सैनिकों के जख्म पर की जाने वाली सर्जरी के बाद जरूरी नहीं कि स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाती है। सर्जरी के निशान कई मामलों में रह ही जाते हैं। लेकिन, इसके अलावा सर्जरी वाली जगह पर कुछ इंफेक्शन भी हो सकते हैं। जैसे
- सर्जरी वाली लाइन के आसपास व्हाइट पिंपल्स या ब्लिस्टर्स।
- सर्जिकल साइट का लाल, मुलायम और सूजन होना।
- सर्जिकल साइट पर दर्द होना और दवाइयों की मदद से भी आराम न मिलना।
सैनिकों की फ्रैक्चर हड्डी के लिए सर्जरी
अगर युद्ध या हमले में फ्रैक्चर हड्डी के रूप में सैनिकों के जख्म हो जाते हैं, तो उन्हें तत्काल सर्जरी की जरूरत पड़ती है। क्योंकि, हड्डी फ्रैक्चर होने के बाद उसे उसकी सही जगह पर सेट करना बहुत जरूरी हो जाता है, वरना शारीरिक विकार उत्पन्न हो जाता है। फ्रैक्चर हड्डी की दो तरह की सर्जरी की जाती है। पहली- रिडक्शन (Reduction) और दूसरी क्लोज्ड रिडक्शन (Closed Reduction) सर्जरी। अगर ब्लास्ट या हथियार की वजह से हड्डी में फ्रैक्चर आया है, तो आमतौर पर सैनिकों को क्लोज्ड रिडक्शन सर्जरी की जाती है। रिडक्शन तकनीक में बिना सर्जरी किए हुए हड्डी को उसकी सही जगह लगाया जाता है। लेकिन क्लोज्ड रिडक्शन सर्जरी में हड्डी को सही जगह लगाने के लिए सर्जरी की मदद ली जाती है। क्लोज्ड रिडक्शन सर्जरी के कुछ मामलों में हड्डी को सेट करने में मदद करने के लिए पिन, प्लेट्स, स्क्रू, रॉड या ग्लू की मदद भी ली जाती है।
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सैनिकों के जख्म के लिए सर्जरी के बाद जोखिम
सैनिकों के जख्म के लिए की जाने वाली सर्जरी के बाद कई शारीरिक समस्याओं के जोखिम हो सकते हैं। जैसे-
हेमाटोमा (Hematoma) – हेमाटोमा ब्लड का एक पॉकेट होता है, जो कि दर्दनाक और बड़ी चोट की तरह लगता है। इस समस्या का खतरा आमतौर पर हर सर्जरी में होता है। इसे सही करने के लिए अतिरिक्त ऑपरेशन की जरूरत होती है।
सीरोमा (Seroma) – सीरोमा की स्थिति तब पैदा होती है, जब सीरम या स्टिराइल बॉडी फ्लूड त्वचा की सतह के नीचे इकट्ठा होने लगता है और इसका नतीजा दर्द और सूजन के रूप में निकलता है। यह समस्या किसी भी सर्जरी के बाद हो सकती है। इसके अलावा, इस समस्या के इलाज के बाद भी इसके दोबारा होने की आशंका बनी रहती है।