स्किन पिकिंग डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं।
इंफेक्शन, रैश या इंजरी के कारण
जब घाव में इंफेक्शन हो जाता है तो उसमे खुजली भी होती है। जब खुजली होती है तो लोग अक्सर उस स्थान पर खरोंच देते हैं। ऐसा करने से एक नया घाव बन जाता है। ये एक एक साइकल की तरह काम करता है, जिसके कारण कुछ लोग स्किन पिकिंग को आदत के तौर पर अपना लेते हैं। एक समय बाद ये डिसऑर्डर के रूप में सामने आता है। इनके अलावा भी स्किन पिकिंग डिसऑर्डर के कुछ लक्षण हो सकते हैं। जानते हैं इनके बारे में।
ओसीडी (OCD)
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक मेंटल कंडीशन है जिसमें लोग गैरजरूरी कामों को बार-बार करते हैं या इनके बारे में सोचते रहते हैं। नेशनल एलियांस ऑफ मेंटल इलनेस के अनुसार अमेरिका में 2 प्रतिशत लोग ओसीडी का शिकार हैं। ओसीडी से ग्रसित लोगों में स्किन पिकिंग डिसऑर्डर देखा जाता है।
ट्रीकोटिलोमनिया (Trichotillomania)
ट्रीकोटिलोमनिया एक कंपल्सिव कंडीशन है जो कि ओसीडी से रिलेटेड है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को बाल खींचने, नाखून चबाने और दांत पीसने की आदत होती है। 38 प्रतिशत लोग जो ट्रीकोटिलोमनिया से पीड़ित होते हैं उनमें स्किन पिकिंग डिसऑर्डर भी देखा गया है।
एडीएचडी (ADHD)
एडीएचडी एक न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन है जिसकी वजह से इंसान फोकस नहीं कर पाता। उसका व्यवहार भी आवेशपूर्ण होता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार यह बच्चों के बीच होने वाली सामान्य न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन है। जो बच्चे एडीएचडी से पीड़ित होते हैं उनमें हायपरएक्टिविटी और आवेग पर कंट्रोल न होने के कारण स्किन पिकिंग डिसऑर्डर भी हो सकता है।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism spectrum disorder)
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर एक न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन है जो इंसान के बिहेवियर और कम्युनिकेशन को प्रभावित करती है। डॉक्टर आटिज्म को स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर इसलिए मानते हैं क्योंकि यह कई प्रकार के गंभीर लक्षणों का कारण बन सकता है। हालांकि, ऑटिज्म के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। कॉमन लक्षण निम्न हैं।
- आई कॉन्टैक्ट न करना
- लोगों से इंटररैक्शन कम करना
- किसी गतिविधि में रूचि न दिखाना
- ध्वनि, लाइट और टेम्प्रेचर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना
- एक ही व्यवहार को दोहराना
- एएसडी के व्यवहार दोहराए जाने वाले लक्षण में स्किन पिकिंग डिसऑर्डर शामिल हो सकता है।