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रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम में क्या है अंतर, जानिए इनके फायदे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/05/2021

    रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम में क्या है अंतर, जानिए इनके फायदे

    पहले कॉन्डम का इस्तेमाल सुरक्षित यौन संबंध और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए किया जाता था। बदलते वक्त के साथ कॉन्डम के कई प्रकार इजाद हुए और इसके साथ ही सेक्स में कुछ अलग अनुभव और करने की चाह ने भी कॉन्डम के विभिन्न प्रकारों को जन्म देने में मदद की। सेक्स में कुछ अलग पाने की चाहत ने ही रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम को जन्म दिया है। यह दोनों ही कॉन्डम सेक्स के प्लेजर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम में क्या अंतर है? और इनके क्या फायदे और नुकसान हैं? इस आर्टिकल इन्हीं बातों पर गौर किया गया है।

    रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom) और डॉडेट कॉन्डम (Dotted Condom) में क्या अंतर है?

    रिब्ड/धारीदार कॉन्डम

    जैसा नाम से ही जाहिर है यह कॉन्डम धारीदार होता है। यदि सेक्स के वही घिसे-पिट सिंपल कॉन्डम से आप उब गए हैं, तो आप रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिब्ड कॉन्डम में धारियां होती हैं, जिनके कारण इनमें उभार होता है। यह उभरी हुई धारियां या रिज पेनिस और वजायना की उत्तेजना में अतिरिक्त घर्षण पैदा कर उत्तेजना को बढ़ावा देने का काम करता है।

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    सिंपल कॉन्डम से नाखुश रहते हैं लोग

    रेगुलर कॉन्डम से लोगों को संतुष्टि नहीं मिलती है या यूं कहें कि इससे इंटिमेसी से लेकर उत्तेजना तक में कमी आ जाती है। इसलिए रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम का इजाद किया गया है। यह महिला और पुरुष दोनों को ही सेक्स में अलग अनुभव देते हैं। रिब्बड कॉन्डम की बात की जाए तो यह ए​क निश्चित दूरी पर बनी गोलाकार धारियां होती हैं। इन उभरी हुई धारियों के कारण महिलाओं को वजायना में और पुरुषों को लिंग में एक अलग प्रकार का अनुभव या उत्तेजना होती है। माना जाता है कि यह ऑर्गेज्म यानी चरम सुख तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।

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    डॉटेड कॉन्डम

    रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom) और डॉडेट कॉन्डम (Dotted Condom) दोनों का ही इजाद सेक्स लाइफ को और रोमांचक बनाने के लिए किया गया है। रिब्ड कॉन्डम में जहां उभरी हुई धारियां होती हैं वहीं डॉडेट में बिंदू या डॉट बने हुए होते हैं। डॉटेड कॉन्डम में भी एक निश्चित दूरी पर गोलाकार रूप से उभरे हुए डॉट बने हुए होते हैं। यह डॉट भी सेक्स में अधिक उत्तेजना पैदा करने का काम करते हैं। रिब्ड और डॉटेड कॉन्डम में यही अंतर माना जाता है कि डॉटेड से महिलाओं के वजायना या योनी में अधिक फ्रिक्शन होता है, जो कि कई लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हां, यह जरूर है कि यदि स्किन संबंधी कोई दिक्कत नहीं है तो यह डॉटेड कॉन्डम एक्साइटमेंट और सेंसेशन को बढ़ावा देते हैं

    रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom) और डॉडेट कॉन्डम (Dotted Condom) के फायदे

    • रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom) और डॉडेट कॉन्डम (Dotted Condom) दोनों ही सेक्स में कंवेशनल कॉन्डम से ज्यादा आनंद देते हैं
    • फ्रिक्शन, उत्तेजना या ऑर्गेज्म हर चीज का अनुभव कंवेशनल से ज्यादा होता है
    • कॉन्डम महिलाओं में ऑर्गेज्म तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं
    •  इंटिमेसी को बढ़ाता है
    •  सेक्स में अलग-अलग परीक्षण और अनुभव का मौका देते हैं
    •  यौन संबंधी बीमारियों से बचाता है
    •  अनचाही प्रेग्नेंसी से दूर रखता है
    •  स्किन संबंधी दिक्कत हो सकती है, क्योंकि यह वजायना और पेनिस में फ्रिक्शन पैदा करता है
    •  लिंग के इरेक्शन में इससे कमी आ सकती है

