विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बर्नआउट सिंड्रोम को ‘गेमिंग डिसऑर्डर’ के साथ इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज (ICD-11) में जोड़ा है। यह घोषणा जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा में की गई थी। इस आयोजन में WHO के 194 सदस्य देश हैल्थ हैंडबुक के 11 वें संशोधन के लिए 20 से 28 मई तक एक साथ आए थे।
क्या चिकित्सीय तौर पर बर्नआउट सिंड्रोम का उपचार किया जा सकता है?
चिकित्सीय तौर पर आपके बर्नआउट सिंड्रोम का उपचार करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट पहले इसके लक्षणों का निदान कर सकते हैं। इसके लक्षणों का निदान करने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाने की सलाह दे सकते हैंः
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सेल्फ असेसमेंट
बर्नआउट सिंड्रोम के लक्षणों की पहचान करने के लिए डॉक्टर आपसे निजी तौर पर कुछ सवाल-जवाब कर सकते हैं। यह सवाल-जबाव किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान एक्सपर्ट द्वारा आपके लिए तैयार किए गए कुछ सवाल पूछे जा सकते हैं। जिसके जवाबों के आधार पर वे आपके लक्षणों को पहचानने की कोशिश करते हैं। इस प्रश्नावली को मेडिकल भाषा में “मस्लाच बर्नआउट इन्वेंटरी’ (एमबीआई) कहा जाता है, जो विभिन्न पेशेवर समूहों के लिए भी उपलब्ध है। हालांकि, यह प्रश्नावली मूल रूप से रिसर्च के उद्देश्यों के लिए विकसित की गई थी, डॉक्टरों द्वारा उपयोग के लिए नहीं। लेकिन, उपचार के लिहाज से अब डॉक्टर्स भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस प्रश्नावली के तौर पर डॉक्टर्स यह भी पता करने की कोशिश करते हैं कि आप में दिखाई देने वाले लक्षणों की असल वजह क्या हो सकती है।
अगर आपके लक्षणों में बर्नआउट सिंड्रोम का निदान किया जाता है, तो डॉक्टर आपको साइकोथेरिपी की सलाह दे सकते हैं। साथ ही, आपके स्ट्रेस लेवल को कम करने के लिए वे आपको उचित दवाओं के सेवन की भी सलाह दे सकते हैं।
हालांकि, आपको अपने बर्नआउट के लक्षणों का निदान और उपचार कराने से पहले अपने डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए। क्योंकि, सामान्य तौर पर, कुछ तरह की मानसिक स्थितियों के कारण भी आप थकान महसूस कर सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।