ब्रेस्टफीडिंग से कम होता है कैंसर का खतरा (Breastfeeding reduces the risk of cancer)
स्टडी के अनुसार 15% महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण जेनेटिक है, जबकि हाई ब्रेस्ट डेंसिटी, स्तन कैंसर के सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है। हालांकि स्तनों का घनत्व उम्र के साथ धीरे-धीरे कम होता जाता है, लेकिन बढ़ती उम्र भी इस कैंसर का एक कारण है होने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम नहीं होता है। स्तन कैंसर (Breast cancer) को रोका नहीं जा सकता है लेकिन, गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। हालांकि, अगर शुरूआती समय में ही ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है।
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डेकन क्रॉनिकल को दिए गए बयान में डॉ. प्रथिमा रेड्डी (वरिष्ठ प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, निदेशक, फोर्टिस ला फेमे हॉस्पिटल) का कहना है कि “सभी महिलाओं यह पता होना चाहिए कि उनके स्तन सामान्य रूप से कैसे दिखते हैं और उनमें किसी भी तरह बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं, 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को नियमित अंतराल पर से मेमोग्राफी कराना चाहिए, जिससे स्क्रीनिंग के द्वारा ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) को फर्स्ट स्टेज पर ही पकड़ा जा सके।”