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न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन क्यों होते हैं फेल? जानिए इसके कारण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/08/2020

    न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन क्यों होते हैं फेल? जानिए इसके कारण

    न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन कई कारणों की वजह से फेल होते हैं। इसमें व्यावहारिकता से लेकर मनोवैज्ञानिक कारण एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। किसी भी प्रकार के न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन को लेते वक्त आपको इनके विभिन्न पक्षों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन फेल हो जाते हैं।

    न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन फेल होने के कारण

    रातों रात हासिल करने की गलती

    नए साल पर लिए जाने वाले हेल्थ रेजोल्यूशन कई कारणों के चलते पूरे नहीं हो पाते। किसी भी आदत को एकदम रातों रात बदला नहीं जा सकता। इनमें धीरे-धीरे परिवर्तन किया जा सकता है। एक तरफ तो आपको हेल्थ रेजोल्यूशन पूरे करने हैं, दूसरी तरफ आप इन्हें तुरंत पूरा करना चाहते हैं। यह दोनों ही पक्ष एक दूसरे के परस्पर विरोधी हैं। हेल्थ से जुड़ी चीजों में छोटे-छोटे बदलाव बेहतर परिणाम देते हैं। किसी भी कार्य को करने का नतीजा तुरंत नहीं मिलता है। इस बात को हमेशा अपने दिमाग में रखें। ठीक इसी प्रकार से यदि आप किसी चीज में बदलाव ला रहे हैं तो उसका फल कुछ समय बाद मिलेगा।

    यदि आज आपकी कई बुरी आदतें हैं ऐसे में आपको अपनी पूरी जिंदगी या दिनचर्या में परिवर्तन के एक मॉडल की जरूरत पड़ेगी। उदाहरण के लिए आप वजन कम करना चाहते हैं, ऐसे में आपको क्रैश डायट और अत्यधिक एक्सरसाइज के प्लान को अपनाना नहीं चाहिए।

    ऐसे में अनेक प्रतिबंधों वाले प्लान की जगह एक ऐसा तरीका अपनाएं, जिसमें आप मजे के साथ हर हफ्ते अच्छी आदतों के जरिए चीजों में बदलाव कर सकें। उदाहरण के लिए आप शुरुआत के पहले हफ्ते में अधिक पानी पीने की आदत डाल सकते हैं। इसके बाद आप प्रतिदिन तीन फल और सब्जियों के सेवन की आदत डाल सकते हैं। इसके अगले हफ्ते आप अपने भोजन में मुट्ठीभर प्रोटीन वाला फूड शामिल कर सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह है यदि आप किसी मैराथॉन को एक स्प्रिंट दौड़ के जरिए खत्म करना चाहेंगे तो उसमें आप फेल होंगे।

    अकेले पूरा करने की सबसे बड़ी गलती

    भले ही आप स्मोकिंग छोड़ रहे हों या टेनिस गेम में सुधार या जिम जा रहे हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे रेजोल्यूशन को पूरा करने के लिए यदि आपको किसी पार्टनर का साथ मिलता है तो बेहतर होगा। यदि आप एक ऐसे इंसान है, जिससे सपोर्ट मिलने के बाद सफलता चौगुनी बढ़ जाती है तो एक पार्टनर जरूर चुनें। इससे जवाबदेही पैदा होती है। यानिकी यदि आपको किसी पार्टनर का सपोर्ट मिल रहा है तो आप उसके प्रति जवाबदेह होंगे।

    अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें, जो आपको सबसे ज्यादा प्रेरित करते हों। यदि आप टेनिस खेलते हैं और इसमें सुधार करना चाहते हैं तो ऐसे लोगों के साथ खेलें, जो खेल में आपसे बेहतर हों और आपको प्रेरित करते हों। पार्टनर का सपोर्ट लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि वह आपको सकारात्मक रखे न कि नेगेटिव। कुछ फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि आपको ऐसे लोगों को अपने आप से दूर रखना है, जो मानसिक रूप से परेशान और कमजोर करने वाले हों। यहां तक कि भले ही वो आपके पार्टनर बनना चाहते हों।

