिरदर्द , नाक का बंद होना आदि। यह दवाईयां आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं, अगर,
1) आप नाइट्रेट ड्रग ले रहे हैं जिसकी सलाह छाती में दर्द की स्थिति में दी जाती है।
2) दिल से जुडी कोई समस्या हो जैसे हार्ट फेलियर।
3) ब्लड प्रेशर लौ हो।
हार्मोन थेरेपी
टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर को हार्मोन्स थेरपीस से अधिक किया जा सकता है। इनमें इंजेक्शन, जेल और पैचेज शामिल हैं।
साइकोलॉजिकल थेरेपी
साइकोलॉजिकल एक्सपर्ट आपके दिमाग से तनाव, चिंता, भय या अपराध की भावना को दूर करने में मदद करते हैं, जो यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपको किसी साइकोलोजिस्ट या काउंसलर के पास जाने की सलाह दे सकते हैं।
मैकेनिकल एड्स
वैक्यूम डिवाइस और पेनिल इम्प्लांट आदि, उन लोगों के लिए उपयोगी है जो स्तंभन दोष का शिकार हैं।
1 ) वैक्यूम डिवाइस या पेनिस पंप : यह एक खाली ट्यूब होती हैं जिसके साथ हैंड-पॉवर्ड या बैटरी से चलने वाला पंप होता है। इस ट्यूब को लिंग के ऊपर पहना जाता है और पंप का उपयोग ट्यूब के अंदर की हवा को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। इससे वैक्यूम पैदा होता है जो पेनिस में रक्त को खींचता है।एक बार जब आपको इरेक्शन होता है, तो आप लिंग पर एक अंगूठी को खून को रोकने और लिंग को स्थिर रखने के लिए खिसका देते हैं। फिर वैक्यूम डिवाइस को हटा दिया जाता है।
2) पिनाइल इम्प्लांट : इस उपचार में लिंग के दोनों तरफ सर्जरी के जरिये एक उपकरण लगाया जाता है। इन प्रत्यारोपणों में या तो इन्फ्लेटेबल या मुड़ने वाली छड़ें होती हैं। जब इरेक्शन होता है तो इन्फ्लेटेबल उपकरण आपको इसे कंट्रोल करने में मदद करते हैं। मुड़ने वाली छड़ें आपके लिंग को दृढ बने रहने में मददगार हैं। इस उपचार की सलाह तभी दी जाती है जब अन्य उपचार सफल न हों।