के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
घुटने में चोट पहुंचने से कई बार घुटने में मौजूद एसीएल (एंटेरियर क्रूसिएट लिगामेंट) घायल हो जाता है, जिसे घुटने की एसीएल चोट कहते है। एसीएल (एंटेरियर क्रूसिएट लिगामेंट) ऊतक (Tissue) के बैंड में से एक है, जो घुटने के अंदर हड्डियों को एक साथ जोड़े रखता है। एसीएल के जरिये ही घुटने को स्थिर रखने में मदद मिलती है। जब दौड़ते या कूदते है या किसी और तरीके का मूवमेंट (जैसे अचानक से मुड़ना या तेज गति लेना) करते है तो एसीएल में खिंचाव होता है। अक्सर यह दर्दनाक हो जाता है, जिससे चलना या पैर पर दबाव डालना मुश्किल हो जाता है। घुटने की एसीएल चोट ज्यादातर खेल में ही लगती है। अगर आम भाषा में कहा जाए तो एसीएल चोट घुटने की साइड में गंभीर चोट होती है जो किसी तरह के खिंचाव के वजह से लगती है। एसीएल में चोट लगने पर कई लोगों को घुटने में चटाक जैसी आवाज आती हैं। इसमें आपका घुटना सूज सकता है, और घुटने पर ज्यादा वजन सहन करना दर्दनाक साबित होता है।
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कई लोगों को चोट लगने पर उनके घुटने में चटाक तरह का शोर सुनाई देता हैं, लेकिन यह हर केस में हो जरूरी नहीं। घुटने की एसीएल चोट के सामान्य लक्षण इस प्रकार है:-
लिगामेंट ऊतक (Tissue) के मजबूत बैंड होते हैं जो एक हड्डी को दूसरे से जोड़ते हैं। एसीएल दो लिगामेंट में से एक है जो घुटने के मध्य स्थान को पार करता है, यह आपकी जांघ की हड्डी (फीमर) को आपके पिंडली की हड्डी (टिबिया) से जोड़ता है और घुटने के जोड़ को स्थिर करने में मदद करता है। घुटने की एसीएल चोट अक्सर खेल और फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों के दौरान होती हैं, जिससे घुटने पर तनाव आ सकता है। घुटने की एसीएल चोट के निम्न कारण हो सकते है-
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ऐसे कई कारक हैं जो घुटने की एसीएल चोट के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
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जो लोग घुटने की एसीएल चोट का अनुभव करते हैं, उन्हें घुटने में ऑस्टियोआर्थराइटिस विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। लिगामेंट को फिर से बनाने के लिए सर्जरी करने पर भी आर्थराइटिस हो सकता है। वैसे तो कई करक है जो आर्थराइटिस के जोखिम को प्रभावित करते है, जैसे कि चोट की गंभीरता, घुटने के जोड़ में संबंधित चोटों की उपस्थिति या उपचार के बाद गतिविधि का स्तर।
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शारीरिक परीक्षा के दौरान डॉक्टर सूजन और कोमलता के लिए घुटने की जांच करते है, घायल घुटने की तुलना सामान्य घुटने से करते है। घुटने की फ्लेक्सिबिलिटी और गति देखते है। ज्यादातर घुटने में एसीएल चोट की जांच सिर्फ शारीरिक परीक्षा के आधार पर की जा सकता है, लेकिन चोट की गंभीरता तय करने के लिए एक्स-रे, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड जैसे परीक्षण भी किये जा सकते है।
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जितनी जल्दी प्राथमिक चिकित्सा की जा सकें, उतनी जल्दी घुटने में एसीएल चोट के दर्द और सूजन कम होगी। चोट जल्दी ठीक हो, इसके लिए आराम करना जरूरी है, ताकि घुटने को कोई वजन न सहना पड़े। बर्फ से सिकाई करें, हर दो घंटे में 20 मिनट तक ऐसा करें। घुटने पर हल्के से प्रेशर के लिए पट्टी बांधे। अपने घुटने को तकिए पर टिका कर लेटे। इसके अलावा सामान्य चोट होने पर डॉक्टर दवाई भी देते है।
घुटने की एसीएल चोट में डॉक्टर इन परिस्थितियों में सर्जरी की सलाह देते है, यदि-
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