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Scarlet fever: स्कारलेट फीवर क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    Scarlet fever: स्कारलेट फीवर क्या है?

    स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) को स्कारलेटिना भी कहते हैं। यह एक ऐसा इंफेक्शन होता है जो एक से दूसरे में फैल जाता है। इस बीमारी के होने से पूरे शरीर पर लाल और उभरे हुए चकत्ते पड़ जाते हैं। शुरू में ये सनबर्न की तरह दिखते हैं। ये चकत्ते पहले चेहरे पर फिर गले और फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं। अगर किसी बच्चे का गला खराब है तो उसे स्कारलेट फीवर हो सकता है। क्योंकि जो बैक्टीरिया स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) फैलाते हैं वही गला खराब होने का कारण भी बनते हैं। इस बीमारी में बहुत तेज बुखार होता है। यह बुखार ज्यादातर 5 से 15 साल तक के बच्चों को होता है। यह बच्चों में होने वाली एक गंभीर बीमारी मानी जाती है। अगर इसका समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस पायोजेन्स नाम के एक बैक्टीरिया (Bacteria) से स्कारलेट फीवर होता है। एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाओं के साथ इस बीमारी का इलाज किया जात सकता है।

    स्कारलेट फीवर के लक्षण (Symptoms of Scarlet fever)

    • लाल दाने— ये लाल दाने देखने से लगता है कि सनबर्न (Sunburn) हुआ है। यह आमतौर पर मुंह से शुरू होते हैं और फिर गर्दन से होते हुए सीने, हाथ, पेट और पैरों तक फैल जाते हैं। अगर इन दानों पर खुजली करते हैं तो ये पीले हो जाते हैं।
    • लाल लाइन्स— कमर, कोहनी, घुटने, बगली, और गर्दन जैसी जगहों पर लाल लाइनें हो जाती हैं। धीरे—धीरे ये लाइनें गहरी होती जाती हैं।
    • सूजा हुआ चेहरा— इस बीमारी के होने से चेहरे पर पीले रंग के घेरे हो जाते हैं। इससे चेहरा सूजा हुआ मालूम पड़ता है।
    • स्ट्रॉबेरी जीभ— इस बीमारी के होने से चीभ लाल और उभरी हुई महसूस होती है। साथ ही चीभ पर एक सफेद परत भी चढ़ जाती है। यह इस बीमारी के कुछ शुरुआती लक्षण हैं।

    चेहरे और चीभ की लालिमा और चकत्ते करीब एक हफ्ते तक बने रहते हैं। जब ये लालिमा कम होती है तो शरीर छिला हुआ सा महसूस होता है, जहां जलन भी हो सकती है। स्कारलेट फीवर के अन्य लक्षण:

    • इस बीमारी के होने पर 101 बुखार हो सकता है।
    • अचानक से ठंड लगती है।
    • गले में लाल, सफेद और पीले चकत्ते दिख सकते हैं।
    • ​​भोजन निगलने में दिक्कत होगी।
    • उल्टी होगी।
    • सिर में दर्द (Headache) बना रहेगा।

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    स्कारलेट फीवर होने के कारण (Cause of Scarlet fever)

    स्कारलेट फीवर होने का कारण स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus) नाम का एक बैक्टीरिया है। यही बैक्टीरिया गले और मुंह में भी संक्रमण (Oral infection) कर सकता है। यह बैक्टीरिया शरीर में विषैले तत्वों (Toxic elements) का निर्माण करते हैं। जिससे शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।

    क्या स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) एक से दूसरे में फैलता है?

    • हां, स्कारलेट फीवर एक संक्रामक बीमारी है। जिस व्यक्ति को ये बीमारी होती है, अगर उसके संपर्क में कोई अन्य व्यक्ति आता है तो यह उसे भी हो जाती है। आमतौर पर यह बीमारी दो से पांच दिन में किसी और व्यक्ति को संक्रमित करती है। स्कारलेट फीवर छींकने, लार या कफ से फैलता है।
    • स्कारलेट फीवर तब भी हो सकता है जब आप किसी बीमार व्यक्ति के झूठे गिलास से पानी पीते हैं या कुछ खा लेते हैं।
    • यह बीमारी छूने से नहीं फैलती है, बल्कि त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने पर यह इंफेक्शन फैल सकता है।
    • स्कारलेट फीवर वाले व्यक्ति की तौलिया या कपड़े इस्तेमाल करते हैं तो भी यह आपको हो सकती है।
    • कभी—कभी स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) होने के बाद आपको लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसे में बीमारी का जल्द से जल्द पता लग पाना मुश्किल हो जाता है।

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    स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) कब गंभीर बीमारी बन जाती है?