    जल्दी हार मानना

    भले ही आप हतोत्साहित हो जाएं या करने की रुचि खो दें, दोनों ही स्थितियों में जल्दी हार मानना हेल्थ रेजोल्यूशन को तोड़ने में सबसे बड़ा कारण होता है। कई लोग अपने असल विश्वास पर रेजोल्यूशन लेते हैं और उन्हें पूरा भी करते हैं। फरवरी का महीना आते-आते उनका उत्साह कम होने लगता है और दूसरी चीजें उनकी प्राथमिकता की सूची में आ जाती हैं। यहीं से नए साल के हेल्थ रेजोल्यूशन के टूटने की शुरुआत होती है। इस समस्या का हल करने के लिए आपको पूरे साल के लिए एक बेंचमार्क तय करना होगा। ऐसा करने से आप अपने आपको पूरे वर्ष इस पर केंद्रित रख पाएंगे। अपने उत्साह को बनाए रखने के लिए इसी ताकत को सकारात्मक दिशा में बनाए रखें।

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    टाइम मैनेजमेंट

    कई बार आपको अहसास होता है कि जो हेल्थ रेजोल्यूशन आपने तय किए हैं, वो अनुमानित टाइम से अधिक समय लेंगे। इससे निपटने के लिए एक ही दिन में इस रेजोल्यूशन को पूरा करने के बजाय इसे सही टाइमिंग के हिसाब से अलग-अलग दिनों में बांटे। ज्यादातर लोग हेल्थ रेजोल्यूशन में इस बात का पता चलने पर उन्हें तत्काल पूरा करने की जुगत में लग जाते हैं, जो कि एक बहुत बड़ी गलती होती है। गलत टाइम मैनेजमेंट से निपटने के लिए आपको प्रतिदिन पांच मिनट का समय टाइम मैनेजमेंट को देना है। इससे आप सही टाइम मैनेजमेंट पर अपनी पकड़ मजबूत कर पाएंगे। हालांकि, इसमें आपको कई बार दिक्कतें भी आ सकती हैं।

    वित्तीय बोझ

    किसी भी प्रकार के हेल्थ रेजोल्यूशन को लेने से पहले उसमें लगने वाली आर्थिक पूंजी का आंकलन करना बेहद जरूरी है। कई बार आप ऐसे हेल्थ रेजोल्यूशन को पूरा करने का निर्णय लेते हैं, जिनमें अत्यधिक पूंजी लगाने की जरूरत होती है। इस स्थिति में रेजोल्यूशन का चुनाव करते वक्त इसके आर्थिक पक्ष को भी ध्यान में रखें। अक्सर लोग वित्तीय खर्चों की वजह से अपने हेल्थ रेजोल्यूशन पूरा नहीं कर पाते। उदाहरण के लिए कई बार वजन घटाने के लिए आपको किसी मंहगी जिम की मेंबरशिप की जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति में आपको विवेक से कार्य करना है, जिससे आप अपने हेल्थ गोल्स को आसानी से पूरा कर सकें। यदि आप वजन कम करने का मन बना रहे हैं तो आप बिना जिम के एक्सरसाइज कर सकते हैं

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    मनोवैज्ञानिक पक्ष

    नए साल पर लिए जाने वाले हेल्थ रेजोल्यूशन को पूरा न कर पाने के पीछे कुछ मनोवैज्ञानिक कारण हैं। इसके लिए हैलो हेल्थ ने दिल्ली के पीतमपुरा स्थिति मैक्स हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉ. सुमित गुप्ता से खास बातचीत की। डॉ. सुमित गुप्ता ने कहा, ‘हमारे दिमाग में एक मेंटल एम्बिवेलेंस स्टेट होता है, जिसमें दो पक्ष होते हैं। पहले पक्ष में आप उत्साहित होकर एक्शन मोड में आ जाते हैं और दूसरा पक्ष भारी होते ही आप हार मानने लगते हैं। आम भाषा में एक मन इस कार्य को करने का करता है तो दूसरा मन इस काम को न करने का करता है। दूसरे पक्ष के भारी होने की स्थिति में आप उस काम को धीरे-धीरे करना छोड़ देते हैं।’

    डॉ. गुप्ता के मुताबिक, ‘ऐसा उस स्थिति में होता है, जब मेंटल इनर्शिया भारी हो जाता है और हतोत्साहित होने लगते हैं। इस स्थिति में आप बदलाव नहीं चाहते हैं, पूर्वर्ती चीजों को ही आगे चलाना चाहते हैं। इस स्थिति में बदलाव करना बेहद ही मुश्किल होता है। आंतरिक रूप से बदलाव के प्रति एक गतिरोध रहता है। यदि एफर्ट्स कम हो जाते हैं तो रेजोल्यूशन फेल हो जाते हैं।’ मेंटल इनर्शिया एक प्रकार के मनोवैज्ञानिक व्यवहार को रेखांकित करता है।

    डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘नए साल पर हम हेल्थ रेजॉल्यूशन सिर्फ उन कार्यों को पूरा करने के लिए लेते हैं, जिन्हें हम करना तो चाहते हैं, लेकिन मौजूदा समय में कर नहीं रहे होते हैं। यह एक प्रकार की दुविधा की स्थिति होती है।’ उन्होंने कहा कि किसी भी रेजॉल्यूशन को पूरा करने में यदि आप हतोत्साहित हो रहे हैं या उसे अधूरा छोड़ रहे हैं तो इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारकों के अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं। डॉ. सुमित गुप्ता ने कहा, ‘न्यू ईयर रेजॉल्यूशन बनते ही उन कामों के लिए हैं, जिन्हें पूरा करने की हमारी कम इच्छा होती है।’

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    आप बदलाव के लिए तैयार नहीं होते

    ग्रोथ एक सीधी प्रक्रिया नहीं होती है। ऐसे में यदि आप किसी बदलाव के लिए इच्छुक हैं और नहीं भी हो सकते हैं, लेकिन क्या आप उस बदलाव के लिए तैयार हैं। यदि आप अपने लिए नए गोल्स तय कर रहे हैं तो आपको उसे पूरा करने की भूख होनी चाहिए मेंटल इनर्शिया के आपके ऊपर हावी होने से आप इच्छुक तो हैं, लेकिन उसे पूरा करने के लिए तैयार नही हैं। प्रेरणा, कनेक्शन और कटिबद्धत्ता की कमी के चलते आपको लगता है कि असल में यह आपके सपने नही हैं, जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं। आसान भाषा में कहें तो वह सिर्फ आपके लिए कहावत में रह सकते हैं, जिन्हें आप पूरा नहीं करना चाहते हैं।

    आप इन गोल्स से ज्यादा अपनी मौजूदा जिंदगी को बनाए रखने में ज्यादा इच्छुक हैं। जब आपको पता हो कि आपके रिजॉल्यूशन की राह में इतने स्टेंड या ठहराव आने वाले हैं तो आप उसका फायदा उठाकर अपने आपको उनके लिए और मजबूत बना सकते हैं।

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    अव्यवहारिक हेल्थ रेजोल्यूशन

    आप सपनों में कुछ रेजोल्यूशन की कल्पना कर सकते हैं, लेकिन क्या हकीकत में उन्हें पूरा करना संभव है। अक्सर लोग कुछ ऐसे हेल्थ रेजोल्यूशन तय कर लते हैं, जिन्हें हकीकत में पूरा कर पाना असंभव होता है। उदाहरण के लिए यदि आप एक मस्क्यूलर बॉडी चाहते हैं, तो उसमें आपको समय व्यतीत करना होगा। रातों रात आपकी बॉडी में इतना बड़ा बदलाव नहीं आ सकता है। इस स्थिति में आपको ऐसे हेल्थ रेजोल्यूशन का चुनाव या तय करना है, जिन्हें व्यावहारिक रूप से पूरा किया जा सकता है। इसमें सबसे अहम कड़ी यह है कि आपको किसी अन्य की नकल नहीं करना है। आप दोनों की ही पृष्ठभूमि अलग हो सकती है।

    अपने आपको व्यावहारिक बनाए रखना बेहद ही जरूरी है। कई मामलों में यह थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन असंभव नहीं है। हेल्थ रेजोल्यूशन में व्यावहार में बदलाव की जरूरत पड़ती है और ज्यादातर लोग इसमें परिवर्तन करना नहीं चाहते हैं। इस स्थिति में इन्हें करना और भी मुश्किल हो जाता है। बेहतर होगा कि आप ऐसे हेल्थ रेजोल्यूशन बनाएं, जिनका आसानी से प्रबंधन किया जा सके और यह व्यावहारिक भी हों।

    अंत में हम यही कहेंगे कि न्यू ईयर हेल्थ रेजोल्यूशन आप बनाइए, लेकिन आपको इन्हें कैसे पूरा करना है, इन बातों का खासतौर से ध्यान रखिए। मनोवैज्ञानिक पक्ष का ध्यान रखते हुए, आप इन्हें समयानुसार पूरा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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