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Noonan Syndrome : नूनन सिंड्रोम क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/07/2021

Noonan Syndrome : नूनन सिंड्रोम क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) क्या है? 

नूनन सिंड्रोम एक आनुवंशिक समस्या है। जिसमें शरीर के अंग सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाते हैं। नूनन सिंड्रोम से एक व्यक्ति कई तरह से प्रभावित हो सकता है। नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) से ग्रसित व्यक्ति का चेहरा असामान्य सा हो सकता है, छोटे कद (Height), हार्ट डिफेक्ट होने के साथ अन्य फिजिकल समस्याएं (Physical problem) भी हो सकती हैं। इसके साथ ही शारीरिक विकास भी देरी से होता है।

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) एक जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic Mutation) के कारण होता है। इसका अधिग्रहण तब किया जाता है जब एक बच्चे को माता-पिता से प्रभावित जीन वंशानुगत मिलता है। यह एक अनायास उत्परिवर्तन (स्पॉन्टेनियस म्यूटेशन) के रूप में भी हो सकता है। इससे तात्पर्य है कि इसमें कोई पारिवारिक इतिहास शामिल नहीं है।

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) का प्रबंधन विकार के लक्षणों और जटिलताओं को नियंत्रित करने पर केंद्रित है। ग्रोथ हॉर्मोन का उपयोग नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) वाले कुछ लोगों में छोटे कद का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।

और पढ़ें : Nephrotic syndrome: नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या है?

कितना सामान्य है नूनन सिंड्रोम होना? (How common is Noonan Syndrome?)

नूनन सिंड्रोम 1000 से 2500 लोगों में से किसी एक को होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लक्षण

नूनन सिंड्रोम के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Noonan Syndrome?)

नूनन सिंड्रोम के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं। ये लक्षण विशिष्ट जीन से संबंधित हो सकते हैं, जिसमें म्यूटेशन (Mutation) होता है। फेशियल अपीयरेंस मुख नैदानिक ​​विशेषताओं में से एक है, जिससे नूनन सिंड्रोम को डायग्नोज किया जाता है। ये विशेषताएं शिशुओं और छोटे बच्चों में अधिक स्पष्ट हो सकती हैं, लेकिन उम्र के साथ बदल जाती हैं। बड़े होने पर ये विशेषताएं अधिक सूक्ष्म हो जाती हैं। नूनन सिंड्रोम के सामान्य लक्षण निम्न हैं :

  • चेहरे का असामान्य होना
  • छोटा कद
  • जन्म से ही हार्ट डिफेक्ट होना
  • चौड़ी या टेढ़ी गर्दन
  • उम्र के साथ त्वचा पतली और पारदर्शी दिखाई दे सकती है
  • आंखों से संबंधित समस्या जैसे- भेंगापन
  • कान पीछे की तरफ मुड़े होना
  • फेशियल फीचर्स मोटे दिखाई दे सकते हैं
  • ब्लीडिंग की समस्या होना
  • सीने का आकार असामान्य होना
  • शारीरिक विकास का धीमा होना
  • माथे और सिर के पीछे कम हेयरलाइन के साथ सिर बड़ा दिखाई दे सकता है
  • पुरुषों में वृषण का स्क्रॉटम में न होना

नूनन सिंड्रोम वाले कई लोग जन्म से ही किसी न किसी हृदय दोष के साथ पैदा होते हैं, जो विकार के कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन लोगों के जीवन में हृदय से जुड़ी समस्या (Heart problem) आगे चलकर हो सकती है। इस विकार से जुड़े जन्मजात हृदय रोग के कुछ रूपों में शामिल हैं:

वॉल्व डिसऑर्डर (Valve disorder)

पल्मोनरी वॉल्व स्टेनोसिस सबसे आम हृदय की समस्या है जिसे नूनन सिंड्रोम के साथ देखा जाता है। यह अकेले या अन्य हृदय दोष के साथ हो सकती है। इसमें टिश्यू का फ्लैप जो हृदय के निचले दाएं कक्ष को धमनी से अलग करता है और  फेफड़ों को रक्त की आपूर्ति करता है, वह संकीर्ण हो जाता है।

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हृदय की मांसपेशी का मोटा होना (Thickening of the heart muscle)

