backup og meta

प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह होता है रिस्की, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/12/2019

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह होता है रिस्की, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह महिलाओं के लिए कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। प्रेग्नेंसी की ये पहली तिमाही महिलाओं के लिए स्ट्रेसफुल और चैलेंजिंग भी हो सकती है। अगर महिला को कोई फर्टिलिटी इश्यू है तो ये परेशानी को अधिक बढ़ा सकता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआत में होने वाली कुछ समस्याओं के कारण ही प्रेग्नेंसी की खबर दूसरों को न बताने की सलाह दी जाती है। वैसे प्रेग्नेंसी की खबर की जानकारी दूसरों को देना या न देना महिला का निजी फैसला हो सकता है। घर और परिवार को अपने फैसले में शामिल करना उचित रहेगा। ये पूरी तरह से महिला पर निर्भर करता है कि वो क्या करना चाहती है। प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह कुछ बातों का ध्यान रख एंजॉय किया जा सकता है।

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह क्यों जुड़ा है रिस्क से?

    प्रेग्नेंसी की शुरुआत में महिला को कभी भी मिसकैरिज हो सकता है। प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह बच्चे की हार्टबीट के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर 12वें सप्ताह तक बच्चे की हार्टबीट इस्टेब्लिश हो गई तो केवल 5 प्रतिशत ही मिसकैरिज के चांसेस रहते हैं। प्रेग्नेंसी के कुछ समय बाद यानी दूसरी तिमाही तक सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा। ऐसे समय में महिला प्रेग्नेंसी के बारे में बता सकती है। अनाउंसमेंट के समय में महिला को सपोर्ट की भी जरूरत होती है। अगर मेडिकल पॉइंट ऑफ व्यू से बात की जाए तो प्रेग्नेंसी के 12वें सप्ताह को सेफ माना जाता है।

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह चल रहा है तो दिख सकते हैं ये बदलाव

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह महिलाओं के लिए जहां एक ओर खुशिया लेकर आता है, क्योंकि 12वां सप्ताह आते-आते प्रेग्नेंसी कंफर्म होने लगती है वहीं उसके शरीर में बहुत से बदलाव भी देखने को मिलते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं,

    • चक्कर आना।
    • सेक्स ड्राइव में बदलाव।
    • बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होना।
    • थकान लगना।
    • सोते समय अत्यधिक लार का बहना।
    • सूजन या गैस की समस्या।
    • किसी विशेष गंध का ज्यादा महसूस होना।
    • योनि स्राव में वृद्धि।
    • कभी-कभी सिरदर्द होना।

    यह भी पढ़ें :  मां और शिशु दोनों के लिए बेहद जरूरी है प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह और खानपान

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह बच्चे के विकास के साथ ही मां के खानपान के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होता है। शरीर में सही कैलोरी की मात्रा पहुंचने के लिहाज से भी प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह महत्वपूर्ण होता है। प्रेग्नेंट महिला को पर डे 300 कैलोरी एक्स्ट्रा चाहिए होती है। साथ ही 15 से 20 ग्राम रोजाना प्रोटीन की आवश्यकता होती है। कई बार शरीर की जरूरत के हिसाब से या फिर मेडिकल कंडिशन की वजह से ये आकड़ा अलग भी हो सकता है। आपको कैलोरी लेने के साथ ही उसे बर्न करने के बारे में भी सोचना चाहिए। प्लेट में 50 % फल और सब्जियाें को शामिल करें। 25 % प्रोटीन भी आपको लेना है। चार टेबलस्पून फैट रोजाना लिया जाना चाहिए।

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह चल रहा है तो रखें ध्यान

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह मां की डायट के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। खाने में फल और सब्जियों को शामिल करते वक्त इस बात ध्यान रखें कि आजकल हर सीजन में लगभग सभी सब्जियां और फल मिल जाते हैं। आपको ये सोचने कि जरूरत नहीं है कि इस सीजन में फलां चीज नहीं मिलेगी। वैसे भी कहा जाता है कि फल या सब्जियां शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। अगर कुछ नहीं भी मिल रहा है तो उसकी जगह सीजन फल या सब्जियों को स्थान दिया जा सकता है। इससे आपको समान न्यूट्रिएंट्स ही मिलेंगे। कई बार सिंगल फूड से ही आपको कई प्रकार का पोषण मिल जाएगा। उदाहरण के लिए दाल में अच्छी मात्रा में फॉलिक एसिड, ओमेगा 3 फैटी एसिड और आयरन पाया जाता है। जो लोग वेजीटेरियन है, उनके लिए ये अच्छा स्त्रोत है। चाहे तो पहली तिमाही के लिए एक प्रकार का फूड, वहीं दूसरी तिमाही के लिए अलग प्रकार का फूड अपना सकती हैं। इसके लिए आप डायटीशियन की मदद ले सकती हैं। वो आपको बेहतर तरीके से बता देगी कि क्या खाना सही रहेगा और क्या नहीं?

