अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स में योनि में जलन की परेशानी होती है। कभी-कभी यह समस्या पीरियड्स के चार से पांच दिन तक बनी रहती है और कई बार पीरियड्स खत्म होने के बाद भी कई दिनों तक योनि में जलन महसूस होती है। हालांकि, अगर आपको पीरियड्स के समय में योनि में जलन की समस्या महसूस होती है और यह दिक्कत लगातार बनी रहती है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा इस समस्या से निजात पाने के लिए आप कुछ उपाय भी अपना सकती हैं। यहां हम आपको पीरियड्स में योनि में जलन होने के कारण और इसे दूर करने के उपायों के बारे में बता रहे हैं।
और पढ़ेंः क्यों होता है सेक्स के बाद योनि में इंफेक्शन?
पीरियड्स के दौरान योनि में जलन के कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में यहां बताया जा रहा है :
कैंडिडिआसिस
आमतौर पर पीरियड्स के दौरान योनि में जलन की समस्या कैंडिडिआसिस नाम की बीमारी के कारण होती है। यह महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है। ऐसा भी माना जाता है कि प्रत्येक महिला को पूरे जीवन में कम से कम एक बार कैंडिडिआसिस की समस्या जरूर होती है।
कैंडिडिआसिस क्या है?
कैंडिडिआसिस एक तरह का संक्रमण है, जो महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के हिस्से में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले यीस्ट जैसे फफूंद के बढ़ जाने के कारण होता है। इसके अलावा, योनि के स्वस्थ रहने पर भी इसकी कुछ मात्रा योनि में मौजूद रहती है। कैंडिडिआसिस कैंडिडा जाति से संबंधित यीस्ट के कारण होता है, जिसमें 20 से अधिक प्रजातियों के फंगस को शामिल किया गया है।
और पढ़ें : Skin biopsy: जानें स्किन बायोप्सी क्या है?
कैंडिडिआसिस के कारण
आमतौर पर महिलाओं की योनि में लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया और कैंडिडा फंगस नाम के दो बैक्टीरिया होते हैं। ये दोनों मिलकर योनि को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। हालांकि, योनि को स्वस्थ रखने के लिए लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया कैंडिडा को बढ़ने से भी रोकता है और जरूरत पड़ने पर यह इसके फंगस को भी खत्म कर देता है।
लेकिन, हार्मोन परिवर्तन या अन्य कारणों से जब योनि में इन फंगस की मात्रा बढ़ जाती है, तब यह योनि में कैंडिडिआसिस इंफेक्शन का कारण बन जाता है। इसकी वजह से पीरियड्स के दौरान योनि में जलन और खुजली हो सकती है।
पीरियड्स में योनि में जलन और खुजली के साथ-साथ बदबू आने की भी समस्या देखी जा सकती है। यही वजह है कि पीरियड्स के दौरान अधिकतर महिलाओं को योनि में जलन महसूस होती है। इसके अलावा, पीरियड्स में योनि में जलन और कैंडिडिआसिस इंफेक्शन होने के पीछे यौन संचारित रोग भी एक कारण हो सकते हैं।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह होता है रिस्की, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कैंडिडिआसिस के लक्षण
- योनि में कैंडिडिआसिस होने पर योनि की श्लेष्मा झिल्ली में लालिमा और छोटे-छोटे दाने दिखाई दे सकते हैं।
- कई मामलों में पेट दर्द और बुखार की भी समस्या देखी जा सकती है।
कैंडिडिआसिस होने पर कैसे करें बचाव?
- एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल बंद कर दें।
- पसीने न सोखने वाले इनरवियर न पहनें।
- लंबे समय तक एक ही पैड का इस्तेमाल न करें।
और पढ़ें : Kidney Function Test : किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है?
