परिचय
शिशुओं में कोलिक क्या है?
के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
शिशुओं में कोलिक क्या है?
कोलिक एक ऐसी बीमारी है जिसमें शिशु अधिक रोता है। यह बीमारी की जो आपके शिशुओं में जन्म के पश्चात होता है। कोलिक शिशुओं में तब होता है जब एक स्वस्थ शिशु लंबे समय तक रोता है या बार-बार रोता है। यदि आपका शिशु नियमित रूप से दिन में 3 घंटे से ज्यादा रोता है, तो उसे पेट में दर्द हो सकता है। जन्म के कुछ सप्ताह बाद कोलिक शुरू हो सकता है। यह आम तौर पर 4 से 6 सप्ताह की उम्र के बीच सबसे अधिक प्रभावित होता है। आमतौर पर कोलिक से शिशु 3 से 4 महीने के बाद निकल जाते हैं।
-कोलिक होने का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, कभी-कभी आप अपने शिशु को रोता हुआ देखकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं जो बच्चे को राहत दे सके। आपके पास सबकुछ है लेकिन शिशु को इस प्रकार रोता हुआ देखकर जब आप कुछ न कर पाएं तो यह माता-पिता के लिए तनावग्रस्त हो जाता है।
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सभी इस बात को जानते हैं कि शिशुओं का रोना सामान्य है, जिन शिशुओं के पेट में दर्द होता है, वे बाकी शिशुओं की तुलना में अधिक रोते हैं। हालांकि उनके स्वास्थ में कोई समस्या नहीं होती है वो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं। कोलिक को 3 सप्ताह से अधिक प्रति दिन 3 घंटे से अधिक रोने के रूप में बताया गया है। कोलिक के लक्षण इस प्रकार से हो सकते हैं।
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अत्यधिक रोना पेट का दर्द या कोलिक या किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। इसको अन्देखा न करें सही समय पर अपने शिशु को डॉक्टर को दिखाएं और यह जानें की उनके परेशान होने का कारण क्या है। बच्चे के लक्षण को देखकर डॉक्टर उसका सही रुप से निदान करेगें जिससे उसका इलाज हो सके।
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आमतौर पर शिशु में कोलिक के कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह कई कारकों के परिणामस्वरूप हो सकता है। शोधकर्ताओं ने कोलिक के कई संभावित कारणों पर ध्यान दिया है।इसके कई कारण इस प्रकार से हो सकते हैं।
आपके बच्चे का डॉक्टर निदान करने के लिए कुछ परीक्षण कर सकता है। वह शारीरिक परीक्षा करेगा और अपने इतिहास और लक्षणों की समीक्षा कर सकता है। डॉक्टर अन्य संभावित समस्याओं का पता लगाने के लिए कुछ परीक्षण कर सकते हैं।
शिशुओं में कोलिक का इलाज क्या है?
यदि आपके शिशु को कोलिक है, तो निदान के बाद अपने डॉक्टर से इलाज कराएं। इससे उभरने के कई और कारक बताए गएं है।
अपने बच्चे को दूध पिलाना
यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान करा रही हैं, तो आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं, इस पर ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है।आपके द्वारा उपभोग की गई सभी चीजें आपके बच्चे को मिल जाती हैं और उन्हें प्रभावित कर सकती हैं।इस दौरान आप कैफीन और चॉकलेट से बचें, बता दें की ये उत्तेजक के रूप में कार्य करते हैं। डेयरी उत्पादों और नट्स से बचें, जिनसे आपके बच्चे को एलर्जी हो सकती है। अपने डॉक्टर से पूछें कि इस प्रकार कोई दवाई लेने से आपको कोई समस्या हो सकती है।
-अपने बच्चे को थोड़ा-थोड़ा भोजन करके कई बार खिलाने की कोशिश करें। अबहुत ज्यादा-ज्यादा भोजन कई बार न खिलाएं। आपके बच्चे का एक बोतल दूध लगभग 20 मिनट चलना चाहिए। यदि आपका बच्चा तेजी से खाता है, तो एक छोटे छेद के साथ एक निप्पल का उपयोग करने का प्रयास करें। इससे उनकी फीडिंग धीमी हो जाएगी।
अपने बच्चे को पकड़ना
आपको बता दें कि कोलिक आपके बच्चे के लिए कोई अल्पकालिक या दीर्घकालिक समस्या पैदा नहीं करता है। लेकिन माता-पिता के लिए पेट का दर्द मुश्किल हो सकता है। ऐसे शिशुओं को संभालना और उनकी देखभाल करना कठिन हो सकता है जो रोना बंद नहीं करते हैं। आप बहुत निराशा महसूस करते हैं। अपने बच्चे को देखने में मदद करने के लिए अपने किसी करीबी से पूछें। अपने बच्चे को कभी नहलाएं या नुकसान न पहुंचाएं। शिशु को नहलाने से मस्तिष्क की गंभीर क्षति हो सकती है और मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए बच्चे को सावधान रहकर संभाले।
शिशुओं में कोलिक के जोखिम
कोलिक के लिए जोखिम कारक अच्छी तरह से समझ में नहीं आते हैं।इसमें निम्नलिखित रुप से जोखिम बताए गए है। गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के बाद धूम्रपान करने वाली माताओं को जन्म देने वाले शिशुओं में पेट के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
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शिशुओं के कोलिक में जटिलताएं
कोलिक एक शिशु के लिए अल्पकालिक या दीर्घकालिक चिकित्सा समस्याओं का कारण नहीं बनता है।माता-पिता के लिए कोलिक तनावपूर्ण साबित हो सकता है। कोलिक बच्चे और माता-पिता के लिए कई प्रकार की समस्याएं पैदा करता है।
डिस्क्लेमर
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