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह शुरू हो चुका है, प्रेग्नेंसी की खबर सबको बताना चाहिए या नहीं?

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह शुरू हो चुका है, ऐसे में घरवालों के अलावा महिला को किसी को अपनी प्रेग्नेंसी की खबर बतानी चाहिए या फिर नहीं, इस बात पर डॉक्टर आपको राय नहीं दे सकते। कई बार जब प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह चल रहा है तो घरवाले भी  प्रेग्नेंसी की बात किसी को बताने से इंकार कर सकते हैं लेकिन, इस बारे में महिला को खुद ही तय करना होगा। प्रेग्नेंसी की बात तुरंत बताने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के शुरुआत में ही मिसकैरिज होने का खतरा रहता है। अगर महिला का मिसकैरिज हो गया तो बाकी लोगों को उसे जबाव देना पड़ सकता है। ऐसे में महिला खुद को कमजोर महसूस कर सकती है।’ कई बार यही बात महिला को अंदर से तोड़ सकती है। ऐसे में दोबारा प्रेग्नेंसी के बारे में सोचना कठिन हो जाता है। समाज का महिला के प्रति दबाव उसे मानसिक रूप से कमजोर भी कर सकता है। बिना जानकारी के समाज मिसकैरिज का दोषी महिला को ही बना देता है।

    यह भी पढ़ें : गोरा बच्चा चाहिए तो नारियल खाएं, कहीं आप भी तो नहीं मानती इन धारणाओं को?

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह होता है महत्वपूर्ण

    लखनऊ की रहने वाली हाउस वाइफ आकांक्षा झा अपने पहले मिसकैरिज के दर्द को शेयर करते हुए कहती हैं कि, ‘जब मैं पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी, उस वक्त घर में सब लोग बहुत खुश थे। मैंने अपनी प्रेग्नेंसी की खबर सभी लोगों को बता दी थी। प्रेग्नेंसी के करीब डेढ़ महीने बाद ही मुझे अचानक से पेट में दर्द शुरू होने लगा। पहले मुझे लगा कि ये प्रेग्नेंसी के दौरान शायद इसी तरह का दर्द होता है। कुछ समय बाद मेरा मिसकैरेज हो गया। ये मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुखद समय था। ऐसे समय में मेरी फैमिली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। मुझे अब ये एहसास होता है कि अगर मैेंने उस समय सभी लोगों को मेरी प्रेग्नेंसी की खबर नहीं बताई होती तो ये मेरे लिए ज्यादा अच्छा साबित होता। मेरा मानना है कि प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह हर महिला के लिए महत्वपूर्ण होता है। महिलाओं को एक समय बाद ही अपनी प्रेग्नेंसी की खबर लोगों को बतानी चाहिए।’

    यह भी पढ़ें : क्या एबॉर्शन और मिसकैरिज के बाद हो सकती है हेल्दी प्रेग्नेंसी?

    चैलेंजिंग होता है प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह

    लोगों को प्रेग्नेंसी की खबर न बताना एक अलग बात है। किसी और के मिसकैरिज की खबर सुनकर आप जरूर सावधानियों को जानकर भविष्य के लिए तैयार जरूर हो सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि जानकारी के अभाव में ऐसा कदम उठा लेते हैं जो भविष्य में हमे मंहगा साबित हो सकता है। ऐसा ही मिसकैरिज में भी होता है। जब कुछ महिलाएं मिसकैरिज के एक्सपीरियंस शेयर कर रहीं हो तो उन्हें ध्यान से सुनना चाहिए। बातचीत से भी भविष्य में होने वाली परेशानी का हल निकल सकता है।

    प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह महिला के लिए चैलेंजिग होता है। शरीर में बदलाव के साथ ही मन में डर भी बना रहता है। बेहतर रहेगा कि जो भी निर्णय लें, परिवार वालों को उसमें शामिल करें। परिवार और पार्टनर की हेल्प से एक सही निर्णय लेने में आपको मदद मिलेगी। शारीरिक जांच के लिए समय-समय पर अपने डॉक्टर से भी संपर्क करें। प्रेग्नेंसी का 12वां सप्ताह डराने वाला नहीं होता है, बस कुछ बातों का ध्यान रख कर इसे एंजॉय किया जा सकता है।

    हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr Sharayu Maknikar


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/12/2019

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement