3. यूरिन टेस्ट
प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप के दौरान यूरिन टेस्ट भी किया जाता है। इससे यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन और किडनी से जुड़ी परेशानियों को समझा जा सकता है।
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4. गायनोकोलॉजिकल स्क्रीनिंग
गायनोकोलॉजिकल स्क्रीनिंग की मदद से यूटराइन फाइब्रॉइड्स, सिस्ट, ट्यूमर या कोई अन्य पेल्विस इंफ्लमेटरी डिजीज (PID) की जानकारी मिल सकती है। इससे अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म), PCOS (पॉलिसिस्टिक ऑवेरियन सिंड्रोम) या कोई अन्य गर्भाशय संबंधी समस्या की भी जानकारी मिल सकती है।
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5. ब्रेस्ट, पेल्विस और एब्डॉमिन चेकअप
प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप के वक्त ब्रेस्ट की जांच की जाती है। इससे ब्रेस्ट में लंप की जानकारी मिल सकती है। पेल्विस एग्जामिन से यीस्ट या ट्रीकॉमोनिएसिस जैसी परेशानी की जानकारी मिल जाती है। वहीं एब्डॉमिन एग्जामिन से फिजिकल अनामोलिएस (Anamolies) जैसी अन्य जानकरी मिल जाती है।
6. ब्लड प्रेशर की जांच
मां बनने वाली महिला का ब्लड प्रेशर नॉर्मल या हाई है इसकी जानकारी मिल जाती है। इसके बाद दोनों स्थितियों में डॉक्टर इसको कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में बताता है।
7. PAP टेस्ट
PAP टेस्ट में डॉक्टर स्पेक्यूलम से सर्विक्स की जांच करते हैं। इस टेस्ट से HIV जैसे अन्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) की भी जानकारी मिल जाती है।