के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
थाई बोन का ऊपरी हिस्सा जिसे फेमोर (femur) भी कहा जाता है और पेल्विक बोन जहां मिलते हैं उसे हिप कहा जता है। आमतौर पर हिप फ्रैक्चर फेमोर के ऊपरी हिस्से पर होता है। यह गिरने और हिप के आस-पास कोई चोट लगने से होता है। कई बार यह कैंसर के कारण हिप बोन के कमजोर होने से भी होता है।
ब्रोकन हिप बेहद सीरियस कंडिशन है। इसके ज्यादातर मामलो में सर्जरी कराने की जरूरत होती है। हिप फ्रैक्चर से जुड़ी जटिलताएं जानलेवा साबित हो सकती हैं। बोन डेंसिटी को मेंटेन करने के साथ खुद को गिरने से बचाए रखकर आप हिप फ्रैक्चर की परेशानी से बच सकते हैं।
कूल्हे का फ्रैक्चर आमतौर पर हिप के जोड़ वाले हिस्से में होता है और दूसरे हिस्सों में भी हो सकता है। कई बार सॉकेट या एसेटाबुलम फ्रैक्चर हो सकते हैं।
फेमोरल नेक फ्रैक्चर (Femoral neck fracture): फेमोर में जहां से हड्डी का सिर सॉकेट से मिलता है वहां 1 या 2 इंच का फर्क आना फेमोरल नेक फ्रैक्चर होता है। यह रक्त वाहिकाओं में छेद कर आपके कूल्हे की बॉल तक रक्त परिसंचरण को रोक सकता है।
इंटरट्रोकैनेटरिक हिप फ्रैक्चर (Intertrochanteric hip fracture): यह जॉइंट से लगभग तीन से चार इंच की दूरी पर होता है। यह फेमोर में रक्त प्रवाह होने से नहीं रोक सकता।
इंट्राकैप्सुलर फ्रैक्चर (Intracapsular fracture): यह फ्रैक्चर आपके कूल्हे की बॉल और सॉकेट वाले हिस्सों को प्रभावित करता है। यह उन रक्त वाहिकाओं को भी नष्ट कर सकता है जो बॉल तक जाती हैं।
बूढ़े लोगों खासकर 80 से अधिक उम्र के लोगों का गिरना आम बात है। इस उम्र में आकर उनकी नजर कमजोर हो जाती है साथ ही शरीर में बैलेंस बनाने में भी दिक्कत होती है। इस वजह से बुजुर्गों में कूल्हे के टूटने के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। जिन महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत होती है उनमें भी यह बेहद आम है। बता दें, ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं।
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कूल्हे के टूटने के निम्नलिखित लक्षण होते हैं-
हर किसी के शरीर पर यह ब्रोकेन हिप (Broken hip) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें। ब्रोकन हिप एक गंभीर स्थिति है। यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए ऊपर बताए लक्षण नजर आने पर बिना देरी करें डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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नीचे बताए कारणों से होती है ब्रोकन हिप की शिकायत:
किन लोगों में ज्यादा रहता है कूल्हे के टूटने का खतरा?
बड़ी उम्र के लोगों में: उम्र के बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी और मसल मास कम होने लगता है। यही कारण है कि बड़ी उम्र के लोगों में कूल्हे के टूटने के मामले ज्यादा आते हैं।
महिलाओं में हिप के टूटने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस अधिक होता है।
क्रोनिक मेडिकल कंडिशन: एंडोक्राइन डिसऑर्डर जैसे ओवरएक्टिव थायरॉइड में हड्डियां नाजुक हो जाती हैं। इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर में विटामिन डी और कैल्शियम का अवशोषण कम हो जाता है जिससे हड्डियां कमजोर और हिप फ्रैक्चर होने की संभावना रहती है।
दवाएं: कुछ दवाएं ऐसी होती हैं जो लंबे समय तक लेने पर हड्डियों को कमजोर बनाती हैं।
न्यूट्रिशनल समस्याएं: शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी होने पर भी फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है।
तंबाकू या एल्कोहॉल: तंबाकू या एल्कोहॉल का सेवन करने से हड्डियों की ग्रोथ नहीं होती।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
आपका डॉक्टर कूल्हे टूटने के संकेतों को नोटिस करेगा, जैसे सूजन, चोट या विकृति। हालांकि, एक सही निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर प्रारंभिक मूल्यांकन की पुष्टि करने के लिए विशेष परीक्षण का आदेश दे सकता है।
इमेजिंग परीक्षण आपके डॉक्टर को फ्रैक्चर का पता लगाने में मदद करते हैं। डॉक्टर आपके कूल्हे की तस्वीरें लेने के लिए एक्स-रे रिकमेंड कर सकते हैं। यदि रिपोर्ट्स में किसी तरह का फ्रैक्चर के बारे में सामने नहीं आता है, तो वह अन्य विधियों जैसे कि एमआरआई या सीटी स्कैन का उपयोग कर सकते हैं।
एमआरआई में हिप बोन के टूटने के बारे में एक्स रे से ज्यादा साफ मालूम होता है। इसमें हिप एरिए की डिटेल तस्वीरें सामने आती हैं।
आपका डॉक्टर ट्रीटमेंट की प्लानिंग करने से पहले आपकी उम्र और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रख सकता है। यदि आपकी उम्र ज्यादा है और टूटे हुए कूल्हे के अलावा आपको दूसरी मेडिकल कंडिशन भी हैं, तो आपका ट्रीटमेंट अलग हो सकता है। विकल्पों में निम्नलिखित तरीके शामिल हैं:
डिस्क्लेमर
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