स्लीपिंग सिकनेस (Sleeping Sickness) के शुरूआती लक्षण
जर्नल ऑफ दी एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया (JTAPI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के चंद्रपुर डिस्ट्रिक्ट में स्लीपिंग सिकनेस से पीड़ित एक व्यक्ति की पहचान हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार, साल 2012 में स्लीपिंग सिकनेस के 7,197 मामले सामने आए थे।
स्लीपिंग सिकनेस की शुरुआत में, बुखार, सिर दर्द, खुजली और जोड़ों में दर्द जैसे परेशानी होती है। ऐसा पहले एक से तीन सप्ताह के अंदर शुरू होता है। कुछ सप्ताह या महीनों के अंदर दूसरा चरण प्रारंभ होता है, जिसमें, मरीज को भ्रम, शरीर का सुन्न होना और सोने में कठिनाई महसूस हो सकती है।
बेल्जियन के जर्नल नेचर द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार, अब एक ऐसा प्रोटीन तैयार किया है, जिसके बारे में शुरुआती परीक्षणों से पता चला है कि उससे ट्राइपानोसोमा परजीवियों के कई प्रकारों को खत्म किया जा सकता है। इसमें गैंबियन नस्ल का ट्राइपानोसोमा परजीवी भी है। वहीं, पश्चिमी और मध्य अफ्रीका में पाई जाने वाली स्लीपिंग सिकनेस की बीमारी के 97 फीसदी मामले गैंबियन नस्ल के ट्राइपानोसोमा परजीवियों के कारण होती है।
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