सिस्टॉसकॉपी (Cystoscopy)
सिस्टॉसकॉपी भी तभी रिकमंड की जाती है जब वजायनल कैंसर बढ़ गया हो और या फिर ये ब्लैडर के पास वजायना की फ्रंट वॉल पर हो। इस टेस्ट में डॉक्टर ब्लैडर के अंदर जांच करते हैं कि कहीं वजायनल कैंसर ब्लैडर तो नहीं पहुंचा। यह डॉक्टर के क्लिनिक में हो सकता है। इसके लिए आपको इंट्रावेनस ड्रग दिया जाता है ताकि आप बेहोशी में रहे। एक पतली ट्यूब जिसमें लेंस होता है को यूरेथ्रा के जरिए ब्लैडर में डाला जाता है। अगर कुछ संदिग्ध या सेल ग्रोथ दिखाई देती है तो उसकी बायोप्सी की जाती है।
वजायनल कैंसर की स्टेजेज
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो अचानक से शरीर पर हमला नहीं करती है, बल्कि धीरे-धीरे अटैक करती है और इसलिए इसे कई स्टेज में बांटा गया है।
एक स्टेज होती है जिसे प्री कैंसरस स्टेज कहा जाता है। वजायनल इंट्रापिथेलियल न्यूप्लाजिया (Vaginal intraepithelial neoplasia) (VAIN)- प्री कैंसर का एक टाइप है। इसमें वजायनल लाइनिंग में एब्नॉर्मल सेल्स होती हैं, लेकिन वह विकसित नहीं होती हैं या फैलती नहीं है। यानी यह कैंसर नहीं है।
स्टेज 1- इस स्थिति में कैसर सिर्फ वजायनल वॉल में होता है।
स्टेज 2- कैंसर के आगे टिशू तक फैल जाता है, लेकिन यह पेल्विक वॉल तक नहीं फैला होता है।
स्टेज 3- कैंसर पेल्विक और पेल्विक वॉल तक फैल जाता है। यह लिम्फ नोड के पास तक पहुंच जाता है
स्टेज 4- इसे 2 सब स्टेज में बांटा जाता है-
स्टेज 4 A में कैंसर ब्लैडर, रेक्टम या दोनों तक फैल जाता है।
स्टेज 4B में कैंसर शरीर के दूसरे अंगों जैसे लंग्स, लिवर आदि तक फैल जाता है।
वजायनल कैंसर का उपचार
वजायनल कैंसर का इलाज कैंसर के स्टेज, मरीज की उम्र आदि कई चीजों पर निर्भर करता है। ऐसी महिला जिसके अभी तक बच्चे नहीं है उसका इलाज अलग तरह से किया जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में रेडिएशन, सर्जरी और कीमोथेरेपी के जरिए ही वजायनल कैंसर का इलाज होता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और वजायनल स्क्रीनिंग और वजायनल कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।