के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
सिर पर फंगल संक्रमण को टीनिया कैपिटिस कहा जाता है। सिर पर संक्रमण के गोल आकार की वजह से इन्हें रिंगवर्म भी कहते हैं। इसमें किनारे उभरे हुए लगते हैं लेकिन, बीच का भाग समतल रहता है। इस संक्रमण के होने से आपके सिर की त्वचा खुरदुरी और खुजलीदार हो जाती है।
टीनिया कैपिटिस को अगर दूसरे शब्दों में समझा जाये तो यह एक तरह का रिंगवर्म होता है, जो त्वचा और स्कैल्प में होने लगता है। 10 से 20 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ये संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है इस लिए अगर आपके आसपास किसी को ये रिंगवर्म है तो उसकी कंघी, तौलिये और टोपी का इस्तेमाल करने से बचें। यह परेशानी त्वचा के साथ-साथ हाथ, ग्रोइन, पैर के तलवे, पैर उंगलियों के नाखून और ट्रंक (शरीर के सामने का हिस्सा) में ज्यादातर होता है।
ये स्थिति बहुत आम है। चार से चौदह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को ये समस्या ज्यादा प्रभावित करती है। बड़ों के मुकाबले बच्चों में टीनिया कैपिटिस होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इससे जुड़ी और किसी जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
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प्रभावित क्षेत्र में आपको बाल टूटने और झड़ने की समस्या हो सकती है। जिस जगह से बाल गायब होंगे वहां पर काले रंग के अणु दिखाई दे सकते हैं। इनसे दोबारा संक्रमण हो सकता है।
इसके अलावा ये लक्षण देखे जा सकते हैं :
बहुत गंभीर मामलों में पस भरे उभार भी दिख सकते हैं। इनके फूटने पर बहुत अधिक बाल झड़ेंगे, दर्द होगा और निशान भी पड़ सकते हैं।
इस विषय से जुड़ी किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
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स्कैल्प में फंगल संक्रमण डर्मैटोफाइट्स ( Dermatophytes ) की वजह से होता है। सिर पर गंदगी, पसीना और धुल इस बैक्टीरिया की बढ़त को बढ़ावा देते हैं। फंगस अधिकतर नाखूनों, बालों और निर्जीव टिशूज को प्रभावित करती है।
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति का सामान जैसे कि कंघी, तकिया और तौलिया इस्तमाल कर रहे हैं तो भी आपको इस संक्रमण का खतरा हो सकता है। बच्चों को ये संक्रमण ज्यादा प्रभावित करता है। कुत्ते, बिल्ली और पालतू जानवर भी इस संक्रमण को बढ़ावा दे सकते हैं।
इन जानवरों में इस बीमारी के लक्षण नहीं दिखेंगे लेकिन ये इस बीमारी को फैलाने का काम करते हैं।
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गर्म, नम और गंदगी वाली जगहों पर टीनिया कैपिटिस की समस्या हो सकती है। बहुत ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर इस संक्रमण के फैलने की आशंका ज्यादा होती है। डायबिटिक, HIV संक्रमित और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ये संक्रमण ज्यादा प्रभावित करेगा।
और अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। सही सलाह के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।
आमतौर पर डॉक्टर आपके स्कैल्प की स्थिति देखकर फंगल संक्रमण का पता लगाएंगे। अगर इससे कुछ साफ नहीं होता है तो बालों का सैंपल भी लिया जा सकता है। इसे माइक्रोस्कोप में देखने पर फंगस साफ दिखाई देगी। और संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है। इसमें तीन से चार हफ्तों का समय लग सकता है।
ग्रीसियोफल्विन (griseofulvin) और लेमिसिल (Lamisil) एंटीफंगल दवाओं से टेनिया कैपिटिस का इलाज संभव है। ओरल दवाएं इलाज के लिए छह हफ्तों का समय लेंगी और इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। कभी-कभी आपका पेट खराब हो सकता है। किसी अत्याधिक फैट युक्त खाद्य पदार्थो के साथ लेने पर ये दवाएं कोई भी हानिकारक प्रभाव नहीं डालेंगी।
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म के संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाये अपनायें। जैसे-
बड़ों और बच्चों दोनों में ये परेशानी हो सकती है लेकिन, बड़ों की तुलना में बच्चों को ये बीमारी ज्यादा होती है लेकिन, अगर आप टीनिया कैपिटिस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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