के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
अस्थायी रूप से आने वाली बेहोशी को हम सिंकोप कहते हैं। ये स्थिति बहुत देर तक नहीं रहती और पीड़ित कुछ मिनटों बाद इससे बाहर आ जाता है। आमतौर पर ये उन लोगों में देखी जाती है जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हृदय ऑक्सीजन युक्त खून मस्तिष्क तक पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है।
बीमार रहने वाले लोगों में या फिर हृदय की समस्या से पीड़ित मरीजों में ये स्थिति देखी जा सकती है। आमतौर पर 3 प्रतिशत इमरजेंसी के मामलों और 6 प्रतिशत होने वाली हॉस्पिटल भर्तियों के लिए सिंकोप जिम्मेदार है।
सिंकोप सीरियस डिसऑर्डर या कुछ करने के दौरान भी भी हो सकता है। जैसे-
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सिंकोप के लक्षण बेहोशी के कुछ समय पहले होते हैं जैसे कि हृदय की धड़कनें बहुत तेज होना। इसके अलावा और भी बहुत से लक्षण हो सकते हैं जैसे कि सांस उखड़ना, बेचैनी होना और बहुत ज्यादा पसीना आना। वैसे इन लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे –
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आपको डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?
बहुत ज्यादा चिंता, भूख या दर्द के कारण बेहोशी आ सकती है। अगर आप किसी हृदय रोग से पीड़ित हैं तो सीने में दर्द होने पर, बेचैनी होने पर या फिर किसी ऐसे लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें।
वैसे इन परेशानियों के साथ-साथ निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जैसे-
धमनियों में खून इक्कठा होने की वजह से मस्तिष्क में खून नहीं पहुंच पाता, जिसकी वजह से बेहोशी हो सकती है। ये ग्रेविटी के प्रभाव से होता है और इसे वलसल्वा मैन्युवर (Valsalva’s maneuver) कहते हैं।
वेगस नर्व में खराबी आने की वजह से ब्लड प्रेशर कम हो जाएगा और बेहोशी आ सकती है। वेगस नर्व की वजह से आने वाली बेहोशी को हम वैसोवैगल सिंकोप (vasovagal syncope) कहते हैं। इस परिस्थिति में आपको दर्द, चिड़चिड़ापन और खराश भी हो सकती है।
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निम्नलिखित कारणों से इसका खतरा बढ़ सकता है। जैसे-
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। अगर आपको इस विषय में अधिक जानकारी चाहिए, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सिंकोप का कारण पता करने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और साथ ही आपके पूरे शरीर की बाहरी जांच भी की जाएगी। इसके अलावा अलग-अलग पोजीशन में लेटाकर आपका ब्लड प्रेशर भी लिया जा सकता है। इसके साथ ही असमान रूप से दिल धड़कने की स्थिति में हॉल्टेर मॉनिटर (Holter Monitor) का उपयोग कर सकते हैं। इससे हृदय की धड़कनों की गति का पता लगाया जा सकता है।
बेहोशी के कुछ समय बाद आप खुद से ठीक हो जाएंगे और अगर ऐसा नहीं होता है तो आपका हृदय सही मात्रा में खून पहुंचाने में असमर्थ है। ऐसी परिस्थिति में आपको कार्डियोलॉजिस्ट से मिल लेना चाहिए या फिर ऐसी दवाइयां जिनसे बेहोशी होती है उन्हें रोक देना चाहिए।
निम्नलिखित उपाये से इससे बचा जा सकता है। जैसे-
अगर आप सिंकोप से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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