योग की तरह है तंत्र
योग की तरह तंत्र भी भौतिक और आध्यात्मिक जागरूकता के बारे में होता है। जब आप इसे सिखते हैं और इसकी प्रैक्टिस करते हैं तो आपकी अपने शरीर के साथ एक अच्छी ट्यूनिंग सेट होती है, जो आपको खुशी का अहसास कराती है। इसे करने से आप अपने शरीर की जरूरतों से अच्छे से वाकिफ हो पाते हैं। साथ ही जरूरतों पर बेहतर ध्यान देकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे पूरी हो जाएं। इसके अलावा तांत्रिक सेक्स के दौरान शरीर को जो ऊर्जा मिलती है वो पूरे शरीर में प्रवाह होती है और ऑर्गेज्म को इन्टेंस बनाती है।
तांत्रिक सेक्स को हम आसान शब्दों में समझाएं तो इसमें सेक्स का प्रोसेस बहुत धीरे-धीरे होता है। इसमें इंटीमेसी बढ़ती है, जो पावरफुल ऑर्गेज्म तक लेकर जाता है। यह नॉर्मल सेक्स की तरह बिल्कुल नहीं होता है। क्योंकि इसमें यह मायने नहीं रखता कि इंटरकोर्स कितनी देर के लिए हुआ या सेक्स के दौरान कितने मजे आए। इसमें जो बात मायने रखती है कि आप और आपके पार्टनर कितने करीब हैं। इसमें कई ऐसी शारीरिक क्रियाएं की जाती हैं, जिनसे आपको मानसिक संतुष्टि मिलती है। शारीरिक क्रियाओं में मसाज, फोरप्ले आदि किया जाता है। इस सेक्स का अभ्यास करते हुए आप अपने पार्टनर के इतने करीब हो जाते हैं कि आप दोनों की सांसे एक लय में चलने लगती हैं। एक दूसरे का स्पर्श आपको इतना अच्छा महसूस कराता है कि आप उस फीलिंग से बाहर ही नहीं आना पसंद करते हैं। आपका मन करता है कि आप बस आपने पार्टनर में ही खो जाएं।
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पार्टनर के शरीर के बारे में भी गहराई से जानने में मदद करता है तांत्रिक सेक्स