    स्कारलेट फीवर के कुछ लक्षण शुरुआत में दिखते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं करवाया गया तो यह गंभीर बीमारी बन जाती है और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करने लगती है। सही समय पर इलाज ना होने पर किडनी की बीमारी (Kidney disease), कानों में इनफेक्शन (Ear infection), निमोनिया (Pneumonia) और आर्थराइटिस (Arthritis) हो सकता है। जिन अंगों को स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) प्रभावित करता है वो हैं:

    • टॉन्सिल
    • फेफड़े
    • त्वचा
    • गुर्दे
    • रक्त
    • कान
    • हार्ट
    • जोड़

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    स्कारलेट फीवर का परीक्षण (Diagnosis of Scarlet fever)

  • जैसा कि पहले भी बताया कि यह बीमारी ज्यादातर बच्चों को होती है। बच्चों के लिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं और वही उनका इलाज करते हैं।
  • डॉक्टर बच्चे के शरीर की पूरी जांच करता है।
  • लक्षणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे की जीभ, गले और टॉन्सिल को जांचता है।
  • डॉक्टर शरीर में पड़े चकत्तों को देखेंगे। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश करेंगे कि शरीर में कोई गांठ तो नहीं बन गई है।
  • अगर डॉक्टर को लगता है कि बच्चे को स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) है तो वह बच्चे के गले की कोशिकाओं का एक सैंपल परीक्षण के लिए ले सकते हैं।
  • इस सैंपल को लैब में टेस्ट किया जाएगा।
  • स्कारलेट फीवर का इलाज (Treatment for Scarlet fever)

    आमतौर पर स्कारलेट फीवर का इलाज उसी तरह होता है जैसे खराब गले का किया जाता है। डॉक्टर बच्चे को एंटिबायोटिक्स दे सकते हैं। जब बच्चे का इलाज चल रहा हो, तब बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर कुछ अन्य इलाज भी बता सकते हैं।

    • गर्म और नमकीन पानी से गरारा करना, जिससे गले का दर्द और सूजन खत्म हो सके।
    • दर्द या बुखार कम करने के लिए एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) या इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन) दे सकते हैं। लेकिन ये दवाएं बड़ों के लिए होती हैं।
    • डॉक्टर बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें पिलाने को कह सकते हैं। इससे बच्चे के गले को आराम मिलेगा और डिहाइड्रेशन भी नहीं होगा।
    • घर की हवा में अगर नमी है तो ये बच्चे के गले (Babies throat) को ठीक करने में मदद कर सकती है।
    • अगर आपके बच्चे की उम्र 4 साल है तो उसे आप सूप या किसी ड्रिंक में मिला सकते हैं।
    • अगर बच्चे के शरीर पर पड़े चकत्तों पर खुजली हो रही है तो डॉक्टर एंटी—इचिंग दवाई देते हैं। बच्चे के नाखूनों को काटकर रखें जिससे वो अपनी त्वचा को नुकसान ना पहुंचा सकें।

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    ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें

    घर में अगर किसी को स्कारलेट फीवर (Scarlet fever) है तो साफ—सफाई का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि यह बीमारी तेजी से फैलती है। अपने बच्चों को ये चीजें सिखाएं:

    • वॉशरूम का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर धोएं।
    • जब भी खांसी या छींक आए तो उसके बाद भी हाथ धोने की आदत डालें।
    • जुकाम या खासी (Cold & cough) होने पर मुंह पर रुमाल लगाए रखें।
    • किसी के झूठे बर्तन और गिलास का खाने—पीने के लिए इस्तेमाल ना करें।
    • धूल भरी जगहों और पॉल्यूशन से बच्चों को दूर रखें।
    • आप भी स्मोक (Smoke) ना करें।

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