यह हृदय की मांसपेशियों का असामान्य विकास या मोटा होना है, जो कुछ लोगों को नूनान सिंड्रोम से प्रभावित करता है।

अनियमित हृदय की लय (Irregular heart rhythm)

यह संरचनात्मक हृदय असामान्यताओं के साथ या इसके बिना हो सकता है। नूनन सिंड्रोम वाले अधिकांश लोगों में अनियमित हृदय ताल की समस्या होती है।

दिल के अन्य संरचनात्मक दोष (Other structural defects of the heart)

दिल के वॉल में छेद होना, हृदय के दो निचले कक्षों का अलग होना, धमनियों का संकुचित होना, जो ऑक्सीजन के लिए रक्त को फेफड़ों तक ले जाती है, या प्रमुख रक्त वाहिका का संकुचन, जो हृदय से शरीर तक रक्त ले जाने का काम करती है आदि समस्या नूनान सिंड्रोम से देखने को मिलती है।

शरीर में विकास संबंधित परेशानी

नूनान सिंड्रोम शरीर के विकास को प्रभावित कर सकता है। नूनान सिंड्रोम के साथ पैदा हुए कई बच्चों का विकास नॉर्मल नहीं होता है। इनमें निम्न समस्या देखने को मिलती है:

  • बर्थ वेट नॉर्मल हो सकता है, लेकिन समय के साथ विकास धीमा हो सकता है।
  • खाने पीने में कठिनाइयों के कारण अपर्याप्त पोषण और खराब वजन बढ़ सकता है।
  • वृद्धि हॉर्मोन (Growth hormone) का स्तर अपर्याप्त हो सकता है।
  • आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान होने वाले विकास में देरी हो सकती है। इस विकार के कारण हड्डियों की परिपक्वता में देरी होती है।
  • नूनान सिंड्रोम के कारण नर्व संबंधित परेशानी या आंतरिक कान की हड्डियों में संरचनात्मक असामान्यताओं की वजह से कम सुनाई देने की परेशानी हो सकती है।
  • नूनान सिंड्रोम (Noonan Syndrome) के चलते कम प्लेटलेट्स होने के कारण अत्यधिक ब्लीडिंग और जख्म की शिकायत हो सकती है।
  • इसके कारण लिम्फेटिक सिस्टम (Lymphatic system) में समस्या पैदा हो सकती है।

इसके अलावा नूनन सिंड्रोम के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही नूनन सिंड्रोम से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है।

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कारण

नूनन सिंड्रोम होने के कारण क्या हैं? (Cause of Noonan Syndrome)

नूनन सिंड्रोम जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic Mutation) के कारण होता है। इस उत्परिवर्तन के लिए कई जीन्स जिम्मेदार होते हैं। इन जीन में ऐसे प्रोटीन होते हैं जो लगातार सक्रिय होते हैं। क्योंकि, ये जीन पूरे शरीर में कई ऊतकों के निर्माण में विशेष भूमिका निभाते हैं। प्रोटीन (Protein) की यह सक्रियता कोशिका वृद्धि और विभाजन की प्रक्रिया को रोकती है।

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) में म्यूटेशन होने का निम्न कारण हो सकता है :

  • जिन पैरेंट्स में नूनन सिंड्रोम होता है, उनके बच्चों में नूनन सिंड्रोम होने की 50 प्रतिशत संभावना होती है।
  • नूनन सिंड्रोम जेनेटिक म्यूटेशन (Noonan Syndrome genetic mutation) के कारण उन बच्चों में भी हो सकती है, जिनमें किसी भी तरह का जेनेटिक डिसऑर्डर (Genetic disorder) नहीं है।

और पढ़ें : Savant syndrome: सवंत सिंड्रोम क्या है ?

जोखिम

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) का जोखिम क्या है?

नूनन सिंड्रोम होने का सबसे ज्यादा रिस्क उन लोगों में होता है जिनके माता पिता में इस सिंड्रोम से संबंधित जीन्स हो। वहीं, अगर माता पिता दोनों को नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) है तो उन्हें दो में से एक बच्चा इस सिंड्रोम से ग्रसित पैदा होगा।

उपाय

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) का निदान कैसे किया जाता है?

