डॉ. गुप्ता के मुताबिक, ‘ऐसा उस स्थिति में होता है, जब मेंटल इनर्शिया भारी हो जाता है और हतोत्साहित होने लगते हैं। इस स्थिति में आप बदलाव नहीं चाहते हैं, पूर्वर्ती चीजों को ही आगे चलाना चाहते हैं। इस स्थिति में बदलाव करना बेहद ही मुश्किल होता है। आंतरिक रूप से बदलाव के प्रति एक गतिरोध रहता है। यदि एफर्ट्स कम हो जाते हैं तो रेजोल्यूशन फेल हो जाते हैं।’ मेंटल इनर्शिया एक प्रकार के मनोवैज्ञानिक व्यवहार को रेखांकित करता है।
डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘नए साल पर हम हेल्थ रेजॉल्यूशन सिर्फ उन कार्यों को पूरा करने के लिए लेते हैं, जिन्हें हम करना तो चाहते हैं, लेकिन मौजूदा समय में कर नहीं रहे होते हैं। यह एक प्रकार की दुविधा की स्थिति होती है।’ उन्होंने कहा कि किसी भी रेजॉल्यूशन को पूरा करने में यदि आप हतोत्साहित हो रहे हैं या उसे अधूरा छोड़ रहे हैं तो इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारकों के अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं। डॉ. सुमित गुप्ता ने कहा, ‘न्यू ईयर रेजॉल्यूशन बनते ही उन कामों के लिए हैं, जिन्हें पूरा करने की हमारी कम इच्छा होती है।’
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आप बदलाव के लिए तैयार नहीं होते
ग्रोथ एक सीधी प्रक्रिया नहीं होती है। ऐसे में यदि आप किसी बदलाव के लिए इच्छुक हैं और नहीं भी हो सकते हैं, लेकिन क्या आप उस बदलाव के लिए तैयार हैं। यदि आप अपने लिए नए गोल्स तय कर रहे हैं तो आपको उसे पूरा करने की भूख होनी चाहिए मेंटल इनर्शिया के आपके ऊपर हावी होने से आप इच्छुक तो हैं, लेकिन उसे पूरा करने के लिए तैयार नही हैं। प्रेरणा, कनेक्शन और कटिबद्धत्ता की कमी के चलते आपको लगता है कि असल में यह आपके सपने नही हैं, जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं। आसान भाषा में कहें तो वह सिर्फ आपके लिए कहावत में रह सकते हैं, जिन्हें आप पूरा नहीं करना चाहते हैं।
आप इन गोल्स से ज्यादा अपनी मौजूदा जिंदगी को बनाए रखने में ज्यादा इच्छुक हैं। जब आपको पता हो कि आपके रिजॉल्यूशन की राह में इतने स्टेंड या ठहराव आने वाले हैं तो आप उसका फायदा उठाकर अपने आपको उनके लिए और मजबूत बना सकते हैं।
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