डिलिवरी के तकरीबन एक महीने बाद लिनिया नाइग्रा दिखना बंद हो जाता है। अगर गर्भवती महिला ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं, तो लिनिया नाइग्रा खत्म होने में और वक्त लग सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान भी हॉर्मोन में बदलाव होते रहता है। यही नहीं अगर महिला दूसरी बार प्रेग्नेंट होती हैं, तो फिर से यह लाइन नजर आ सकती है।
क्या गर्भावस्था में लिनिया नाइग्रा (Pregnancy linea nigra) से गर्भ में शिशु को कोई नुकसान हो सकता है?
इसका दिखाई देना गर्भावस्था का एक स्वाभाविक हिस्सा है। गर्भावस्था के दौरान लिनिया नाइग्रा (Pregnancy linea nigra) या गर्भावस्था में पेट पर काली रेखा किसी भी प्रकार की हानि से रहित रेखा है। इसके बारे में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इससे न तो गर्भ में पल रहे शिशु को कोई हानि होती है और न ही गर्भवती महिला को।
क्या गर्भावस्था के दौरान पेट पर काली रेखा न दिखना चिंता का विषय है?
नहीं, गर्भावस्था के दौरान पेट पर काली रेखा न दिखाई देना चिंता का विषय नहीं है। जरूर नहीं कि यह हर गर्भवती महिला में नजर आए।
गर्भावस्था में लिनिया नाइग्रा (Pregnancy linea nigra): इससे कैसे बचें?
लिनिया नाइग्रा आमतौर पर शिशु के जन्म के बाद बिना इलाज के ही या तो गायाब हो जाते हैं या फिर फीके पड़ जाते हैं। ये प्रसव के बाद एक साल के अंदर मिट सकते हैं और त्वचा अपने सामान्य टोन में वापस आ सकती है। हालांकि ये कोई बीमारी नहीं इसलिए लिनिया नाइग्रा से परेशान न हों। अगर बहुत ज्यादा ही परेशानी महसूस हो रही है, तो निम्नलिखित टिप्स अपना सकते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान सूरज की किरणों का बहुत ज्यादा संपर्क त्वचा को और काला कर सकता है। इससे लिनिया नाइग्रा और भी ज्यादा स्प्ष्ट दिखाई देने लग सकती है। इससे बचने के लिए या तो सूर्य की किरणों के संपर्क में न आए या फिर सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें। दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें तो ही बेहतर है।
- शरीर को पूरी तरह से ढ़ंककर और सनस्क्रीन लगाकर निकलें। सनस्क्रीन का चयन भी सोच समझकर करें
- कोकोआ बटर को त्वचा की देखभाल के लिए सबसे बेहतर माना गया है। इसमें मॉश्चराइजिंग गुण होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान त्वचा पर पड़ने वाले निशानों को हल्का करने में मदद कर सकता है। फिर चाहे वो स्ट्रेच मार्क्स हों या फिर लिनिया नाइग्रा।
- डॉक्टर की सलाह पर फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
- गर्भावस्था में लिनिया नाइग्रा के बारे में जानकारी जरूरी है। कई अध्ययनों में त्वचा कोशिकाओं पर विटामिन-ई के सुरक्षात्मक प्रभाव पाए गए हैं। पेट पर विटामिन-ई (Vitamin E) जेल लगाने से त्वचा के रंग को हल्का करके टोन करने में मदद मिलती है।
- कई प्राकृतिक तेलों में रोगाणुरोधी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो उन्हें त्वचा के लिए फायदेमंद बनाते हैं। पेट के ऊपर प्राकृतिक तेलों से मसाज करने से गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन धीरे-धीरे कम हो सकती है और कुछ समय के बाद ठीक भी हो सकती है।
- वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें फोलिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो जैसे पालक, ब्रोकली (Broccoli), पपीता, संतरा, और अंगूर का सेवन करें।
और पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी में हॉट वॉटर बाथ लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान पेट पर नजर आने वाली काले रंग की लाइन स्वाभाविक है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। साथ ही यह मां और होने वाले शिशु दोनों के लिए ही हानिकारक नहीं है। लिनिया नाइग्रा से संबंधित यह जानकारी आप दूसरों के साथ भी शेयर करें, ताकि अगर किसी को इस विषय में कोई संदेह हो, तो वो दूर हो जाए। लिनिया नाइग्रा के अलावा कोई और स्किन से जुड़ी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप इस विषय में अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हम से संपर्क कर सकते हैं।