बिजनी गिरने के आंकड़ें
26 देशों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, हर साल आसमान से बिजली गिरने पर 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। बिजली गिरने की संभावना वाले इलाकों में जानमाल के नुकसान का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। कुछ लोग इससे बचने की कोशिश करते हैं लेकिन, गलत तरीका अपनाने की वजह से उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। कूपर ग्लोबल डॉक्टरों के एक छोटे समूह में से एक हैं, जो मौसम विज्ञानी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स और अन्य विशेषज्ञों जैसे एक्सपर्ट्स का ग्रुप है। कूपर बिजली गिरने की घटनाओं को बेहतर तरीके से समझते हैं। बिजली गिरने पर लोग कैसे घायल होते हैं और किन तरीकों से इन घटनाओं से बचा जा सकता है? इस बारे में भी उन्हें बारीक जानकारी है।
बिजली पीढ़ित की समस्याएं
हर 10 लोग जो आसमानी बिजली की चपेट में आ जाते हैं। इनमें से नौ लोग बच पाते हैं, जो अपनी आप बीती सुनाते हैं। बिजली से बचने के बाद भी उन्हें अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों हो सकती हैं। समस्याओं की इस सूची में कार्डिएक अरेस्ट, याददाश, दौरे, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, बहरापन, सिरदर्द, याददाश्त की कमी, ध्यान भंग होना, व्यक्तित्व में बदलाव आने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
हर पीड़ित की अपनी कहानी
बिजली गिरने की घटनाओं में जीवित बचे लोगों की अपनी कहानियां हैं, जिन्हें वो साझा करना चाहते हैं। इनमें से कुछ लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों का एक समूह है, जो बिजली गिरने की घटना के बाद बच गए। इस ग्रुप में 13 लोग हैं। इन पीड़ितों ने आपस में पहली मुलाकात 1990 के शुरुआती दिनों में की थी। यह मुलाकात अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम पहाड़ों पर एक मीटिंग के जरिए हुई।
उस दौर में जब इंटरनेट नहीं था तब दूसरे पीड़ितो से मिलना काफी मुश्किल था। सिर दर्द, याददाश की समस्या, अनिद्रा और बिजली से पैदा हुई दूसरी समस्याओं के चलते दूसरों से मिलना चुनौतीपूर्ण था। यह बात इस समूह के संस्थापक स्टीव मेरशबर्न ने कही है। स्टीव के ऊपर 1969 में आसमानी बिजली की चपेट में आए थे। बैंक के पास कैशियर की खिड़की के करीब उनके ऊपर बिजली गिरी थी।
चुकानी पड़ती है बड़ी कीमत
लोगों के ऊपर बिजली गिरने पर उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इस पर कूपर का कहना है कि पीड़ित के व्यक्तित्व में बदलाव आता है। कुछ मामलों में तो उन्हें डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। इससे परिवारों और शादियों को नुकसान पहुंच सकता है। इस घटना पर कूपर कहते हैं कि जिस तरह कंप्यूटर में बिजली का झटका लगने से वह सब तहस नहस कर देती है, ठीक उसी तरह दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है। बाहर से ऐसा लगता है कि उसे कुछ हानि नहीं हुई है। बिजली के झटके से कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में खराबी आ जाती है, बिलकुल ऐसी ही दिमाग के कार्य करने के तरीके को भारी नुकसान पहुंचता है।
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क्या बिजनी गिरने से घायल हुए व्यक्ति का फर्स्ट एड किया जा सकता है?
अगर आकाशीय बिजली गिरना किसी व्यक्ति को घायल कर दे, तो आप उसे फर्स्ट एड दे सकते हैं। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें, जैसेः
बिजली गिरने पर बेहोश हुए व्यक्ति के लिए उपचार में क्या करें?
- बिजली गिरने से घायल हुए व्यक्ति के पास जाएं। अगर वो होश में है, तो तुरंत आपातकालीन नंबर पर फोन करें और चिकित्सीय उपचार की मदद मांगें।
- अगर घायल व्यक्ति होश में नहीं है, तो उसके पास जाते ही सबसे पहले उसके नब्ज यानी पल्स चेक करें। जिससे आपको पता चल जाएगा कि, घायल व्यक्ति जिंदा है या नहीं।
- इसके बाद आपको आपातकालीन नंबर पर फोन करना चाहिए और उपचार के लिए मदद मांगना चाहिए।
- इसके बाद आपको अपने आस-पास के स्थान को देखना चाहिए। अगर उस स्थान के आस-पास कोई पेड़, पानी का स्त्रोत या बिजली का खंभा है, तो वहां से घायल व्यक्ति को जल्द ही पास किसी सुरक्षित स्थान पर लें जाएं।
- इसके बाद आप सीपीआर की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। सीपीआर के लिए सबसे पहले आपको चेस्ट कंप्रेस करना चाहिए। अगर इसके बाद भी व्यक्ति होश में नहीं आता है, तो आप माउथ-टू-माउथ एयर पास करके सीपीआर दे सकते हैं।
- सीपीआर देने का तरीका सामान्य ही होता है, जैसे आप अन्य स्थितियों में देते हैं।
- उपचार की सहायता न मिलने तक आपको घायल व्यक्ति के शरीर के लिटाए जाने की पुजिशन का ध्यान रखना चाहिए। आपको घायल व्यक्ति के गर्दन और सिर को शरीर के कंधे से नीचे रखना चाहिए, ताकि सांस लाने में उसे आसानी हो। इसके लिए आप घायल व्यक्ति को पीठ के बाल सीधा लिटाएं और कंधें के नीचे कोई तकिया या किसी कपड़े के सहारे उसके गर्दन के मुकाबले इसके कंधे के हिस्से को थोड़ा ऊंचा कर दें।
- ध्यान रखें कि, घायल व्यक्ति के आस-पास कोई नुकिली वस्तु, जानवर या कीड़े न हों।
- इसके बाद अगर वह व्यक्ति कहीं पर जला हुआ है, तो आप उसका भी फर्स्ट एड कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान दें कि बेहोशी की हालत में व्यक्ति को कुछ भी खिलाने-पिलाने का प्रयास न करें।