के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) को अगर सामान्य भाषा में सामझा जाए तो यूटेरिन का अर्थ है गर्भाशय और प्रोलैप्स का अर्थ है नीचे की ओर आना। यूटेरिन प्रोलैप्स होने की स्थिति में गर्भाशय नीचे की ओर वजायना के वॉल के पास आ जाता है। यूट्रस का नीचे की ओर आना ठीक नहीं होता है। इस आर्टिकल में यूटेरिन प्रोलैप्स से जुड़ी पूरी जानकारी दी जा रही है।
यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) तब होता है जब पेल्विस फ्लोर मसल्स और लिगामेंट्स कमजोर होने लगते हैं और वे गर्भाशय को सपोर्ट करना बंद कर देते हैं तब यूट्रस नीचे की ओर आ जाता है। कुछ महिलाओं में तो यूट्रस वजायना से बाहर आ जाता है। 55 साल या इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी यूटेरिन प्रोलैप्स है।
यूटेरिन प्रोलैप्स दो तरह का होता है।
यूट्रस वजायना के पास आ जाता है, लेकिन वजायना से बाहर नहीं आता है, जिसे इनकंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स कहते हैं।
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जब यूट्रस का एक हिस्सा वजायना से बाहर आ जाता है, तो ऐसी स्थिति को कंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स कहते हैं। यूट्रस वजायना के कितने पास आता है। इसका ग्रेड (grade) से निर्णय लिया जाता है।
फर्स्ट ग्रेड- सर्विक्स वजायना में आ जाता है, जिसे यूटेरिन प्रोलैप्स का फर्स्ट ग्रेड कहते हैं।
सेकेंड ग्रेड- सर्विक्स वजायना के सबसे ऊपरी हिस्से में पहुंच जाता है।
थर्ड ग्रेड- सर्विक्स वजायना के बाहरी हिस्से में आ जाता है।
फोर्थ ग्रेड- पूरा यूट्रस वजायना के बहार आ जाता है।
फोर्थ ग्रेड अगर पेशेंट की स्थिति गंभीर है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती हैं। वैसे अगर यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी जल्दी मिल जाती है, तो एक्सरसाइज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
यूट्रस के वजायना की ओर आने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
शुरुआती दिनों में यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी नहीं मिल सकती है। कभी-कभी परेशानी बढ़ने के बाद गर्भाशय के नीचे आने की जानकरी मिलती है।
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गर्भाशय का अपनी जगह से नीचे आना निम्नलिखित कारणों से हो सकता है। जैसे-
यूटेरिन प्रोलैप्स के थर्ड डिग्री (थर्ड ग्रेड) तक पहुंचने पर आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन, थर्ड ग्रेड के बाद सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है।
इलाज के लिए दो विकल्प होते हैं।
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वजायनल पेसरी एक तरह की डिवाइस होती है जिसकी मदद से यूट्रस की पुजिशन को ठीक किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रोलैप्स की स्थिति ज्यादा खराब होने पर पेसरी की वजह इरिटेशन, अल्सरेशन और सेक्शुअल प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए वजायनल पेसरी के बाद अगर परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रोलैप्स यूट्रस को ठीक करने के लिए पेट के निचले हिस्से (वजायना) में सर्जरी की जाती है। इसमें स्किन ग्राफ्टिंग, डोनर टिशू या अन्य मेटेरियल का उपयोग करके गर्भाशय को अपनी जगह पर रखा जाता है। वहीं अगर भविष्य में बेबी प्लानिंग की संभावना होती है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी नहीं की जा सकती है।
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यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी अगर जल्दी मिल जाती है या इसके लक्षण समझ आने लगते हैं, तो शुरुआती स्टेज में एक्सरसाइज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
इस एक्सरसाइज को घर के किसी भी कोने में कुर्सी या बेड पर बैठकर, लेटकर या खड़े होकर कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज में जिन मांसपेशियों को सिकोड़ा जाता है, उनका प्रयोग हम यूरिन पास करते समय करते हैं।
इस एक्सरसाइज को करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स अपनाएं। जैसे-
कीगल एक्सरसाइज करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं। जैसे-
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इन सबके बावजूद भी अगर यूटेरिन प्रोलैप्स की परेशानी बढ़ रही है और इससे जुड़े किसी भी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। ताकि वे आपकी स्थिति के अनुसार सही उपचार रिकमंड कर सकें।
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