तनाव दूर करने के पौधे का कैसे करें चुनाव?
अगर आप तनाव दूर करने के पौधे यानी कि एंटी स्ट्रेस प्लांट लगाने की सोच रहे हैं तो आपको उसका चुनाव करते समय सावधानियां बरतनी होंगी। तनाव दूर करने के पौधे के फायदे के बारे में आपको ऊपर तो बताया गया है, लेकिन अब यह भी जान लीजिए कि आप पौधों को कैसे चुनेंगे।
- आप ऐसे पौधे लें जो मजबूत हो
- ऐसे पौधे लें जिसका आप आसानी से ध्यान रख सकें
- जो पौधे घर के अंदर छांव में जीवित रह सके उन्हें ही लगाएं
- ऐसे पौधे लें जो धूप और छांव दोनों जगहों के लिए हो
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तनाव दूर करने के पौधे कौन से हैं?
तनाव दूर करने के पौधे निम्न हैं, जिन्हें आप जरूर अपने घरों, बालकनी और ऑफिस टेबल पर लगा सकते हैं :
एंटी स्ट्रेस प्लांट है एलोवेरा
कांटों की तरह दिखने वाला और कई खूबियों से भरपूर एलोवेरा का पौधा गर्म और शुष्क इलाकों में पाया जाता है। एलोवेरा के पौधे का इस्तेमाल जेल बनाने और लैटेक्स बनाने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों को बीच से काटने पर जो तरल पदार्थ निकलता है, उससे जेल का निर्माण किया जाता है। कई औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है। इसे सीधे दवाई के तौर पर भी खाया जा सकता है। कई त्वचा संबंधित समस्याओं में भी इसे उपचार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग एलोवेरा का इस्तेमाल वजन घटाने, मधुमेह, हेपेटाइटिस, आंतों की सूजन, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, पेट के अल्सर, अस्थमा, त्वचा के घावों, बुखार, खुजली और सूजन आदि समस्या में भी करते हैं।
एलोवेरा काम कैसे करता है?
एलोवेरा एक सीएएम (CAM) प्लांट है। CAM का पूरा नाम क्रैसुलेसियन एसिड मेटाबॉलिजम (Crassulacean acid metabolism) है। CAM प्लांट की खासियत होती है कि ये दिन भर एनर्जी को अवशोषित करते हैं और रात में ऑक्सीजन देते हैं। एलोवेरा बेन्जीन और फॉर्मल्डिहाइड जैसे प्रदूषक को भी साफ करने में माहिर है। ये काफी छोटा पौधा होता है और आप इसे एक सुंदर से गमले में कहीं भी लगा सकते हैं।
कैसे रखें एलोवेरा का ध्यान?
एलोवेरा का ज्यादा ध्यान नहीं रखना पड़ता है। ये एकदम लो मेंटेनेंस प्लांट है। इसे तीन दिन में एक बार पानी दें। ठंड के समय में इसे कम पानी दें और अगर गमले में नमी है तो पानी न दें।
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आंगन की तुलसी भी है एंटी स्ट्रेस प्लांट
आंगन में तुलसी लगाना भारत की सभ्यता का एक अभिन्न हिस्सा है। तुलसी को हमारे शास्त्रों पुराणों में दैवीय पौधा माना गया है। भारत के सभी हिस्सों में तुलसी की पूजा भी होती है। तुलसी एक जड़ी बूटी है। इसके लाभकारी गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। कई स्वास्थ्य परेशानियों की दवा बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
तुलसी की जड़, पत्ते, तना तथा बीज सभी का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर किया जाता है। तुलसी का उपयोग पेट की ऐंठन, भूख न लगना, गैस, किडनी, फ्लूइड रिटेंशन, सिरदर्द, जुकाम, वॉर्ट्स और पेट में कीड़ों के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सांप और कीट के काटने के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-के, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज की उपस्थिति शरीर को फिट रखने में मददगार साबित होता है।
तुलसी काम कैसे करता है?
तुलसी की पत्तियों से महक आती है। ये महक हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक असर डालती है। तुलसी के फूल लेवेंडर की तरह छोटे-छोटे होते हैं। आयुर्वेद में तुलसी को तनाव को कम करने की औषधि के रूप में भी इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है।
कैसे रखें तुलसी का ध्यान?
तुलसी का पौधा एक गमले में लगाएं और इसे अगर रोज चार घंटे की धूप मिलती है तो ये आराम से हरा भरा रहता है। लगातार धूप में रखने से भी तुलसी मुरझा जाती है।
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स्नेक प्लांट खत्म करेगा आपका सिरदर्द
तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) में स्नेक प्लांट को दो तरह से फायदेमंद माना जाता है। पहला तो ये कि यह घर की हवा में मौजूद बेन्जीन को साफ करता है और घर की हवा को शुद्ध बनाता है। दूसरा फायदा यह है कि एंग्जायटी के कारण होने वाले सिरदर्द को भी दूर करता है। प्लांट एक्सपर्ट अविषेक ने बताया कि स्नेक प्लांट हवा को शुद्ध करने में सभी इनडोर प्लांट में सबसे अव्वल है। जिसके कारण हमारी एनर्जी लेवल में इजाफा होता है और एंग्जायटी कम होती है। स्नेक प्लांट हमारी एकाग्रता और नींद को दुरुस्त करता है।
स्नेक प्लांट कैसे काम करता है?