कैरियोटाइम एक टेस्ट (Karyotype Test) है जो ब्लड सेल्स में क्रोमोसोम के साइज, आकार और संख्या को पहचानता और उसका मूल्यांकन करता है। अतिरिक्त और क्रोमोसोम की अनुपस्थिति या क्रोमोसोम की असामान्य स्थिति व्यक्ति के विकास और शारीरिक कार्यप्रणाली में बांधा पहुंचाते हैं।
क्रोमोसोम की संख्या निश्चित होती है। दरअसल अगर इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो मानव प्रजातियों में इसकी संख्या 46 होती है। जिनमें से 44 ऑटोसोम और 2 सेक्स क्रोमोसोम, फीमेल (XX) में समान और मेल (XY) होता है।
कैरियोटाइप की मदद से ब्लड सेल्स की संख्या विसंगतियों (जैसे ट्रिसोमी और मोनोसोमी) होती है।
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क्रोमोसोमल एक सेट होता है जो मां से 50 प्रतिशत और पिता से मिलता है। दरअसल गर्भाधान के दौरान 23 क्रोमोसोम वाला ओवम और स्पर्म आपस में मिलते हैं। इस क्रोमोसोम के सेट में 23-23 क्रोमोसोम होते हैं, जिससे 46 गुणसूत्र वाले मनुष्य को जीवन दिया जा सकता है।
यह टेस्ट निम्नलिखित परिस्थिति में किया जा सकता है। जैसे:
फिलाडेलिया क्रोमोसोम की पहचान के लिए बोन मैरो या ब्लड टेस्ट किया जा सकता है, जो क्रोनिक मायलोजेनस ल्यूकेमिया (सीएमएल) वाले लगभग 85% लोगों में पाया जाता है।
क्रोमोसोम समस्या की जांच के लिए विकासित हो रहे बच्चे का एमनियोटिक फ्लूड टेस्ट किया जाता है।
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निम्नलिखित तरह से इसका पहचान किया जा सकता है। जैसे:
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आपको टेस्ट के लिए किसी तरह की तैयारी करने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ कुछ बातों को ध्यान रखना है जरूरी है।
टेस्ट से जुड़े जोखिम, यह कैसे किया जाता है और अपनी चिंताओं के बारे में डॉक्टर से बात करें।
चूंकि कैरियोटाइपिंग से जुड़ी जानकारी का आपके जीवन पर गहरा असर पड़ता है, इसलिए आप जेनेटिक स्पेशलिस्ट या जेनेटिक काउंसलर के पास जाना चाहेंगे। जेनेटिक काउंसलर आपको यह समझने में मदद करेगा कि टेस्ट परिणाम का आपके लिए क्या मतलब है जैसे डाउन सिंड्रोम जैसे वंशानुगत स्थिति वाले बच्चे के लिए आपको जोखिम। जेनेटिक काउंसलर आपको सारी जानकारी देता है जिससे निर्णय लेने में मदद मिलती है। कैरियोटाइम टेस्ट से पहले आप जेनेटिक काउंसलिंग के लिए कह सकते हैं।
नस से रक्त का नमूना लिया जाता है
हेल्थ प्रोफेशनल रक्त का नमूना लेता:
भ्रूण से कोशिका का नमूना लेना
इस तरह के टेस्ट के लिए एमनियोसेंटेसिस या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग के जरिए भ्रूण से कोशिका (सेल) का नमूना लिया जाता है।
बोन मैरो से कोशिका का नमूना
कैरियोटाइप टेस्ट के लिए बोन मैरो एस्पीरेशन का उपयोगा किया जा सकता है।
टेस्ट के 20 से 30 मिनट बाद सुई वाली जगह पर लगी पट्टी हटा सकते हैं। आपको परिणाम के लिए तारीख बता दी जाएगी। डॉक्टर आपको आपके परिणामों का मतलब समझा देगा। आपको डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
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क्रोमोसोम कैरियोटाइप टेस्ट के परिणाम 1 से 2 हफ्ते में आ जाते हैं। कैरियोटाइम सामान्यः 46 क्रोमोसोम हैं जो 22 मैचिंग जोड़े और 1 जोड़ी सेक्स क्रोमोसोम (महिला के लिए XX और पुरुष के लिए XY) के समूह के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रत्येक क्रोमोसोम के लिए आकार, आकार और संरचना सामान्य होती है।
असामान्य: 46 से अधिक या कम क्रोमोसोम होते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम के लिए आकार, आकार और संरचना असामान्य होती है।
क्रोमोसोम जोड़ी टूट सकती है या गलत तरीके से अलग हो सकती है।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर कैरियोटाइप टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कैरीोटाइप के परिणाम आनुवंशिक रोगों (जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, डिस्ट्रोफी, हीमोफिलिया और थैलेसीमिया) के लिए जिम्मेदार म्यूटेशन को पहचानना आसान होता है।
ट्यूमर के रिसर्च के लिए साइटोजेनेटिक की जानकारी ली जा सकता है। दोनों ही हेमेटोलॉजिकल और ठोस जैसे फेफड़े, स्तन, लिवर, यूरिनरी ब्लैडर)। इससे अलग-अलग तरह के ट्यूमर की सौ से ज्यादा गुणसूत्र पुनर्व्यवस्थाएं की जानकारी मिलती है। ऐसी स्थिति में कैरियोटाइप की परीक्षा रोग के इलाज या रोगनिरोधी मूल्यांकन के लिए एक एक बेहद ही उपयोगी उपकरण हो सकती है।
यदि आपके मन में कैरियोटाइप टेस्ट से जुड़ा कोई सवाल है और आप उसका जवाब जानना चाहते हैं तो कृपया अधिक जानकारी और निर्देशों को बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होगा।
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