कैंडिडिआसिस का उपचार
इसके उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह पर केमिस्ट से लेकर क्रीम और दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही योनि की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, कैलोरी से भरपूर आहार लेने से भी इस तरह के इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
ट्राईकोमोनिआसिस
ट्राइकोमोनस वेजीनालिस परजीवी के कारण ट्राईकोमोनिआसिस नामक इंफेक्शन होता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण है। इसमें योनि में खुजली के साथ पेशाब करते समय दर्द, योनि से होने वाले डिस्चार्ज में बदलाव और योनि से बदबू जैसे लक्षण दिखते हैं। एंटीबायोटिक दवा खा कर आप इस इंफेक्शन का इलाज कर सकती हैं।
पीरियड्स के दौरान बरतें ये सावधानियां
- पीरियड्स में कैंडिडिआसिस से ग्रस्त होने पर सतर्क रहें। ऐसे गारमेंट न पहनें जो योनि तक हवा ना पहुंच पाएं। योनि को साफ करने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
- संभव हो तो पैड की जगह मेंस्ट्रूअल कप का इस्तेमाल करें, क्योंकि पैड के इस्तेमाल से संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
और पढ़ेंः प्रसव-पूर्व योग से दूर भगाएं प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं को
इसके अलावा और भी कारण हैं जो पीरियड्स में योनि में जलन का कारण बन सकते हैं, जैसे –
पेशाब की नली में इंफेक्शन
अगर बैक्टीरिया पेशाब के रास्ते या मूत्राशय के अंदर तक पहुंच जाए, तो इससे यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। इसके कारण पीरियड्स के समय योनि में जलन और दर्द हो सकता है।
और पढ़ें : कंडोम के नुकसान : इस्तेमाल करने से पहले ही जान लें
ट्राइकोमोनिएसिस (यौन संचारित रोग)
ट्राइकोमोनिएसिस, यह सबसे आम यौन संचारित बीमारी है। यह महिला और पुरुषों दोनों में हो सकती है। इसके होने से भी पीरियड्स के दौरान योनि में जलन, खुजली, पतला या गाढ़ा डिस्चार्ज, डिस्चार्ज के रंग में बदलाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
योनि या आसपास की त्वचा में दाद
इसकी वजह से भी योनि में जलन की समस्या हो सकती है। इसके कारण योनि में सूजन या दाने निकल सकते हैं, जो पीरियड्स में योनि में जलन और खुजली का कारण बन सकते हैं।
पीरियड्स में योनि में जलन के घरेलू उपचार
पीरियड्स में योनि में जलन और खुजली के लिए कई घरेलू उपचार हैं। इसमें शामिल है :
- ढीले-ढाले सूती अंडरवियर पहनें और टाइट कपड़े और बहुत ज्यादा मोटे कपड़े पहनने से बचें।
- सुगंधित उत्पादों का प्रयोग किए बिना वजायना को धोएं।
- बेकिंग सोडा से सिट्ज बाथ लें।
- टैम्पोन की बजाय अनसेंटेड पैड, वॉशेबल पैड, अर्ब्जॉबेंट अंडरवियर या मैंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करें।
परियड्स के समय योनि में जलन को दूर करने के लिए आप हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग भी कर सकते हैं। इसे आप केमिस्ट से खरीद सकते हैं। इस क्रीम को योनि पर ऊपर से ही लगाएं और क्रीम योनि के अंदर नहीं जानी चाहिए।
और पढ़ेंः एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचने के 9 टिप्स
अगर आप ओवर-द-काउंटर एंटीफंगल क्रीम और दवाओं का उपयोग करती हैं तो आपको यीस्ट संक्रमण के लक्षणों से राहत मिल सकती है। यीस्ट संक्रमण के लिए कई घरेलू उपचार भी हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं, इनमें शामिल हैं :
- सादी ग्रीक योगर्ट को योनि पर लगाएं।
- योनि के नैचुरल फ्लोरा को संतुलित करने के लिए प्रोबायोटिक्स लें।
- एक योनि सपोसिटरी का उपयोग करें जिसमें टी ट्री ऑयल शामिल हो।
- नहाने के पानी में आधा कप एप्पल साइडर सिरका मिलाएं और 20 मिनट बाद इस पानी से नहाएं।
- यदि आपको बार-बार यीस्ट इंफेक्शन होता है तो आपको संक्रमण को दूर करने के लिए तेज असर वाली दवाओं की जरूरत पड़ हो सकती है।
अगर आप पीरियड्स में योनि में जलन या योनि में संक्रमण की परेशानी से बचना चाहती हैं तो हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। किसी भी गंभीर स्थिति में डॉक्टर से बात करें।
पीरियड्स में योनि में जलन की समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि यह इंफेक्शन के कारण ही हो। कई बार ज्यादा देर तक पैड इस्तेमाल करने की वजह से भी महिलाओं को पीरियड्स में योनि में जलन महसूस हो सकती है।
[embed-health-tool-ovulation]