के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2020-2021 यूनियन बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने हेल्थ बजट 2020 में भी कुछ खास घोषणाएं की हैं। हेल्थ बजट 2020 में जन आरोग्य में 6,400 करोड़ रुपए के साथ ही सरकार ने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए 69,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य के सुधार और नागरिकों के कल्याण के लिए ये बेहतर अवसर है। साथ ही वित्त मंत्री ने पिछले वित्त वर्ष में शुरू किए गए कार्यक्रमों और योजनाओं के विस्तार की बात भी कही। हेल्थ बजट 2020 में अन्य ऐलान भी किए गए। जानिए बजट 2020 में स्वास्थ्य को लेकर क्या घोषणाएं की गई हैं।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2025 तक देश को टीबीमुक्त कराने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ देश भर में अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ का नारा भी दिया।
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वित्त मंत्री ने हेल्थ बजट 2020 में मिशन इंद्रधनुषन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने 5 नए टीकों (वेैक्सीनेशन) सहित 12 बीमारियों को कवर करने के लिए ‘मिशन इंद्रधनुष’ पर काम कर रहे हैं। इस मिशन का विस्तार भी किया गया है। लाइफस्टाइल इश्यू की वजह से पनपने वाली बीमारियों के लिए ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ भी स्वास्थ्य के बचाव की लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथ ही वित्त मंत्री ने साफ पानी के लिए जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के जरिए गरीबों के कल्याण की बात की। हेल्थ बजट 2020 में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अन्य बातों को भी शामिल किया गया।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) के तहत आयुष्मान भारत स्कीम (हेल्थ इश्योरेंस) में अधिक हॉस्पिटल जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा गया। मोदी सरकार की स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत के अंतगर्त 20,000 हॉस्पिटल्स को फिलहाल जोड़ा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हेल्थ बजट इस तरह के संसोधन से गरीब लोगों को बहुत राहत मिलेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हॉस्पिटल नहीं हैं, उनमे पीपीपी के तहत नए अस्पताल बनवाएं जाएंगे। हेल्थ बजट 2020 के तहत नए अस्पताल के लिए भारत के 112 जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। हेल्थ बजट 2020 के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज को डिस्ट्रिक हॉस्पिटल से जोड़ा जाएगा ताकि क्वालीफाइड मेडिकल डॉक्टर्स की कमी को पूरा किया जा सके।
आयुष्मान भारत योजना (ABY) या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत भारत सरकार की ओर से गरीब व्यक्तियों को हेल्थ इंश्योरेंस यानी स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इस सेवा का लाभ देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोग उठा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जाता है। स्वास्थ्य सुरक्षा कवर यानी स्वास्थ्य बीमा देश के उन सभी परिवारों के लिए उपलब्ध है, जिनकी आमदनी अधिक नहीं है। इस स्कीम को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितंबर) पर देशभर में लागू किया गया था। आयुष्मान भारत योजना का खर्चा देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर उठा रही हैं। आयुष्मान भारत योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीबों को सेवा उपलब्ध कराना है,जो पैसे की तंगी की वजह से अपना इलाज नहीं करा पाते हैं। पांच लाख की राशि किसी भी गरीब व्यक्ति के लिए बड़ा अमाउंट है। ये योजना देश की बड़ी आबादी की समस्या के देखते हुई लाई गई है।
आपको बताते चले कि आयुष्मान भारत स्कीम के तहत महामारी को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत गरीब लोगों को बिना राशि खर्च किए सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पताल में इलाज दिया जाएगा। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए पास के सरकारी अस्पताल में जानकारी ली जा सकती है। साथ ही सरकार की ओर से चलाई जा रही अन्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है।
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आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति को 1000 रुपए से लेकर 1200 रुपए का वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इस बात को ऐसे समझें कि गरीब व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा और बीमा कवरेज के लिए प्रतिमाह 100 रुपए बचाने की जरूरत है। सौ रुपए प्रतिमाह जमा करने के बाद व्यक्ति 5 लाख रुपए के इलाज के लिए पात्र हो जाता है। ये बीमा कवरेज केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं होती है। बीमा कवरेज का लाभ पूरे परिवार को मिलता है। यानी एक परिवार में अगर पांच सदस्य हैं तो पांचों लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा। घर के मुखिया को इस कवरेज के लिए हर माह 100 रुपए भरने होंगे। परिवार के किसी भी सदस्य को इस बीमा के साथ जोड़ा जा सकता है।
हेल्थ बजट 2020 के अंतर्गत वित्त मंत्री सीतारमण ने 2024 तक 2000 दवाओं और 300 सर्जिकल्स की पेशकश की है। साथ ही प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के विस्तार की बात कही।
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प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का मकसद गरीब आयवर्ग के लोगों को सस्ती कीमत में दवाएं उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अन्तर्गत जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार की तरफ से लोगों को 2.5 लाख रुपए देने की सुविधा भी दी गई है। औषधि केंद्र खोलने के लिए बी फार्मा और एमफार्मा की डिग्री रखने वाले युवकों को ही मौका देने की बात कही गई थी, लेकिन अब नियमों में परिवर्तन कर दिए गए हैं। अब कोई भी व्यक्ति, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन और मेडिकल प्रैक्टिशनर इस तरह के औषधि केंद्र खोल सकता है, लेकिन पहले उसे इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है।
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हेल्थ बजट 2020 में घोषणा भी की गई कि चिकित्सा उपकरणों में लगने वाले कर से प्राप्त होने वाली आय का उपयोग महत्वपूर्ण स्वास्थ्य ढांचे बनाने में किया जाएगा। मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का प्रयोग करके आयुष्मान भारत योजना के स्वास्थ्य अधिकारी किसी भी डिजीज को टार्गेट कर सकेंगे।
हेल्थ बजट 2020 में सरकार ने गरीबों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दिया है। साथ ही टीबी से भारत को मुक्त कराने का संकल्प भी सराहनीय है। सरकार की ओर से उठाए गए कदम यकीनन देश के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हैं।
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