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सुरक्षा का भाव
पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री अगर पेपर रिकॉर्ड में है तो उसके खोने या फिर नष्ट हो जाने की संभावना अधिक रहती है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड में सुरक्षा की गारंटी रहती है। पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री को जब तक चाहो तब तक सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसा पासवर्ड प्रोटक्शन के कारण होता है। पासवर्ड प्रोटेक्ट रहता है। अगर पासवर्ड मिस हो गया या कोई अन्य समस्या हो गई, फिर भी कोई दूसरा व्यक्ति पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री या अन्य कोई जानकारी नहीं जान सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड कौन देख सकता है?
स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी और अकाउंटबिलिटी एक्ट Accountability Act (HIPAA) के अनुसार, हर कोई इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड नहीं देख सकता है। कुछ ही लोग होते हैं जो पेशेंट का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड देख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर समझें कि अगर आप किसी ऐसे हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे हैं जहां आपका पड़ोसी भी काम कर रहा हों। अपके मन में अगर ये शंका है कि कहीं वो व्यक्ति आपका इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड न देख लें। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा। अगर कोई अन्य अनचाहा व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड देखने की कोशिश करेगा तो कम्प्यूटर सिस्टम में अलार्म बजने लगेगा। कम्प्यूटर ऐसे व्यक्ति को ट्रेस कर लेगा, जो जानबूझ कर आपकी जानकारी लेने की कोशिश कर रहा है।
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सेफगार्ड का यूज
अकाउंटबिलिटी एक्ट Accountability Act (HIPAA) के अनुसार, अगर कोई भी हॉस्पिटल या डॉक्टर आपको हेल्थ इंफॉर्मेशन भेज रहा है तो उसे सेफगार्ड का यूज करना जरूरी है। सेफगार्ड का यूज करने से जानकारी जिसे भेजी जाती है, केवल वो ही व्यक्ति उसे देख सकता है। ऐसा करने से तीसरे व्यक्ति के पास जानकारी नहीं पहुंच पाती है। इस तरह से इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है।
कुछ सिस्टम की हेल्प से ऑनलाइन हेल्थ केयर प्रोवाइडर या फिर नर्स से इंटरेक्ट किया जा सकता है। आप ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी मैनेज कर सकते हैं। अगर आपने अभी तक इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड डाटा सुरक्षित नहीं कराया है तो इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सुरक्षित कराया जा सकता है।इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी उपयोगी रहता है। ऐसा करने के लिए एक बार हॉस्पिटल या फिर डॉक्टर से संपर्क करना पड़ेगा।