के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें खाना चबाने, पेन टैप करने या अन्य छोटे-छोटे शोर के कारण परेशानी महसूस करते हैं। उनमें ऐसी ही स्थिति को मिसोफोनिया (Misophonia) कहा जाता है। हालांकि, इस तरह की आवाजें उनके लिए असहनीय हो सकते हैं। इसे ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी कहा जाता है जो एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी के कारण ऐसे लोगों का ब्रेन इस तरह की आवाज को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उनका सारा फोकस आवाज की तरफ रहता है।
साल 2001 में पहली बार इस स्थिति की पहचान की गई। इसे सेलेक्टिव साउंड सेंसटिव सिंड्रोम (selective sound sensitivity syndrome) के रूप में भी जाना जाता है। यह मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों लक्षणों के साथ मस्तिष्क की असामान्यता होती है। हाल के एक अध्ययन में, एमआरआई स्कैन में उन लोगों के मस्तिष्क की संरचना में एक अंतर दिखाई दिया, जिनके पास इसके लक्षण थें।
ऐसे लोग इस तरह की आवाज सुनते ही गुस्सैल व्यवहार कर सकते हैं। ट्रिगरिंग की आवाज सुनने पर वे चिंता, क्रोध और घबराहट महसूस कर सकते हैं। यह अवसाद का भी कारण हो सकता है।
हाल ही हुई एक स्टडी में रिसर्च टीम ने 42 लोगों को अपने शोध में शामिल किया था। जिनमें से 22 लोगों में मेसोफोनिया के लक्षण पाए गए। हालांकि, भारत में इसका आंकड़ा क्या है, अभी भी इसके बारे में उचित अध्ययनों और रिसर्च की जरूरत है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। बच्चों में सबसे ज्यादा मिसोफोनिया की शिकायत पाई जाती है। बच्चा मिसोफोनिया में निम्न तरीके से रिएक्ट करता है :
अगर बच्चा साउंड ट्रिगर पर रिएक्ट ना करके खुद साउंड क्रिएट करते हैं। ऐसा बच्चे इसलिए करते हैं ताकि साउंड ट्रिगर की वजह से उनका रिस्पॉन्स कम हो।
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मेसोफोनिया से परेशान व्यक्तियों को खर्राटे की आवाज, सांस लेने की आवाज, खाना खाने के दौरान होने वाली आवाज या घड़ी की सुई की आवाज के कारण इरिटेशन महसूस कर सकते हैं। ऐसे लोगों में खाना खाने के दौरान होने वाली आवाज के कारण अधिक चिड़चिड़ापन देखा जा सकता है।
मिसोफोनिया के हल्के लक्षणः
मिसोफोनिया के गंभीर लक्षणः
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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मेसोफोनिया होने का कोई वैज्ञानिक कारण पूरी तरह साफ नहीं हो सका है। कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
इन स्थितियों में मिसोफोनिया की संभावना अधिक होती है:
यह उन लोगों में भी अधिक सामान्य प्रतीत होता है जिन्हें टिनिटस की समस्या है। टिनिटस एक अलग विकार है जिसमें व्यक्ति को उसके कानों में लगातार कोई ध्वनि सुनाई देती है, जो किसी अन्य को सुनाई नहीं देती है। इसे कानों में बजना भी कहा जाता है।
इससे जुड़े अधिक जोखिमों की जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मेडिकली रूप में इस सिंड्रोम को साल 2001 में मान्यता दी गई ही। हालांकि, इसके होने वाले कारणों, इसके निदान के बारे में अभी भी उचित अध्ययन नहीं किए गए हैं। फिर भी, डॉक्टर इसकी पहचान करने के लिए व्यक्ति के निजी मानसिक हालतों का विश्लेषण कर सकते हैं।
फिलहाल वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है। इस पर वैज्ञानिक तौर पर अभी उचित अध्ययन और रिसर्च किए जा रहे हैं। लेकिन कुछ उपचार और उपाय हैं जो इस समस्या के इलाज में मदद कर सकते हैं। कुछ लोग इसके इलाज के लिए कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी (Cognitive Behavioral Therapy (CBT), हाइपोथेरेपी (hypnotherapy) और टिनिटस रिट्रेनिंग थेरिपी (Tinnitus Retraining Therapy (TRT) जैसे उपचारों की मदद ले सकते हैं। हालांकि, ये इलाज इसका स्थायी उपचार नहीं करते हैं।
अमेरिका में इसके उपचार के विकल्प के तौर पर कुछ खास खिस्म के हेडफोन उपलब्ध हैं। हालांकि, इस उपचार विधि को बहुत ही कम देखा जा सकता है। साथ ही, वर्तमान में यह विधि भी महंगी है, जो आम लोगों की पहुंच से कोसों दूर हो सकती है।
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फिलहाल, इसके उपचार के लिए सेल्फ केयर पर ध्यान दिया जा सकता है। जैसेः
इस आर्टिकल में हमने आपको मिसोफोनिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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