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एक तलाकशुदा से शादी को लेकर क्या वाकई में सही है ऐसी सोच?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/03/2021

    एक तलाकशुदा से शादी को लेकर क्या वाकई में सही है ऐसी सोच?

    क्या आपने कभी किसी को यह कहते हुआ सुना है कि उसका सपना कि वो एक दिन तलाक ले? नहीं न…क्योंकि, कोई भी कभी भी डायवोर्स का ख्वाब नहीं देखता है। जबकि, शादी के अरमान हर किसी के होते ही हैं। लेकिन, फिर भी अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो दुनिया में तलाक का आंकड़ा बढ़ा रहा है। हालांकि, तलाक के मामले में भारत की स्थिति दूसरों से काफी अलग है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में तलाक सिर्फ एक फीसदी ही होता है। यहां हर एक हजार शादियों में सिर्फ 13 ही तलाक की कगार पर जाते हैं, जिसके पीछे कई कारण होते हैं। इसके अलावा, लोगों में तलाकशुदा लोगों को लेकर कई तरह की मिथक भी हैं। उन्हें लगता है कि तलाकशुदा लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है या वो परिवार चलाने में असफल होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको तलाकशुदा व्यक्तियों को लेकर समाज में फैले कुछ मिथक के बारे में बताएंगे।

    तलाकशुदा लोगों से शादी करने से जुड़े हैं कुछ इस तरह के मिथक

    1.रिश्ते निभाने में असफल होते हैं तलाकशुदा

    कुछ लोगों को लगता है कि तलाकशुदा लोग रिश्ता नहीं निभा सकते हैं। लेकिन, उन्हें यह नहीं पता कि तलाक जैसा फैसला लेना हर किसी के लिए एक हिम्मत भरा और मजबूत मनोस्थिति वाला फैसला होता है। क्योंकि, तलाक के जरिए उन्होंने यह तय किया है कि अब वो ऐसे रिश्ते में नहीं रह सकते हैं, जिसमें उनका मन नहीं लगता है।

    2.स्वभाव से स्वार्थी होते हैं तलाकशुदा

    ऐसा लग सकता है कि तलाक लेने वाले लोग स्वभाव से स्वार्थी होते हैं क्योंकि, तलाक उन्होंने सिर्फ खुद को आजाद करने के लिए लिया है। लेकिन, ऐसा सोचना गलत हो सकता है। उनके तलाक का फैसाल न सिर्फ उनसे, बल्कि उनके एक्स साथी और परिवार से भी जुड़ा होता है। अपने घर-परिवार और जीवन में शांति लाने के लिए ही उन्होंन तलाक का फैसला किया होगा।

    3.तलाकशुदा के बच्चों का प्रेशर रहेगा

    अगर तलाकशुदा व्यक्ति के बच्चे होते हैं, तो लोगों को लग सकता है कि उनकी जिम्मेदारी नए साथी के कंधों पर आ सकती है लेकिन, ऐसा नहीं है। उनके बच्चों की परवरिश कैसे करनी है या कौन करेगा यह फैसला दोनों मिलकर तय कर सकते हैं।

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    4.दोबारा प्यार नहीं कर सकते तलाकशुदा

    तलाकशुदा हो या फिर सिंगल, हर किसी को जीवन में एक से अधिक बार प्यार हो सकता है। अगर पहले रिश्ते में वो सम्मान या प्यार न मिले, तो हर कोई नए प्यार की तलाश शुरू कर सकता है। ऐसे में वो अपने नए साथी को भी बहुत प्यार करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं।

    5.हर बात पर झगड़ा करते होंगे तलाकशुदा

    हर तलाक की वजह सिर्फ झगड़ा ही नहीं हो सकता है। किसी भी रिश्ते में दूरी आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अगर उनके पिछले रिश्ते में बहुत ज्यादा झगड़े होते थे, तो इसका यह मतलब नहीं कि वो झगलाड़ू हैं या नए रिश्ते में भी झगड़ा करते रहेंगे।

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    6.सामाज में मान-सम्मान कम हो सकता है