नूनन सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर लक्षणों के बारे में जानते हैं, लेकिन नूनन सिंड्रोम के लक्षणों को समझ पाना बहुत कठिन होता है। कभी-कभी नूनन सिंड्रोम के लक्षण वयस्क होने तक नहीं सामने आते हैं। वहीं, अगर बचपन से ही लक्षण दिखाई देते हैं तो वह व्यक्ति बड़े होने पर भी लक्षणों से ग्रसित दिखाई देता है। इसके अलावा मॉलिक्यूलर जेनेटिक टेस्टिंग की मदद से नूनन सिंड्रोम का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, यदि आप में दिल से संबंधित समस्याएं हैं, तो कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाएं। वह अच्छे तरह से आपकी परेशानी को समझ सकते हैं।

नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) का इलाज कैसे होता है?

नूनन सिंड्रोम को उत्पन्न करने वाले जीन्स को रिपेयर नहीं किया जा सकता है। ट्रीटमेंट के द्वारा नूनन सिंड्रोम के साथ सामान्य जीवन व्यतीत किया जा सकता है। नूनन सिंड्रोम का ट्रीटमेंट उसके लक्षणों पर निर्भर करता है। क्योंकि अगर आपको अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो उसके साथ इलाज करने में दिक्कतें आ सकती हैं। आप निम्न तरह से ट्रीटमेंट ले सकते हैं :

  • दिल का इलाज : नूनन सिंड्रोम के कारण अगर आपको दिल से संबंधित समस्या हो जाती है तो आपको उसका इलाज कराना चाहिए। अगर हार्ट वाल्व में समस्या है तो सर्जरी की जरूरत तक पड़ सकती है।
  • शरीर के धीमे विकास का ट्रीटमेंट : बच्चे की लंबाई (Height) को सामान्यतः तीन साल की उम्र तक एक बार जरूर माप लें। लंबाई को उसके बड़े होने तक समय-समय पर मापते रहें। इसके साथ ही सही पोषण दें ताकि बच्चे की लंबाई बढ़ाई जा सके। अगर आपके बच्चे में ग्रोथ हॉर्मोन का लेवल कम है तो कुछ टेस्ट कराने के साथ ही ग्रोथ हॉर्मोन थेरिपी दी जाती है।

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  • सीखने की अक्षमताओं के बारे में जानें : अगर आपका बच्चा उम्र बढ़ने के साथ कुछ सीखने में रूचि नहीं दिखा रहा है तो आप अपने डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर बच्चे को फिजिकल और स्पीच थेरिपी (Speech therapy) आदि देंगे। इसके साथ ही सिखाने की प्रक्रिया से बच्चा कुछ चीजें सीखने लगेगा।
  • देखने और सुनने के लिए ट्रीटमेंट : डॉक्टर बच्चे की आंखों (Eye) और कानों (Ear) की जांच करते हैं। इसमें समस्या होने पर बचपन से ही इलाज शुरू करते हैं। इसके अलावा आप बच्चे के आंखों और कानों की जांच दो साल की उम्र में जरूर करा लें।
  • ब्लीडिंग का इलाज : अगर बच्चे में ब्लीडिंग की समस्या है तो उसे खून पतला करने वाली दवाएं न दें। इसके लिए डॉक्टर खून को जमाने की दवा देंगे।

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  • जननांगों का ट्रीटमेंट : अगर ग्रसित व्यक्ति के वृषण यथास्थान नहीं होते हैं तो सर्जरी के द्वारा उन्हें स्क्रॉटम में रखा जाता है
  • इसके अलावा नूनन सिंड्रोम से ग्रसित व्यक्ति को सामान्यतः चेकअप की जरूरत पड़ती रहती हैं। जैसे- रेग्यूलर डेंटल केयर (Dental care)।

घरेलू उपाय

जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे नूनन सिंड्रोम (Noonan Syndrome) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

नूनन सिंड्रोम के लिए कई तरह के सपोर्ट ग्रुप बने हुए हैं, जिससे जुड़ कर आप अन्य लोगों से मिल कर मानसिक सपोर्ट पा सकते हैं। ऐसे कई ग्रुप आपको इंटरनेट पर सर्च करने पर मिल जाएंगे। इसके अलावा इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में नूनन सिंड्रोम से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी देने का प्रयास किया गया है। यदि इस लेख से जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या है या आप इसके बारे में अधिक जानकारी पाना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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