    और नुकसान

    रिब्ड और डॉटेड कंडोम के कुछ फायदे तो इसके कुछ नुकासान भी हैं।

    • कई लोगों के लिए इन कंडोम्स का उपयोग एक्साइटमेंट को बढ़ाने वाला हो सकता है, लेकिन सेंसटिव स्किन वाले लोगों के लिए इन कंडोम का उपयोग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
    • वहीं एनल सेक्स के दौरान इन कंडोम का यूज फ्रिक्शन का कारण बन सकता है। क्योंकि एनल में सेल्फ लुब्रिकेशन की क्वालिटी नहीं होती वहीं रिब्ड और डॉटेड कंडोम में भी लुब्रिकेशन नहीं होता। जिससे फ्रिक्शन होने के साथ ही सेक्स का प्लेजर किल हो जाता है।
    • इस परेशानी से बचने के लिए लुब्रिकेंट का उपयोग करना सही होगा। जिसमें सिलिकॉन बेस्ड लूब का उपयोग किया जा सकता है। ये वाटर बेस्ड लूब की तुलना में ज्यादा समय तक चलते हैं।
    • आप लुब्रिकेंट के चुनाव को लेकर डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

    और पढ़ें : स्टेप-बाय-स्टेप जानिए महिला कॉन्डम (Female condom) का इस्तेमाल कैसे करें

    यह भी जान लें

    कॉन्डम और टेक्सचर की ही तरह ग्लो करने वाले और फ्लेवर वाले कॉन्डम भी बाजार में मौजूद हैं। सेक्स लाइफ में कुछ अलग करना चाहते हैं तो इन सभी को आजमा सकते हैं। रिब्ड या डॉटेड कॉन्डम दोनों को आप अलग-अलग कॉन्डम में भी पा सकते हैं और ज्यादा प्लेजर के लिए कई कंपनियों ने इन दोनों को एक ही कॉन्डम में भी उपलब्ध करा दिया है। कौन सा कंडोम चुनना है यह आप और आपके पार्टनर दोनों की सहमति पर निर्भर करता है।

    बहरहाल, आपको बता दें कि कंडोम के फायदे अनेक होते हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। नीचे हम आपको कंडोम के कुछ नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं :

    सेक्स के आनंद में कमी ला सकता है

    कई महिलाएं सेक्स के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करती हैं। उनका कहना होता है कि पुरुष साथी के कॉन्डम के इस्तेमाल करने से सेक्स का आनंद कम मिलता है। साल 2002 में किए गए एक अध्ययन में इसका दावा भी किया गया है। इस रिसर्च में पाया गया कि 293 महिलाओं ने बताया कि कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें सेक्स का कम आनंद मिलता है।

    दर्द का एहसास

    सेक्स एक्सपर्ट के मुताबिक “हफ्ते में दो से अधिक बार कंडोम का इस्तेमाल करने से योनि की आंतरिक परत और झिल्ली में संवेदनशीलता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं की योनि से स्खलित होने वाला प्राकृतिक ल्यूब्रिकेंट का स्खलन कम हो जाता है। कई मामलों में इस स्खलन पूरी तरह से बंद भी पाया गया है। इसकी वजह से योनि में लिंग द्वारा रगड़ से खराश या सूखेपन की समस्या देखी जाती है।

    काफी सारे अध्ययनों में ये बात सामने आई है किर कॉन्डम पर इस्तेमाल किए जाने वाला पाउडर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है और फैलोपियन ट्यूब पर फाइब्रोसिस महिला को बांझ बन सकता है। जर्नल ऑफ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सर्जिकल ग्लव्स पर पाउडर के खतरे को देखते हुए और इस तरह के कंडोम के नुकसान को समझते हुए इसके इस्तेमाल और निर्माण पर बैन लगा दिया था, हालांकि, इसका इस्तेमाल अभी भी किया जाता है।

    हम ये नहीं कह रहे हैं कि कॉन्डम हमेशा ही नुकसान करता है। नुकसान के मामले कम किए जा सकते हैं अगर इसका इस्तेमाल एहतियात से किया जाए। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको इससे जुड़े और भी सवालों के जवाब चाहिए, तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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