    जीवन का हर फैसला किसी न किसी तौर पर सामाज से जुड़ा हो सकता है। तलाकशुदा लोगों के बारे में लोगों का नजरिया अलग-अलग हो सकता है। हालांकि, इससे उनके मान-सम्मान में फर्क भी पड़ सकता है। लेकिन, जब वो एक नए रिश्ते में फिर से खुशहाल जीवन शुरू कर देंगे, तो इसे बड़ी ही आसानी से वापस पा सकते हैं।

    7.बार-बार पुराने साथी से तुलना कर सकते हैं तलाकशुदा

    अक्सर ऐसा हर रिश्ते में होता ही है। नए साथी से झगड़ा होने के बाद अक्सर लोग नए साथी की तुलना अपने पुराने साथी से कर सकते हैं। लोगों के मन में इस बात की शक रहती है कि अगर वो किसी तलाकशुदा शख्स से शादी करेंगे, तो उनका साथी उनकी तुलना अपने पुराने साथी से करता रहेगा।

    8.सौतेली मां या पिता को अपनाने में असहज नहीं सकते हैं बच्चे

    बात बॉलीवुड की करें, तो ऐसे कई सौतेले रिश्ते देखने को मिलते हैं जहां सौतेले बच्चे अपनी सौतेली मां या सौतेले पिता के ज्यादा करीबी हैं। दोनों के बीच एक दोस्ताना रिश्ता तक कायम हो चुका है। लेकिन, एक आम जिंदगी में इसकी कल्पना करना भी बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। कई बार सामाजिक या मानसिक परिस्थितियों के कारण बच्चे अपने सौतेले माता-पिता को पूरे जीवन तक नहीं अपना पाते हैं। इसके कारण वो अपने सगे माता या पिता से भी धीरे-धीरे दूर होते जाते हैं और खुद को अकेला महसूस करने से लगते हैं। जिसके कारण कई बार परिवार के सदस्यों में झगड़े भी हो सकते हैं। यहां तक की सौतेले माता-पिता के बच्चों के साथ भी उनके रिश्ते नहीं जुड़ पाते हैं।

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    तालक से जुड़े मामलों में क्या कहते हैं आकड़ें?

    राष्ट्रीय विवाह परियोजना के अनुसार, 1980 के दशक से तलाक की दर लगातार कम हो रही है। अमेरिका में तलाक के मामलों में 40 से 50 फीसदी तक की कमी आई है। हालांकि, अभी भी विश्वभर में अमेरिका में तलाक के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। इनमें भी तलाक की पहली पहल में ज्यादातर मामले पुरुषों की तरफ से होते हैं। तलाक के मामले में महिलाएं दो तिहाई ही देखी जाती हैं।

    वहीं, भारत के आकड़ों पर गौर करें, तो भारत में तलाक के मामले हर साल सबसे कम होते हैं। हालांकि, होने वाले तलाक के मामलों का कारण अक्सरः

    • साथी के साथ संबंध अच्छे न होना
    • साथी का धोखा देना
    • नशे या शराब की लत
    • शारीरिक या मानसिक शोषण हो सकता है।

    1 हजार में से 13 कपल लेता है तलाक

    आकड़ों के मुताबिक हर साल होने वाली शादियों में हर 1 हजार में से सिर्फ 13 जोड़ें ही तलाक लेते हैं। यह आंकड़ा एक फीसदी से भी कम का है। हालांकि, अगर असलियत देखा जाए, तो ऐसे कई कपल हैं, जो कई कारणों से अपनी शादी से खुश नहीं हैं और कई सामाजिक और पारिवारिक कारणों की वजह से तलाक नहीं ले पाते हैं। ऐसे मामालें ज्यादातर अरेंज मैरिज में देखे जाते हैं।

    अगर आप किसी तलाकशुदा से शादी करना चाहते हैं, तो उनके बीते हुए कल की तुलना अपने आने वाले भविष्य से न करें। उन पर भरोसा बनाएं रखें और अपने-अपने विचारों के बारे में एक-दूसरे से खुलकर बाते करें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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